देहरादून: शारीरिक चुनौतियों को दरकिनार करते हुए उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की व्हीलचेयर रेसर पैरा एथलीट होप टेरेसा डेविड ने दुबई मैराथन में भारत की ओर से एकमात्र प्रतिभागी के रूप में भाग लिया. उन्होंने 4 किलोमीटर की मैराथन को 35 मिनट में पूरा करके एक रिकॉर्ड बनाते हुए उत्तराखंड सहित देश का नाम रोशन किया है. होप टेरेसा डेविड ने दुबई मैराथन में फिनिशर मेडल हासिल किया
दुबई मैराथन 2023 में प्रतिभाग करके लौटी होप टेरेसा ने कहा उनका अगला लक्ष्य नेशनल गेम्स में भारत की ओर से खेलना और मेडल हासिल करना है. इसके लिए वह अभी से ही कठिन परिश्रम और कड़ा अभ्यास कर रही हैं. उन्होंने बताया दुबई मैराथन के लिए उन्होंने एक महीने का कठिन परिश्रम किया और इस मैराथन में प्रतिभाग किया. इस मैराथन में भारत के अलावा अमेरिका, स्विट्जरलैंड, अफ्रीका, जापान, चीन और लंदन समेत अन्य देश के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.
ये भी पढ़ें: Garhwal University के वैज्ञानिकों के हाथ लगी बड़ी सफलता, खोज निकाला 5 करोड़ 20 लाख साल पुराना चींटी का जीवाश्म
होप टेरेसा सबसे कम उम्र की पैरा एथलीट रही, जिसने यह मैराथन सबसे कम समय में जीती. होप टेरेसा ने बताया वह उत्तराखंड की रहने वाली हैं. फिलहाल गुड़गांव में प्रज्ञान एकेडमी में कक्षा 6 की छात्रा हैं. इस मौके पर होप टेरेसा की मां शिल्पी डेविड ने कहा उनकी बेटी ने दुबई मैराथन के लिए कठिन परिश्रम से अभ्यास किया था. जिसका परिणाम है कि आज विदेश में भारत के साथ ही उत्तराखंड का नाम रोशन हुआ है.
उन्होंने कहा होप टेरेसा डेविड के कोच दिल्ली में रहते हैं. शुरुआती दौर में साइकिल की डिमांड की गई, लेकिन वह साइकिल नहीं चला पायी और बाद में रेसिंग चेयर जो भारत में नहीं मिलती है, ऐसे में चेयर को विदेश से मंगाया गया. 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद उनकी बेटी ने दुबई मैराथन की चुनौती को स्वीकारा.उन्होंने भारतीय पैरालंपिक कमेटी से भी आग्रह किया है कि जो आयु सीमा की दिक्कत है, उसे दूर किया जाना जरूरी है. ताकि प्रतिभावान खिलाड़ियों को विभिन्न प्रतिस्पर्धा में भाग लेने का मौका मिल सके.