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बड़े चेहरों की वजह से इन सीटों पर 'महामुकाबला', दांव पर प्रतिष्ठा - विधानसभा चुनावों की मतगणना

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च की शाम तक सबके सामने होंगे. लेकिन राजनीतिक दलों से लेकर आम जनता का सबसे ज्यादा फोकस उन सीटों पर रहेगा, जिन पर प्रदेश के बड़े-बड़े नेताओं की साख दांव पर है. ऐसे में 10 मार्च को आने वाले नतीजे काफी रोचक होने वाले हैं, क्योंकि इन नतीजों के बाद कई नेताओं का राजनीतिक करियर ऊंची छलांग मारेगा तो कईयों के राज खत्म हो जाएगा.

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उत्तराखंड की वीवीआईपी सीटें
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Published : Mar 9, 2022, 2:00 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में किस पार्टी की किस्मत खुलेगी उसका इंतजार अब खत्म होने जा रहा है. 10 मार्च को उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों की मतगणना होनी है. जिसका हर राजनीतिक दल को बेसब्री से इंतजार है. जैसे-जैसे 10 मार्च की तारीख करीब आ रही है, चुनाव में किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशियों की धड़कन भी बढ़ रही है. खासकर उत्तराखंड की हॉट सीट पर हर किसी की नजरें टिकी हैं.

भाजपा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ही सबसे बड़ा चेहरा हैं. उत्तराखंड की सबसे हाट विधानसभा सीटों में खटीमा, लालकुआं, हरिद्वार, श्रीनगर शामिल हैं, ऐसे में आइए एक नजर उत्तराखंड की उन हॉट सीटों पर डालते हैं जहां कांटे की लड़ाई है.

ये भी पढ़ेंः 10 मार्च को किसका होगा उद्धार? क्या गढ़वाल से निकलेगा जीत का रास्ता, जानें क्षेत्रीय जातीय समीकरण

खटीमा विधानसभा सीटः सबसे पहले खटीमा विधानसभा सीट का नंबर आता है. खटीमा विधानसभा, ऊधमसिंह नगर जिले की सबसे हॉट सीट है. यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनावी मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी टक्कर दे रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर अपनी ही नहीं भाजपा की अधिकतम सीटें जीतकर अपने नेतृत्व को भी साबित करने की चुनौती है. सीएम धामी लगातार दो बार से इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार धामी हैट्रिक बनाने के साथ ही सीएम कुर्सी को दोबारा पाने वाले पहले मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रचेंगे.

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खटीमा विधानसभा सीट.

बात अगर साल, 2017 के चुनावों की बात करें तो धामी ने तब भुवन कापड़ी को 2709 वोटों से हराया था. साल 2017 में पुष्‍कर धामी को 29,539 वोट मिले थे, जबकि भुवन कापड़ी मामूली वोटों के अंतर (26830 वोट मिले थे) से हारे थे. इस बार, आम आदमी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रहे एसएस कलेर भी इस सीट से चुनावी मैदान में हैं. जिसके कारण इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला है.

लालकुआं विधानसभा सीटः खटीमा के बाद लालकुआं सीट इस बार उत्तराखंड की दूसरी सबसे हॉट सीट मानी जा रही है. ये सीट नैनीताल जिले में पड़ती है. यहां से पूर्व सीएम हरीश रावत चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस ने हरीश रावत को रामनगर से चुनावी मैदान में उतारा था, मगर पार्टी में ही विरोध के बाद उन्हें लालकुआं भेजना पड़ा.

वहीं, भाजपा ने अपने सिटिंग विधायक नवीन दुम्का का टिकट काटकर बीजेपी से निष्कासित रहे मोहन बिष्ट पर भरोसा जताया है. जो क्षेत्र में काफी मजबूत बताए जा रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस से टिकट कट जाने से नाराज हुईं पूर्व ब्लॉक प्रमुख संध्या डालाकोटी भी निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. जो हरीश रावत के सामने चुनौती पेश कर रही हैं, जिसके कारण यहां की लड़ाई और भी रोचक हो गई है.

ये भी पढ़ेंः Election 2022: अस्थिर रहा है उत्तराखंड का राजनीति इतिहास, CM कुर्सी बनी विकास का रोड़ा

गंगोत्री विधानसभा सीटः तीसरी हॉट सीट की अगर बात करें तो इसमें गंगोत्री विधानसभा का नाम आता है. यहां से आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार कर्नल अजय कोठियाल चुनाव लड़ रहे हैं. दो बार के विधायक कांग्रेस नेता विजयपाल सिंह सजवाण एक बार फिर यहां से भाग्य आजमा रहे हैं.

