देहरादून: उत्तराखंड में वन विभाग के मुखिया के तौर पर आखिरकार विनोद कुमार सिंघल (Vinod Kumar Singhal became the head of the forest department) को जिम्मेदारी दे दी गई है. हालांकि, इससे पहले ही वह फिलहाल हॉफ की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. अब तक उनके पास हॉफ का प्रभार था, जिसे सरकार ने अब स्थाई नियुक्ति के रूप में विनोद सिंघल पर मुहर लगा दी है. खास बात यह है कि पूर्व की सरकार में हरक सिंह रावत ने विनोद कुमार सिंघल को हॉफ के रूप में प्रभार दिया था. इस तरह सरकार ने हरक सिंह के उस फैसले को सही साबित कर दिया है.
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में वन विभाग के मुखिया रहे राजीव भरतरी को हटाकर विनोद कुमार सिंघल को वन विभाग के मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी देने पर सवाल खड़े किए जा रहे थे. इसको लेकर आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. राजनीतिक रूप से गलत तरीके से उन्हें मुखिया के पद से हटाने की बात कही थी.
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काफी विचार करने के बाद अब आखिरकार वन मंत्री सुबोध उनियाल और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उसी निर्णय को जारी रखा है जो पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत ने लिया था. दरअसल, प्रभारी हॉफ के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे विनोद कुमार सिंघल को अब स्थाई तौर पर एक मुखिया की जिम्मेदारी दे दी गई है.
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शासन की तरफ से आईएफएस और एसीएफ के तबादलों की सूची भी जारी की गई है. इसमें आईएफएस दिनकर तिवारी को भूमि संरक्षण वन प्रभाग नैनीताल की जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए डीएफओ टिहरी डैम फर्स्ट बनाया गया है. उधर धनंजय प्रसाद को प्रभारी डीएफओ भूमि संरक्षण वन विभाग उत्तरकाशी, शिवराज चंद को प्रभारी डीएफओ भूमि संरक्षण वन प्रभाग नैनीताल, रमाकांत तिवारी को प्रभारी डीएफओ अलकनंदा भूमि संरक्षण गोपेश्वर और बीएस मार्तोलिया को प्रभारी डीएफओ टिहरी डैम सेकंड की जिम्मेदारी दी गई है.