देहरादून: भूमि अतिक्रमण कर बने मजारों पर कार्रवाई के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के बयान ने बवाल खड़ा कर दिया है. विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने करन माहरा के बयान पर पलटवार किया है. विश्व हिंदू परिषद नेता ने करन माहरा के बयान को अविवेकपूर्ण बताया है. साथ ही करन माहरा के बयान की जमकर आलोचना की. उन्होंने करन माहरा के बयान को सनातन धर्म पर प्रहार बताया.
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मठ मंदिर प्रमुख सुभाष जोशी ने कहा कि वन्य क्षेत्रों में स्थापित मठ मंदिर जिनकी स्थापना परम पूज्य आदि शंकराचार्य तथा विशेष प्रमुख संतों द्वारा की गई है, उसके संपूर्ण विवरण और इतिहास का हिंदू धर्म के सर्वोच्च वेद, उपनिषद, पुराणों आदि अनेक धार्मिक ग्रंथों में विस्तृत उल्लेख किया गया है. उन्होंने कहा कि इन मठ मंदिरों को लेकर आज भी अन्य प्रचलित प्राचीन जनश्रुतियों, कहानियों, कथाओं को हिंदू जनमानस में प्रमुख स्थान दिया गया है. ऐसे में करन माहरा ने मजारों के नियमितीकरण की जो बात की है, वह अविवेकपूर्ण और सामाजिक सौहार्द और सद्भावना को तोड़ने वाला है. सुभाष जोशी ने कहा कि वन क्षेत्रों में स्थापित मजारों का कोई ऐतिहासिक और धार्मिक इतिहास नहीं होता है. वन विभाग भी इस प्रकार के अवैध निर्माण को कभी अनुमति नहीं देता है.
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उन्होंने कहा कि तथाकथित मजार में कौन व्यक्ति दफन है. उसका चरित्र और समाज में उसकी भूमिका व इतिहास तक नहीं बताया जाता है. ऐसे में जिस संप्रदाय द्वारा मजार स्थापित की जा रही है, उस संप्रदाय के सर्वोच्च साहित्य में मजारों के अस्तित्व को ही स्वीकार नहीं किया जाता है. विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने करन माहरा के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी बयानबाजी सनातन धर्म पर करारा प्रहार है. यह बयान अशोभनीय है. ऐसे में आपसी प्रेम सौहार्द और सांप्रदायिकता की जो बात कांग्रेस द्वारा कही गई है, वह वास्तव में एक संप्रदाय विशेष की पैरवी करने के लिए इसमें मठ और मंदिर को भी सम्मिलित किया गया है.