देहरादून: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच देश में 17 मई तक लॉकडाउन है. लोग अपने घरों में रहकर ही कोरोना से बचाव कर रहे हैं. ऐसे समय में गर्भवती महिलाओं को अपना खास ध्यान रखने की जरूरत है.
देहरादून की गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर सुजाता संजय का कहना है कि ऐसी महिलाओं को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ डॉक्टर के संपर्क में रहने की जरूरत है. ETV BHARAT से खास बातचीत में डॉक्टर सुजाता संजय ने कहा कि प्रेग्नेंट महिला को शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए तनाव मुक्त रहना चाहिए. खुद को सकारात्मक और आध्यात्मिक माहौल में रखना चाहिए.
गायनेकोलॉजिस्ट के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान तमाम तरह के बदलाव शरीर में दिखते हैं. इसको लेकर ध्यान देने की जरूरत होती है. इस दौरान खान-पान का शरीर पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है. पहले तीन महीने में कुछ समस्याएं आम होती हैं. उल्टी, जी मचलाना, वजन घटना, भूख ना लगने जैसी समस्या पर डॉक्टर से सलाह लेकर दवाइयां ले सकते हैं.
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मिड ट्राइमेस्टर में शिशु का विकास होता है. इस दौरान साफ-सफाई और डाइट पर विशेष ध्यान रखना होता है. खाने में आयरन, कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट का संतुलित भोजन होना चाहिए और पानी भरपूर पीना चाहिए.
आखिरी ट्राइमेस्टर में गर्भवती महिला की बेचैनी बढ़ जाती है. क्योंकि जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आने लगता है. मानसिक और शारीरिक तनाव बढ़ने लगता है. इस दौरान पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द बढ़ने की समस्या के साथ रक्त स्राव या अन्य तरह की समस्या आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसके साथ ही महिला को अपने बच्चे के मूवमेंट पर भी नजर रखनी चाहिए.