देहरादून: 27 अक्टूबर से 10 नवंबर तक विरासत महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. इस साल विरासत में भारतीय लोक कलाओं के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कलाओं का संगम भी होगा. रूरल एंटरप्रेन्योरशिप फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज यानी रीच संस्था की ओर से आयोजित किया जा रहे विरासत मेले में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय लोक और शास्त्रीय नृत्य, संगीत, कला शिल्प का संगम होगा. इसमें भारत की परंपरा सांस्कृतिक और विरासत को बनाए रखने के लिए कारीगर और शिल्पकार इस मंच के माध्यम से अपनी लोक और शास्त्रीय काल का प्रदर्शन करेंगे.
रीच संस्था के महासचिव आरके सिंह का कहना है कि इस बार कार्यक्रम का मुख्य मंच विरासत विलेज उत्तराखंड की प्रतिष्ठित मंदिर वास्तुकला से प्रेरित है और यह भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता को उजागर करता है. उन्होंने बताया कि विरासत महोत्सव में विंटेज कर और बाइक रैली और फोटोग्राफी प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम भी होंगे. इसके अलावा के एल पांडे और त्रिपुरारी शरण जैसे विशेषज्ञों द्वारा संगीत और साहित्य पर बातचीत भी आकर्षण का मुख्य केंद्र होगी.
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आरके सिंह ने बताया कि इस बार उत्तराखंड, गुजरात, गोवा, नागालैंड और उत्तर प्रदेश राज्य के लोक नृत्य के साथ-साथ रूस और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के अंतर्राष्ट्रीय नृत्य भी प्रस्तुत किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस बार विरासत में तीन बार ग्रैमी अवार्ड विजेता रिकी केज, पटियाला घराने की कौशिकी चक्रवर्ती, सूफी गायक वडाली,मेवाती घराने के संजीव अभ्यंकर, पंडित साजन मिश्रा, राधिका चोपड़ा की गजल गायकी शामिल है. इसके अलावा पंजाबी लोक कलाकार जसवीर जग्गी, राग निर्माता ब्रायन सिलास, कथक नृतक शिजिनी कुलकर्णी समेत कई अन्य कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे.
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