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गंगोत्री विधानसभा सीट.

जबकि पिछली बार चुनाव जीते गोपाल सिंह रावत की मृत्यु के बाद बीजेपी ने यहां से सुरेश चौहान को अपना प्रत्याशी बनाया है. ये सभी दिग्गज गंगोत्री की चुनावी लड़ाई को रोचक बना रहे हैं, जिसके कारण इस सीट पर सियासी घमासान ज्यादा है.

श्रीनगर विधानसभा सीटः इसके बाद श्रीनगर विधानसभा का नंबर आता है. पौड़ी जिले की वीआईपी सीटों में शुमार श्रीनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष गणेश गोदियाल और भाजपा से कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत चुनाव लड़ रहे हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा के डॉ. धन सिंह रावत ने यहां गणेश गोदियाल को 8,698 वोटों से मात दी थी, तब उन्‍हें 30,816 वोट मिले थे. जबकि गणेश गोदियाल को 22,118 वोट पड़े थे.

हरिद्वार ग्रामीण सीटः हरिद्वार ग्रामीण सीट भी इस बार टॉप 10 सीटों में शामिल है. यहां से कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद चुनावी मैदान में हैं. जबकि उनके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत चुनाव लड़ रही हैं. ऐसे में मुकाबला काफी दिलचस्प रहने वाला है. 2017 में यहां से भाजपा प्रत्याशी यतीश्वरानंद ने हरीश रावत को शिकस्त दी थी, जिसके कारण यहां की जंग और भी रोचक हो गई है.

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हरिद्वार शहर विधानसभा सीट.

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चौबट्टाखाल विधानसभा सीटः पौड़ी जिले की चौबट्टाखाल विधानसभा सीट पर भी इस बार लड़ाई रोचक है. चौबट्टाखाल विधानसभा सीट को पौड़ी गढ़वाल जिले की सबसे हॉट सीट माना जा रहा है. यहां से दिग्गजों में शुमार और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज चुनावी मैदान में हैं. जबकि उनके खिलाफ कांग्रेस की ओर से केसर सिंह नेगी मैदान में हैं. साल 2017 के चुनाव में महाराज ने यहां कांग्रेस के राजपाल सिंह बिष्ट को 7,354 वोट से हराया. एक बार फिर से महाराज चुनावी मैदान में हैं.

लैंसडाउन विधानसभा सीटः पौड़ी जिले की ही एक और लैंसडाउन सीट भी इस बार हॉट सीट बनी हुई है. इस सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू और मिस ग्रैंड इंटरनेशनल रहीं अनुकृति गुसाईं चुनावी मैदान में हैं. भाजपा से निकाले जाने के बाद बाद हरक सिंह रावत ने अनुकृति गुसाईं समेत कांग्रेस ज्वॉइन की थी. भाजपा की ओर से यहां महंत दलीप सिंह रावत चुनावी मैदान में हैं.

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लालकुआं विधानसभा सीट.

बाजपुर विधानसभा सीटः ऊधमसिंह नगर जिले में पड़ने वाली बाजपुर सीट भी कुमाऊं की बड़ी सीट है. यहां से पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य चुनाव लड़ रहे हैं. आर्य हाल ही में अपने बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे. भाजपा ने यहां राजेश कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है.

2012 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई बाजपुर सीट से यशपाल आर्य लगातार दो बार विधानसभा पहुंचे है. जबकि एक बार कांग्रेस तो दूसरी बार भाजपा से उन्हें यह मौका मिला है. इस बार इस सीट पर आर्य की प्रतिष्ठा दांव पर है.

ये भी पढ़ेंः Exit Poll : यूपी-उत्तराखंड-मणिपुर में फिर भाजपा, पंजाब में आप, गोवा में हंग असेंबली के आसार

गदरपुर विधानसभा सीटः कुमाऊं की ही गदरपुर सीट एक और अहम सीट है. ये सीट ऊधमसिंह नगर जिले की नौ सीटों में से सबसे बड़ी और प्रमुख सीट है. ये सीट वीआईपी सीटों में शुमार है. यहां से शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय चुनावी मैदान में हैं. वे लगातार दो बार से इस सीट पर जीत हासिल कर चुके हैं. इस बार भी जीत वे हैट्रिक लगाना चाहेंगे. वहीं, कांग्रेस की ओर से इस सीट पर कांग्रेस ने प्रेमानंद महाजन को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि आम आदमी पार्टी से जरनैल सिंह काली यहां से इन दोनों को टक्कर दे रहे हैं.

हरिद्वार विधानसभा सीटः हरिद्वार शहर, विधानसभा सीट भी इन चुनावों के लिहाज से एक प्रमुख सीट है. यहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस की ओर से यहां सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में हैं. हरिद्वार विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ भी कहा जाता है. मदन कौशिक यहां से लगातार चार बार चुनाव जीते हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए इस सीट पर सेंध लगाना एक चुनौती बना हुआ है.

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में किस पार्टी की किस्मत खुलेगी उसका इंतजार अब खत्म होने जा रहा है. 10 मार्च को उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों की मतगणना होनी है. जिसका हर राजनीतिक दल को बेसब्री से इंतजार है. जैसे-जैसे 10 मार्च की तारीख करीब आ रही है, चुनाव में किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशियों की धड़कन भी बढ़ रही है. खासकर उत्तराखंड की हॉट सीट पर हर किसी की नजरें टिकी हैं.

भाजपा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ही सबसे बड़ा चेहरा हैं. उत्तराखंड की सबसे हाट विधानसभा सीटों में खटीमा, लालकुआं, हरिद्वार, श्रीनगर शामिल हैं, ऐसे में आइए एक नजर उत्तराखंड की उन हॉट सीटों पर डालते हैं जहां कांटे की लड़ाई है.

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खटीमा विधानसभा सीटः सबसे पहले खटीमा विधानसभा सीट का नंबर आता है. खटीमा विधानसभा, ऊधमसिंह नगर जिले की सबसे हॉट सीट है. यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनावी मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी टक्कर दे रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर अपनी ही नहीं भाजपा की अधिकतम सीटें जीतकर अपने नेतृत्व को भी साबित करने की चुनौती है. सीएम धामी लगातार दो बार से इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार धामी हैट्रिक बनाने के साथ ही सीएम कुर्सी को दोबारा पाने वाले पहले मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रचेंगे.

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खटीमा विधानसभा सीट.

बात अगर साल, 2017 के चुनावों की बात करें तो धामी ने तब भुवन कापड़ी को 2709 वोटों से हराया था. साल 2017 में पुष्‍कर धामी को 29,539 वोट मिले थे, जबकि भुवन कापड़ी मामूली वोटों के अंतर (26830 वोट मिले थे) से हारे थे. इस बार, आम आदमी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रहे एसएस कलेर भी इस सीट से चुनावी मैदान में हैं. जिसके कारण इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला है.

लालकुआं विधानसभा सीटः खटीमा के बाद लालकुआं सीट इस बार उत्तराखंड की दूसरी सबसे हॉट सीट मानी जा रही है. ये सीट नैनीताल जिले में पड़ती है. यहां से पूर्व सीएम हरीश रावत चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस ने हरीश रावत को रामनगर से चुनावी मैदान में उतारा था, मगर पार्टी में ही विरोध के बाद उन्हें लालकुआं भेजना पड़ा.

वहीं, भाजपा ने अपने सिटिंग विधायक नवीन दुम्का का टिकट काटकर बीजेपी से निष्कासित रहे मोहन बिष्ट पर भरोसा जताया है. जो क्षेत्र में काफी मजबूत बताए जा रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस से टिकट कट जाने से नाराज हुईं पूर्व ब्लॉक प्रमुख संध्या डालाकोटी भी निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. जो हरीश रावत के सामने चुनौती पेश कर रही हैं, जिसके कारण यहां की लड़ाई और भी रोचक हो गई है.

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गंगोत्री विधानसभा सीटः तीसरी हॉट सीट की अगर बात करें तो इसमें गंगोत्री विधानसभा का नाम आता है. यहां से आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार कर्नल अजय कोठियाल चुनाव लड़ रहे हैं. दो बार के विधायक कांग्रेस नेता विजयपाल सिंह सजवाण एक बार फिर यहां से भाग्य आजमा रहे हैं.

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गंगोत्री विधानसभा सीट.

जबकि पिछली बार चुनाव जीते गोपाल सिंह रावत की मृत्यु के बाद बीजेपी ने यहां से सुरेश चौहान को अपना प्रत्याशी बनाया है. ये सभी दिग्गज गंगोत्री की चुनावी लड़ाई को रोचक बना रहे हैं, जिसके कारण इस सीट पर सियासी घमासान ज्यादा है.

