देहरादून: प्रदेश में मौसम के बदलते मिजाज के कारण ठंड रुकने का नाम नहीं ले रही है. जिसके चलते पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और हिमस्खलन की आशंका जताई जा रही है. इसके साथ ही कुछ मैदानी इलाकों में हल्की बारिश की संभावना भी जताई जा रही है. हिमस्खलन और बर्फबारी के चलते प्रशासन ने सावधानी बरतने की हिदायत दी है.
मौसम विभाग के अनुसार, 12 मार्च को प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है. जिसमें उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ शामिल हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के प्रभारी राहुल जुगरान ने जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर 11 मार्च की शाम से 12 मार्च की शाम तक भारी बर्फबारी और हिमस्खलन की आशंका जताई है. इस बर्फबारी से 2 हजार मीटर से ऊंचाई वाले क्षेत्र अधिक प्रभावित होंगे, जिसके कारण प्रशासन से सावधानी बरतने को कहा गया है.
केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सोमवार रात तक बर्फबारी होने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. खराब मौसम के चलते बदरीनाथ हाईवे से बर्फ हटाने का काम भी प्रभावित हो गया है.
इस साल ठंड पिछली साल की अपेक्षा अधिक पड़ रही है. जिसके चलते राजधानी में पिछले वर्ष सबसे कम न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था, जबकि इस साल बारिश के बाद पारा गिरकर 9.6 डिग्री तक पहुंच चुका है. पिछले 10 वर्षों के दौरान मार्च में सबसे ठंडी रात साल 2017 में रही थी, वहीं साल 2018 में रात को सबसे कम तापमान 10.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था.
देवभूमि के 4 जिलों में बर्फबारी के साथ हिमस्खलन का खतरा, मैदानी इलाकों में होगी हल्की बारिश
12 मार्च को प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है. जिसमें उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ शामिल हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के प्रभारी राहुल जुगरान ने जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर 11 मार्च की शाम से 12 मार्च की शाम तक भारी बर्फबारी और हिमस्खलन की आशंका जताई है. इस बर्फबारी से 2 हजार मीटर से ऊंचाई वाले क्षेत्र अधिक प्रभावित होंगे, जिसके कारण प्रशासन से सावधानी बरतने को कहा गया है.
देहरादून: प्रदेश में मौसम के बदलते मिजाज के कारण ठंड रुकने का नाम नहीं ले रही है. जिसके चलते पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और हिमस्खलन की आशंका जताई जा रही है. इसके साथ ही कुछ मैदानी इलाकों में हल्की बारिश की संभावना भी जताई जा रही है. हिमस्खलन और बर्फबारी के चलते प्रशासन ने सावधानी बरतने की हिदायत दी है.
मौसम विभाग के अनुसार, 12 मार्च को प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है. जिसमें उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ शामिल हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के प्रभारी राहुल जुगरान ने जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर 11 मार्च की शाम से 12 मार्च की शाम तक भारी बर्फबारी और हिमस्खलन की आशंका जताई है. इस बर्फबारी से 2 हजार मीटर से ऊंचाई वाले क्षेत्र अधिक प्रभावित होंगे, जिसके कारण प्रशासन से सावधानी बरतने को कहा गया है.
केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सोमवार रात तक बर्फबारी होने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. खराब मौसम के चलते बदरीनाथ हाईवे से बर्फ हटाने का काम भी प्रभावित हो गया है.
इस साल ठंड पिछली साल की अपेक्षा अधिक पड़ रही है. जिसके चलते राजधानी में पिछले वर्ष सबसे कम न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था, जबकि इस साल बारिश के बाद पारा गिरकर 9.6 डिग्री तक पहुंच चुका है. पिछले 10 वर्षों के दौरान मार्च में सबसे ठंडी रात साल 2017 में रही थी, वहीं साल 2018 में रात को सबसे कम तापमान 10.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था.
देहरादून: प्रदेश में मौसम के बदलते मिजाज के कारण ठंड रुकने का नाम नहीं ले रही है. जिसके चलते पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और हिमस्खलन की आशंका जताई जा रही है. इसके साथ ही कुछ मैदानी इलाकों में हल्की बारिश की संभावना भी जताई जा रही है. हिमस्खलन और बर्फबारी के चलते प्रशासन ने सावधानी बरतने की हिदायत दी है.
मौसम विभाग के अनुसार, 12 मार्च को प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है. जिसमें उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ शामिल हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के प्रभारी राहुल जुगरान ने जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर 11 मार्च की शाम से 12 मार्च की शाम तक भारी बर्फबारी और हिमस्खलन की आशंका जताई है. इस बर्फबारी से 2 हजार मीटर से ऊंचाई वाले क्षेत्र अधिक प्रभावित होंगे, जिसके कारण प्रशासन से सावधानी बरतने को कहा गया है.
केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सोमवार रात तक बर्फबारी होने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. खराब मौसम के चलते बदरीनाथ हाईवे से बर्फ हटाने का काम भी प्रभावित हो गया है.
इस साल ठंड पिछली साल की अपेक्षा अधिक पड़ रही है. जिसके चलते राजधानी में पिछले वर्ष सबसे कम न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था, जबकि इस साल बारिश के बाद पारा गिरकर 9.6 डिग्री तक पहुंच चुका है. पिछले 10 वर्षों के दौरान मार्च में सबसे ठंडी रात साल 2017 में रही थी, वहीं साल 2018 में रात को सबसे कम तापमान 10.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था.
Conclusion: