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सेटेलाइट सेंटर के रूप में वेलनेस सेंटर और टेलीमेडिसिन सेवा का होगा विस्तार, जनवरी में चिंतन शिविर

उत्तराखंड में वेलनेस सेंटर और टेलीमेडिसिन सेवा का सेटेलाइट सेंटर के रूप में विस्तार किया जाएगा. सभी वेलनेस सेंटरों को मेडिकल कॉलेज और एम्स से जोड़ने की तैयारी की जा रही है. प्रदेश में 1800 वेलनेस सेंटर हैं. सभी को टेलीमेडिसिन सेवा और मेडिकल कॉलेज व एम्स ऋषिकेश से जोड़ा जाएगा.

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Published : Dec 16, 2022, 10:33 AM IST

Updated : Dec 16, 2022, 11:55 AM IST

सेटेलाइट सेंटर के रूप में वेलनेस सेंटर और टेलीमेडिसिन सेवा का होगा विस्तार.

देहरादूनः उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार कई बड़ी पहल कर रही है. इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार ने खासकर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन की सेवा भी शुरू की है, ताकि मरीजों को तत्काल उपचार दिया जा सके. इसी क्रम में अब सरकार टेलीमेडिसिन सेवा को विस्तार देने पर जोर दे रही है. इसके तहत टेलीमेडिसिन सेवा को प्रदेश में मौजूद वेलनेस सेंटर से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही सभी वेलनेस सेंटरों को मेडिकल कॉलेज और एम्स से जोड़ने जा रही है.

इसके तहत मेडिकल कॉलेज और एम्स के सेटेलाइट सेंटर के रूप में वेलनेस सेंटर और टेली मेडिसिन सेवा का विस्तार किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में टेलीमेडिसिन की सेवा संचालित की जा रही है. इसका लाभ लाखों लोग उठा रहे हैं. ऐसे में जो प्रदेश में 1800 वेलनेस सेंटर हैं, उन सभी को टेलीमेडिसिन सेवा से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही सभी 1800 सेंटर को मेडिकल कॉलेजों और एम्स ऋषिकेश से जोड़ा जाएगा. साथ ही कहा कि जब सभी वेलनेस सेंटर पर टेलीमेडिसिन की सुविधा होगी. ऐसे में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए दूर नहीं भागना पड़ेगा. इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति आएगी.

अगले साल जनवरी में स्वास्थ्य विभाग का चिंतन शिविरः स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि जब 2025 में राज्य 25 साल का हो जाएगा. उस दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में और क्या कुछ बेहतर कार्य किए जाने उन सभी का एक रोड मैप तैयार किया जाएगा. जिसको लेकर चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही चिंतन शिविर में इस पर भी मंथन किया जाएगा कि भारत सरकार से क्या कुछ और ला सकते हैं.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ हाईवे पर अलकनंदा नदी पर बने पुल की हालत जर्जर, भारी वाहनों की आवाजाही बंद

मंत्री रावत ने कहा कि चिंतन शिविर के कई फायदे हैं. जिसमें मुख्य रूप से न सिर्फ चिंतन शिविर में सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सुझाव आते हैं, बल्कि समस्याओं के समाधान के लिए भी तमाम सुझाव आते हैं.

क्या है टेलीमेडिसिन सेवाः टेलीमेडिसिन सेवा के तहत ग्रामीणों को घर बैठे ही स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी मिलती है. इससे ग्रामीणों को अस्पताल की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिल रहा है. इस सेवा के शुरू होने से दूर-दराज के क्षेत्रों के मरीजों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से अपने क्षेत्र के नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य परामर्श भी मिल रहा है. जानकारी के मुताबिक यह सेवा https://ehospital.gov.in पर उपलब्ध है.

सेटेलाइट सेंटर के रूप में वेलनेस सेंटर और टेलीमेडिसिन सेवा का होगा विस्तार.

देहरादूनः उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार कई बड़ी पहल कर रही है. इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार ने खासकर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन की सेवा भी शुरू की है, ताकि मरीजों को तत्काल उपचार दिया जा सके. इसी क्रम में अब सरकार टेलीमेडिसिन सेवा को विस्तार देने पर जोर दे रही है. इसके तहत टेलीमेडिसिन सेवा को प्रदेश में मौजूद वेलनेस सेंटर से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही सभी वेलनेस सेंटरों को मेडिकल कॉलेज और एम्स से जोड़ने जा रही है.

इसके तहत मेडिकल कॉलेज और एम्स के सेटेलाइट सेंटर के रूप में वेलनेस सेंटर और टेली मेडिसिन सेवा का विस्तार किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में टेलीमेडिसिन की सेवा संचालित की जा रही है. इसका लाभ लाखों लोग उठा रहे हैं. ऐसे में जो प्रदेश में 1800 वेलनेस सेंटर हैं, उन सभी को टेलीमेडिसिन सेवा से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही सभी 1800 सेंटर को मेडिकल कॉलेजों और एम्स ऋषिकेश से जोड़ा जाएगा. साथ ही कहा कि जब सभी वेलनेस सेंटर पर टेलीमेडिसिन की सुविधा होगी. ऐसे में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए दूर नहीं भागना पड़ेगा. इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति आएगी.

अगले साल जनवरी में स्वास्थ्य विभाग का चिंतन शिविरः स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि जब 2025 में राज्य 25 साल का हो जाएगा. उस दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में और क्या कुछ बेहतर कार्य किए जाने उन सभी का एक रोड मैप तैयार किया जाएगा. जिसको लेकर चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही चिंतन शिविर में इस पर भी मंथन किया जाएगा कि भारत सरकार से क्या कुछ और ला सकते हैं.
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मंत्री रावत ने कहा कि चिंतन शिविर के कई फायदे हैं. जिसमें मुख्य रूप से न सिर्फ चिंतन शिविर में सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सुझाव आते हैं, बल्कि समस्याओं के समाधान के लिए भी तमाम सुझाव आते हैं.

क्या है टेलीमेडिसिन सेवाः टेलीमेडिसिन सेवा के तहत ग्रामीणों को घर बैठे ही स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी मिलती है. इससे ग्रामीणों को अस्पताल की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिल रहा है. इस सेवा के शुरू होने से दूर-दराज के क्षेत्रों के मरीजों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से अपने क्षेत्र के नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य परामर्श भी मिल रहा है. जानकारी के मुताबिक यह सेवा https://ehospital.gov.in पर उपलब्ध है.

Last Updated : Dec 16, 2022, 11:55 AM IST
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