श्रीनगर विधानसभा सीटः इसके बाद श्रीनगर विधानसभा का नंबर आता है. पौड़ी जिले की वीआईपी सीटों में शुमार श्रीनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष गणेश गोदियाल और भाजपा से कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत चुनाव लड़ रहे हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा के डॉ. धन सिंह रावत ने यहां गणेश गोदियाल को 8,698 वोटों से मात दी थी, तब उन्‍हें 30,816 वोट मिले थे. जबकि गणेश गोदियाल को 22,118 वोट पड़े थे.

हरिद्वार ग्रामीण सीटः हरिद्वार ग्रामीण सीट भी इस बार टॉप 10 सीटों में शामिल है. यहां से कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद चुनावी मैदान में हैं. जबकि उनके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत चुनाव लड़ रही हैं. ऐसे में मुकाबला काफी दिलचस्प रहने वाला है. 2017 में यहां से भाजपा प्रत्याशी यतीश्वरानंद ने हरीश रावत को शिकस्त दी थी, जिसके कारण यहां की जंग और भी रोचक हो गई है.

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हरिद्वार शहर विधानसभा सीट.

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चौबट्टाखाल विधानसभा सीटः पौड़ी जिले की चौबट्टाखाल विधानसभा सीट पर भी इस बार लड़ाई रोचक है. चौबट्टाखाल विधानसभा सीट को पौड़ी गढ़वाल जिले की सबसे हॉट सीट माना जा रहा है. यहां से दिग्गजों में शुमार और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज चुनावी मैदान में हैं. जबकि उनके खिलाफ कांग्रेस की ओर से केसर सिंह नेगी मैदान में हैं. साल 2017 के चुनाव में महाराज ने यहां कांग्रेस के राजपाल सिंह बिष्ट को 7,354 वोट से हराया. एक बार फिर से महाराज चुनावी मैदान में हैं.

लैंसडाउन विधानसभा सीटः पौड़ी जिले की ही एक और लैंसडाउन सीट भी इस बार हॉट सीट बनी हुई है. इस सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू और मिस ग्रैंड इंटरनेशनल रहीं अनुकृति गुसाईं चुनावी मैदान में हैं. भाजपा से निकाले जाने के बाद बाद हरक सिंह रावत ने अनुकृति गुसाईं समेत कांग्रेस ज्वॉइन की थी. भाजपा की ओर से यहां महंत दलीप सिंह रावत चुनावी मैदान में हैं.

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लालकुआं विधानसभा सीट.

बाजपुर विधानसभा सीटः ऊधमसिंह नगर जिले में पड़ने वाली बाजपुर सीट भी कुमाऊं की बड़ी सीट है. यहां से पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य चुनाव लड़ रहे हैं. आर्य हाल ही में अपने बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे. भाजपा ने यहां राजेश कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है.

2012 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई बाजपुर सीट से यशपाल आर्य लगातार दो बार विधानसभा पहुंचे है. जबकि एक बार कांग्रेस तो दूसरी बार भाजपा से उन्हें यह मौका मिला है. इस बार इस सीट पर आर्य की प्रतिष्ठा दांव पर है.

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गदरपुर विधानसभा सीटः कुमाऊं की ही गदरपुर सीट एक और अहम सीट है. ये सीट ऊधमसिंह नगर जिले की नौ सीटों में से सबसे बड़ी और प्रमुख सीट है. ये सीट वीआईपी सीटों में शुमार है. यहां से शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय चुनावी मैदान में हैं. वे लगातार दो बार से इस सीट पर जीत हासिल कर चुके हैं. इस बार भी जीत वे हैट्रिक लगाना चाहेंगे. वहीं, कांग्रेस की ओर से इस सीट पर कांग्रेस ने प्रेमानंद महाजन को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि आम आदमी पार्टी से जरनैल सिंह काली यहां से इन दोनों को टक्कर दे रहे हैं.

हरिद्वार विधानसभा सीटः हरिद्वार शहर, विधानसभा सीट भी इन चुनावों के लिहाज से एक प्रमुख सीट है. यहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस की ओर से यहां सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में हैं. हरिद्वार विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ भी कहा जाता है. मदन कौशिक यहां से लगातार चार बार चुनाव जीते हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए इस सीट पर सेंध लगाना एक चुनौती बना हुआ है.

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