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'वायु' तूफान से तबाह हुए FRI में खड़े बेशकीमती पेड़, अभी भी नहीं टला है खतरा

शहर में आये वायु तूफान के कारण कई जगह नुकसान हुआ. विश्व प्रसिद्ध भारतीय वन अनुसंधान (FRI) में दर्जनों बेशकीमती पेड़ गिर गए. जिनमें भारी संख्या में हर्बल और औषधीय वृक्ष थे, जो देश विदेश के कोने-कोने से लाकर यहां लगाए गये थे.

FIR में गिरे बेशकीमती पेड़
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Published : Jun 13, 2019, 10:33 PM IST

Updated : Jun 13, 2019, 10:55 PM IST

देहरादून: गुजरात में आये चक्रवात वायु का आंशिक असर देहरादून में भी देखने को मिला. इस तूफान से देहरादून भारतीय वन अनुसंधान (एफआरआई) में खड़े दर्जनों बेशकीमती पेड़ गिर गए. हालांकि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई है. फिलहाल तूफान के कारण FRI में कीमती औषधीय वृक्षों के गिरने से हुए नुकसान का आंकलन नहीं लगाया जा सका है.

बीते बुधवार देर शाम देहरादून में भी लगभग 60 किलोमीटर की रफ्तार से तूफान आया. जिसमें देहरादून स्थित विश्व प्रसिद्ध भारतीय वन अनुसंधान (FRI) में काफी नुकसान हुआ है. इस तूफान के कारण दर्जनों हर्बल व औषधि युक्त बेशकीमती पेड़ गिर गए. साथ ही कई ट्रांसफार्मर भी गिरने से नुकसान हुआ है.

FIR में गिरे बेशकीमती पेड़

पढ़ें-कैबिनेट में खाली पड़े हैं तीन मंत्री पद, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र पर 30 विभागों की जिम्मेदारी

जानकारी के अनुसार भारतीय वन अनुसंधान (एफआरआई) में लगभग 7 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में सैकड़ों प्रजाति के पेड़-पौधे लगाए गये हैं. जिनमें भारी संख्या में हर्बल और औषधीय वृक्ष हैं, जो देश विदेश के कोने-कोने से लाकर यहां लगाए गये हैं.

ऐसे में वायु चक्रवात का असर अगर आने वाले दिनों में देहरादून पर पड़ता है तो बाकी नुकसानों के साथ-साथ FRI में संचित बेशकीमती वृक्षों पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा.

देहरादून: गुजरात में आये चक्रवात वायु का आंशिक असर देहरादून में भी देखने को मिला. इस तूफान से देहरादून भारतीय वन अनुसंधान (एफआरआई) में खड़े दर्जनों बेशकीमती पेड़ गिर गए. हालांकि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई है. फिलहाल तूफान के कारण FRI में कीमती औषधीय वृक्षों के गिरने से हुए नुकसान का आंकलन नहीं लगाया जा सका है.

बीते बुधवार देर शाम देहरादून में भी लगभग 60 किलोमीटर की रफ्तार से तूफान आया. जिसमें देहरादून स्थित विश्व प्रसिद्ध भारतीय वन अनुसंधान (FRI) में काफी नुकसान हुआ है. इस तूफान के कारण दर्जनों हर्बल व औषधि युक्त बेशकीमती पेड़ गिर गए. साथ ही कई ट्रांसफार्मर भी गिरने से नुकसान हुआ है.

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जानकारी के अनुसार भारतीय वन अनुसंधान (एफआरआई) में लगभग 7 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में सैकड़ों प्रजाति के पेड़-पौधे लगाए गये हैं. जिनमें भारी संख्या में हर्बल और औषधीय वृक्ष हैं, जो देश विदेश के कोने-कोने से लाकर यहां लगाए गये हैं.

