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बजट सत्र: कर्ज से उबरने के लिए धामी सरकार की कवायद, जानें क्या रहेगी रणनीति - Dhami government plan to get Uttarakhand out of debt

उत्तराखंड विधानसभा का आगामी बजट सत्र 7 जून से गैरसैंण के भराड़ीसैंण में शुरू होगा. बतौर सीएम पुष्कर सिंह धामी का गैरसैंण में यह पहला विधानसभा सत्र है.

What is the plan of Dhami government to get Uttarakhand out of debt
कर्ज से उबरने के लिए धामी सरकार की कवायद
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Published : May 29, 2022, 9:39 PM IST

Updated : May 29, 2022, 9:55 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पांचवीं विधानसभा का बजट सत्र 7 जून से प्रस्तावित है. इन 22 सालों में छोटा सा राज्य उत्तराखंड 73 हजार करोड़ के कर्ज के तले डूब चुका है. उत्तराखंड में लगातार घटता राजस्व और बढ़ते खर्चे के चलते उत्तराखंड लगातार कर्ज के पहाड़ के नीचे दबता जा रहा है.

वित्त विभाग के आंकड़े बताते हैं कि छोटे से राज्य उत्तराखंड के ऊपर भारी भरकम तकरीबन 73 हजार 477 करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है. अगर रफ्तार यही रही तो अगले 2 से 3 सालों में यह कर्ज बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच जाएगा. वहीं, लगातार बढ़ रहे इस कर्ज को लेकर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी चिंता जाहिर की है. उन्होंने इस कर्ज से पार पाने के लिए सरकार की क्या कुछ रणनीति है इस बारे में बताया.

कर्ज से उबरने के लिए धामी सरकार की कवायद

पढे़ं- प्राकृतिक जल स्रोतों के लिए भूकंप साबित हो रहे वरदान, शोध में हुआ खुलासा

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया सरकार और वित्त विभाग लगातार बढ़ रहे इस कर्ज को लेकर गंभीर है. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि उत्तराखंड राज्य एक छोटा राज्य है और पहाड़ी राज्य भी है. यहां पर आय के साधन कम है और चुनौतियां ज्यादा हैं.

उन्होंने कहा प्रदेश पर जो 73 हजार करोड़ रुपए का कर्जा है उसे वह एक झटके में खत्म करने की स्थिति में तो नहीं हैं, लेकिन उनका पूरा प्रयास होगा कि यह कर्ज लगातार सीमित रहे. अगर कर्ज बढ़ता भी है तो इसकी रफ्तार को नियंत्रण में रखा जाए. उन्होंने कहा सरकार का लगातार यह फोकस है कि कैसे राजस्व को बढ़ाया जाए. साथ ही खर्चों को कम करने पर भी सरकार ध्यान दे रही है.

पढे़ं- उत्तराखंड मौसमः पहाड़ी जिलों में बरस सकते हैं बदरा, 40KM की रफ्तार से चलेगी हवा

वित्त और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट के स्वरूप को लेकर बनाई गई रणनीति के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया इस बार का बजट जनता के बजट के रूप में लाया जा रहा है. कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा बजट को लेकर एक लंबी एक्सरसाइज की जा चुकी है. जिसमें बजट से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स जनता समाज के प्रबुद्ध वर्ग और अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों से सुझाव लिए गए हैं. इन सभी सुझावों को समाहित करने के बाद एक जनहितकारी बजट को इस सरकार द्वारा लाया जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पांचवीं विधानसभा का बजट सत्र 7 जून से प्रस्तावित है. इन 22 सालों में छोटा सा राज्य उत्तराखंड 73 हजार करोड़ के कर्ज के तले डूब चुका है. उत्तराखंड में लगातार घटता राजस्व और बढ़ते खर्चे के चलते उत्तराखंड लगातार कर्ज के पहाड़ के नीचे दबता जा रहा है.

वित्त विभाग के आंकड़े बताते हैं कि छोटे से राज्य उत्तराखंड के ऊपर भारी भरकम तकरीबन 73 हजार 477 करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है. अगर रफ्तार यही रही तो अगले 2 से 3 सालों में यह कर्ज बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच जाएगा. वहीं, लगातार बढ़ रहे इस कर्ज को लेकर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी चिंता जाहिर की है. उन्होंने इस कर्ज से पार पाने के लिए सरकार की क्या कुछ रणनीति है इस बारे में बताया.

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वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया सरकार और वित्त विभाग लगातार बढ़ रहे इस कर्ज को लेकर गंभीर है. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि उत्तराखंड राज्य एक छोटा राज्य है और पहाड़ी राज्य भी है. यहां पर आय के साधन कम है और चुनौतियां ज्यादा हैं.

उन्होंने कहा प्रदेश पर जो 73 हजार करोड़ रुपए का कर्जा है उसे वह एक झटके में खत्म करने की स्थिति में तो नहीं हैं, लेकिन उनका पूरा प्रयास होगा कि यह कर्ज लगातार सीमित रहे. अगर कर्ज बढ़ता भी है तो इसकी रफ्तार को नियंत्रण में रखा जाए. उन्होंने कहा सरकार का लगातार यह फोकस है कि कैसे राजस्व को बढ़ाया जाए. साथ ही खर्चों को कम करने पर भी सरकार ध्यान दे रही है.

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वित्त और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट के स्वरूप को लेकर बनाई गई रणनीति के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया इस बार का बजट जनता के बजट के रूप में लाया जा रहा है. कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा बजट को लेकर एक लंबी एक्सरसाइज की जा चुकी है. जिसमें बजट से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स जनता समाज के प्रबुद्ध वर्ग और अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों से सुझाव लिए गए हैं. इन सभी सुझावों को समाहित करने के बाद एक जनहितकारी बजट को इस सरकार द्वारा लाया जाएगा.

Last Updated : May 29, 2022, 9:55 PM IST
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