देहरादून: लॉकडाउन ने लोगों की कमाई पर बुरा असर डाला है. देश में मार्च से लेकर जून-जुलाई तक शादियों का सीजन होता है. कोरोना और लॉकडाउन की वजह से देश की 45 हजार करोड़ सालाना कारोबार करने वाली शादी उद्योग बुरी तरह तबाह हो गई है. अमेरिका के बाद भारत को दुनिया का दूसरा सबसे महंगा और बड़ा वेडिंग मार्केट माना जाता है उत्तराखंड में भी वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को 100 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. क्योंकि, यहां एक शादी पर औसतन 2 दो लाख से लेकर 35 लाख रुपए तक का खर्च आता है.
उत्तराखंड में फिलहाल 200 से अधिक व्यापारी बैंड कारोबार से जुड़े हुए हैं. बैंड कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक उन्होंने इस साल शादियों और अन्य शुभ कार्यों के लिए ग्राहकों से एडवांस ले रखा है. कोरोना और लॉकडाउन के चलते शादियां और दूसरे कार्यक्रम कैंसल हो रहे हैं. ऐसे में अब ग्राहकों को एडवांस लौटाना उनके लिए बड़ी मुसीबत खड़ा कर रहा है.
वेडिंग इंडस्ट्री को 100 करोड़ से अधिक का नुकसान
साल 2019 में देहरादून में करीब 7 हजार शादियां हुईं थी. इस साल 60 लग्न मुहूर्त के मुताबिक करीब 10 हजार शादियां होने का अनुमान था, जो कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गया. मैरिज हाउस, डीजे, कैटरिंग, घोड़ी-बग्घी, टेंट-लाइटिंग, हलवाई, ब्यूटी पार्लर-सैलून, फूल कारोबारी और पुरोहित समाज भी कोरोना की मार से बच नहीं पाए हैं. कोरोना वायरस के कारण देहरादून में इस वर्ष लगभग 100 करोड़ से अधिक का नुकसान वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को होने जा रहा है.
ये भी पढ़ें: कोरोना ने सैलून संचालकों की बढ़ाई मुसीबतें, घर चलाना हुआ मुश्किल
बैंड कारोबारियों का बजा 'बैंड'
देहरादून में अल्ताफ बैंड के संचालक अब्दुल रहमान कहते हैं कि लॉकडाउन के तीसरे चरण में कई तरह राहत मिली है. सोशल डिस्टेंसिंग के चलते वेडिंग इंडस्ट्री अनिश्चितकाल का लॉकडाउन है. ऐसे में शादियों का कारोबार कब शुरू होगा, यह कोई नहीं जानता है. इस व्यापार में हमारे साथ जुड़े हजारों लोगों का आगे क्या होगा, यह चिंता का विषय है.
लाइटिंग कारोबारी हुए 'फ्यूज'
राजधानी देहरादून में 100 से अधिक लोग शादियों में लाइटिंग के कारोबार से जुड़े हुए हैं. व्यापारियों के मुताबिक शादियों में प्रतिदिन 5 लाख से 15 लाख तक की सजावट होती है. कोरोना वायरस की वजह से लाइटिंग कारोबार ठप है. ऐसे में मजदूरी करने वाले लोग भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. वहीं शादियों में घोड़ा और बग्घी उपलब्ध कराने वाले लोगों की स्थिति भी दयनीय है. लॉकडाउन के कारण उन लोगों को घोड़ों के रखरखाव और उनके खाने का खर्चा निकालना भी मुश्किल हो गया है.
फसल और कारोबार दोनों हुए चौपट
लॉकडाउन ने फूलों की खेती और व्यवसाय से जुड़े लोगों की भी कमर तोड़ दी है. देहरादून शहर में 200 से 250 फूल विक्रेता हैं, जो शादियों में फूलों की सप्लाई करते हैं. देहरादून में फूलों के कारोबार से जुड़े रामलाल का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन के चलते कारोबार ठप होने से वे जीरो की स्थिति में आए गए हैं. ऐसे में उनके साथ आगे क्या होगा, यह भगवान ही जानते हैं. सामान्य दिनों में फूलों से जुड़ा छोटा कारोबारी सालभर में 2 लाख रुपए और बड़े कारोबारी करीब 50 लाख रुपए तक का कारोबार कर लेते हैं.