ऐसे में वायु चक्रवात का असर अगर आने वाले दिनों में देहरादून पर पड़ता है तो बाकी नुकसानों के साथ-साथ FRI में संचित बेशकीमती वृक्षों पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा.

Intro:pls note_input_महोदय, यह किरण कांत शर्मा का मोजो मोबाइल हैं,जिसे मैं (परमजीत सिंह )इसे इस्तेमाल कर रहा हूं। मेरा मोजो मोबाइल खराब हो गया हैं, ऐसे मेरी स्टोरी इस मोजो से भेजी जा रही हैं.. ID 7200628



देहरादून-गुजरात में आये ख़तरनाक चक्रवात "वायु" का आंशिक असर उत्तराखंड में भी बुद्धवार देर शाम को देखने को मिला। देहरादून में भी लगभग 60 किलोमीटर की रफ़्तार से आये तूफान से कई स्थानों में असर देखने को मिला, देहरादून स्थित विश्व प्रसिद्ध भारतीय वन अनुसंधान (FRI) देर शाम आये तेज़ तूफ़ान से दर्जनों हर्बल व औषधि युक्त बेशक़ीमती पेड़ धराशाई हो गए, जिसके चलते एफआईआर कैम्पस में कई मुख्य मार्ग बाधित हो गए हालांकि इस बीच किसी तरह की जनहानी की सूचना नहीं आयी हैं। तेज़ तूफान से FRI में कई दशकों पुराने कीमती बड़े वृक्ष गिरने से विद्युत की लाइन टूटने के साथ ही कई ट्रांसफार्मर भी गिरने से नुकसान हुआ हैं।देर भारी संख्या में पेड़ के नुकसान से देर रात FRI में बिजली के जगह जगह लाइने ध्वस्त होने से विद्युत सप्लाई पूरी तरह से बाधित रही।उधर इस घटना के हालांकि देर रात तक कैम्पस में मुख्य मार्गो से पेडों को हटाने के साथ विद्युत लाइनों व ट्रांसफार्मरों को सुधारने का कार्य जारी है. तेज़ तूफान के चलते औषधि युक्त धराशाई होने वाले वृक्षों का फिलहाल आकलन लगाए जा रहा है लेकिन आगे भी चक्रवात "वायु" के आंशिक असर से आगे भी नुकसान का खतरा बरकरार है।


Body:तूफ़ान के कहर से FIR औषधीय वृक्ष को भारी नुकसान, गनीमत रहा जनहानी नहीं

बुद्धवार देर शाम आये चक्रवात वायु के आंशिक असर के मुताबिक आये तूफान से जहाँ एक ओर देहरादून भारतीय वन अनुसंधान (एफ आरआई) दर्ज़नो बेशकीमती पेड़ों ले गिरने से नुकसान हुआ वही गनीमत रहा कि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई जबकि इन दिनों पर्यटक सीजन के चलते एफआरआई में भारी तादाद में देश के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक ऐतिहासिक एफआरआई कैम्पस में भृमण के लिए पहुँच रहे हैं।
फ़िलहाल तूफ़ान से FRI में कितने कीमती औषधीय वृक्ष गिरे से अभी इसका आंकलन नहीं लगाया जा सका हैं।



Conclusion:भारतीय वन अनुसंधान (एफआरआई) में लगभग 7 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में सैकड़ों प्रजाति के अनेक प्रकार के पेड़ों सहित भारी संख्या में हर्बल व औषधीय वृक्ष देश विदेश के कोने-कोने से लाकर लगाए उनको संरक्षित किया जाता हैं, ऐसे में गुजरात तटों से आये वायु चक्रवात का असर अगर आने वाले दिनों फ़िर से देहरादून में नजर आता हैं तो FRI में भारी संख्या में दशकों पुराने संजोकर रखे गए बेशकीमती वृक्षों को नुकसान हो सकता हैं।

पीटीसी PTC
Last Updated : Jun 13, 2019, 10:55 PM IST
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