देहरादून: वन अनुसंधान संस्थान (एफआईआर) देहरादून में अलग-अलग प्रदेश के 17 आईएफएस अधिकारियों ने जल गुणवत्ता सुधार के लिए वन प्रबंधन का प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को विशेषज्ञों ने वन-जल विज्ञान पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत करने की जानकारी दी.
कार्यक्रम में आईएफएस अधिकारियों को बताया गया कि किस प्रकार से एफआईआर गंगा और यमुना नदियों के स्थायी प्रवाह में सुधार के लिए वानिकी हस्तक्षेप का कार्य किया जा रहा है. ये पूरा कार्यक्रम एक सप्ताह के लिए आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में केरल, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, नागालैंड, उत्तराखंड, ओडिशा और नई दिल्ली के 17 आईएफएस अधिकारी भाग ले रहे हैं.
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प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ प्रमुख वन पारिस्थितिक और जलवायु परिवर्तन प्रभाग डॉ वीपी पंवार ने किया. इसके बाद निदेशक FRI अरुण सिंह रावत ने आईएफएस अधिकारियों को वनों और वानिकी जल सेवाओं के महत्व की जानकारी दी.
इसके साथ आईएफएस अधिकारियों को कैंम्पटी जलागम में वानिकी जल विज्ञान फील्ड स्टेशन में तलछट भार और जलागम की जल उपज की जानकारी दी गई. साथ ही डॉ राजीव तिवारी ने उत्तराखंड में स्वस्थ और अवक्रमित बांज वनों की हाइड्रोलॉजिकल सेवाओं की तुलना के अध्ययन के बारे में जानकारी दी.