देहरादून: अनलॉक का पांचवा चरण शुरू हो चुका है. अनलॉक-5 में सरकार ने शादी समारोह के साथ ही अन्य कार्यक्रमों में 200 लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति दे दी है, लेकिन वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े तमाम व्यवसायियों को अनलॉक-5 में निराशा हाथ लगी है. उनका मानना है कि इस साल वह उस नुकसान के दौर से उबर नहीं पाएंगे. बता दें, देहरादून में वेडिंग इंडस्ट्री से 10,000 से ज्यादा लोग लॉकडाउन से प्रभावित हुए हैं.
बता दें, शादी समारोह के आयोजन में विभिन्न व्यवसायों के लोग जुड़े होते हैं, इसमें वेटिंग हॉल संचालक, ब्यूटी पार्लर, कैटरर, बैंड बाजा, डीजे और फूल व्यवसायी शामिल हैं, लेकिन मार्च माह के अंतिम सप्ताह से जारी लॉकडाउन के बाद से लेकर अब तक यानी पिछले 6 महीनों से इन सभी व्यवसायियों से जुड़े लोगों की आय शून्य है.
अनलॉक-5 के तहत सरकार द्वारा दी गई रियायतों को लेकर ईटीवी भारत ने वेटिंग इंडस्ट्री से जुड़े विभिन्न व्यवसाइयों के लोगों से बात की और उनका हाल जाना. वेडिंग प्वाइंट संचालकों ने बताया कि जब से लॉकडाउन जारी हुआ था. उस दौरान जुलाई माह तक शादियों का सीजन था. ऐसे में लॉकडाउन की वजह से जितनी भी एडवांस बुकिंग की गई थी, वह सभी कैंसिल कर दी गई. जिससे शहर के सभी वेडिंग पॉइंट संचालकों कम से कम 50 लाख के एक करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ है.
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इस साल वेडिंग इंडस्ट्री को पटरी पर लौटना मुश्किल
वेडिंग प्वाइंट संचालकों का कहना है कि सरकार ने अनलॉक-5 के तहत शादी समारोह व अन्य कार्यक्रमों में 200 लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति प्रदान कर दी है. इसके बावजूद लोग कोरोना के भय से शादी समारोह या किसी भी बड़े कार्यक्रम के आयोजन से बच रहे हैं. जिसकी वजह से उन्हें लगता नहीं कि इस साल तक उनका व्यवसाय पटरी पर लौट सकेगा. उनका मानना है कि अगर वेडिंग इंडस्ट्री की स्थिति में कोई सुधार होता भी है, तो यह सुधार अगले साल मार्च माह से शुरू होने वाले वेडिंग सीजन से देखने को मिल सकता है. बता दें, देहरादून में मौजूद लगभग 150 छोटे-बड़े वेडिंग प्वाइंटस की सभी एडवांस बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं.
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बैंड व्यवसायियों को कोरोना काल में लाखों का नुकसान
वहीं, बैंड व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी कोरोना काल में लाखों का नुकसान हुआ है. बैंड व्यवसायियों का कहना है कि राज्य सरकार ने अनलॉक-5 की गाइडलाइन जारी कर दी है लेकिन गाइडलाइन में बैंड बाजा व्यवसाय से जुड़े लोगों का कोई जिक्र नहीं है. जिसकी वजह से वह अभी भी असमंजस में है. बता दें, वर्तमान में देहरादून शहर में मौजूद कुल 80 में से 30 से ज्यादा बैंड की दुकानें बंद हो चुकी हैं. इसलिए बैंड कलाकार फल-सब्जियों की ठेली लगाकर या रिक्शा चला कर अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं.
फूल व्यवसायियों को भी भारी नुकसान
कोरोना काल में फूल व्यवसायियों का भी हाल बेहाल है. फूल व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनको लाखों का नुकसान हो चुका है. देहरादून में फूलों की दुकान चलाने वाली निधि सिंह ने ईटीवी भारत से अपना हाल साझा किया. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के भय से लोग किसी भी तरह के कार्यक्रमों का करवाने से परहेज कर रहे हैं. उनको भी नहीं लगता कि वो इस साल नुकसान से उबर सकती हैं.