ऋषिकेश: महाकुंभ मेला प्रशासन की ओर से बराबर पुख्ता इंतजामों की बात कही जा रही है. लेकिन कहीं ना कहीं व्यवस्था अधूरी दिखाई दे रही है. वर्तमान में गंगा में सात हजार क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया है, जिसके कारण गंगा की जलधारा त्रिवेणीघाट से कई मीटर दूर बह रही है. जिससे साधु-संतों और श्रद्धालुओं को आस्था की डुबकी लगाने में काफी मुश्किल हो रही हैं.
सिंचाई विभाग के उपखंड अधिकारी अनुभव नौटियाल का कहना है कि गंगा की जलधारा को घाट तक लाने और साधु-संतों और श्रद्धालुओं को आस्था की डुबकी लगाने के लिए पर्याप्त पानी 20 हजार क्यूसेक होना चाहिए. लेकिन इतना पानी THDCIL (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड) की ओर से छोड़ा ही नहीं जा रहा है. वहीं, टीएचडीसी प्रबंधन का कहना है कि प्रशासन के आदेश के बगैर इतना पानी नहीं छोड़ा जा सकता है. ऐसे में प्रशासन की लापरवाही की वजह से गंगा में कम पानी होने से श्रद्धालुओं को स्नान में दिक्कतें आ रही हैं.
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वहीं, उत्तर प्रदेश के जिला औरेया से त्रिवेणीघाट पर स्नान करने आए आदेश कुमार पांडे ने बताया कि कुंभ पर वो स्नान करने आए हैं. घाट पर पानी का बहाव कम होने के कारण उन्हें स्नान में थोड़ा दिक्कत हुई. इसे लेकर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का इतना पैसा खर्च हो रहा है, तो कुंभ मेला अधिकारी त्रिवेणीघाट पर पर्याप्त पानी की व्यवस्थाएं भी ठीक कराएं और साफ-सफाई भी दुरुस्त रखें. वहीं, स्थानीय निवासी अमन का कहना है कि महाकुंभ का आगाज तो हो चुका है, लेकिन अव्यवस्थाओं का भी बोलबाला है.