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जंगली जानवरों के आतंक से ग्रामीण परेशान, वन विभाग नहीं ले रहा सुध

मसूरी से लगे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों ने आतंक मचा रखा है. इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. ग्रामीणों के कई बार वन विभाग को सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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Published : Feb 18, 2021, 6:27 PM IST

Updated : Feb 18, 2021, 10:59 PM IST

मसूरी: आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों द्वारा फसलों का नुकसान किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग को कई बार अवगत कराने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

जंगली जानवरों के आतंक से ग्रामीण परेशान.

मसूरी क्षेत्र से लगे आसपास के गांवों में जंगली जानवरों ने आतंक मचा रखा है. जंगली सूअर, बंदर, सेही, भालू आदि फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. काश्तकारों की कड़ी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है. वहीं बिरा गांव के निवासी विरेंद्र पंवार ने बताया कि उनके गांव की सारी फसल जंगली सूअर, सेही व बंदर चौपट कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि कैम्पटी से लेकर भिलाड़ू तक पूरे क्षेत्र में जितने भी गांव पड़ते हैं, सभी जंगली जानवरों के द्वारा नुकसान करने से आक्रोशित हैं. गतवर्ष लाॅकडाउन के दौरान बाहर नौकरी करने वाले लोग गांव लौट आये. उन्होंने इस दौरान खेतों में जमकर पसीना बहाया कि खाली बैठने से अच्छा है कि खेती से अनाज उगा कर कुछ राहत मिलेगी. लेकिन जंगली जानवरों ने सारी फसलें चौपट कर दीं और लोग एक दाना भी घर नहीं ला पाये. इस तरह उनकी मेहनत बेकार हो गई. इस संबंध में कई बार वन विभाग को सूचित किया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे लगातार ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः रुड़की: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का रेल रोको आंदोलन

वहीं, इस संबंध में विक्रम पंवार ने बताया कि जंगली जानवरों से ग्रामीण परेशान हैं. कई ग्रामीणों ने तो जंगली जानवरों से तंग आकर खेती छोड़ दी है और पलायन को मजबूर हो रहे हैं. लेकिन वन विभाग को अवगत कराने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

वहीं, जानकारी देते हुए वन प्रभाग मसूरी डीएफओ कहकशां नसीम ने बताया कि जिन भी ग्रामीणों की फसल जंगली जानवरों द्वारा खराब हो जाती है, उन्हें समय पर मुआवजा दिया जाता है. ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए सोलर फेंसिंग का प्रपोजल भी है जो कि जल्द ही तीन या चार माह में लगा दिए जाएंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों की खेती के लिए अरोमैटिक प्लांट्स की योजना भी लायी जा रही है. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी और उन्हें जंगली जानवर भी नहीं खाते हैं.

मसूरी: आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों द्वारा फसलों का नुकसान किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग को कई बार अवगत कराने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

जंगली जानवरों के आतंक से ग्रामीण परेशान.

मसूरी क्षेत्र से लगे आसपास के गांवों में जंगली जानवरों ने आतंक मचा रखा है. जंगली सूअर, बंदर, सेही, भालू आदि फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. काश्तकारों की कड़ी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है. वहीं बिरा गांव के निवासी विरेंद्र पंवार ने बताया कि उनके गांव की सारी फसल जंगली सूअर, सेही व बंदर चौपट कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि कैम्पटी से लेकर भिलाड़ू तक पूरे क्षेत्र में जितने भी गांव पड़ते हैं, सभी जंगली जानवरों के द्वारा नुकसान करने से आक्रोशित हैं. गतवर्ष लाॅकडाउन के दौरान बाहर नौकरी करने वाले लोग गांव लौट आये. उन्होंने इस दौरान खेतों में जमकर पसीना बहाया कि खाली बैठने से अच्छा है कि खेती से अनाज उगा कर कुछ राहत मिलेगी. लेकिन जंगली जानवरों ने सारी फसलें चौपट कर दीं और लोग एक दाना भी घर नहीं ला पाये. इस तरह उनकी मेहनत बेकार हो गई. इस संबंध में कई बार वन विभाग को सूचित किया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे लगातार ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है.

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वहीं, इस संबंध में विक्रम पंवार ने बताया कि जंगली जानवरों से ग्रामीण परेशान हैं. कई ग्रामीणों ने तो जंगली जानवरों से तंग आकर खेती छोड़ दी है और पलायन को मजबूर हो रहे हैं. लेकिन वन विभाग को अवगत कराने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

वहीं, जानकारी देते हुए वन प्रभाग मसूरी डीएफओ कहकशां नसीम ने बताया कि जिन भी ग्रामीणों की फसल जंगली जानवरों द्वारा खराब हो जाती है, उन्हें समय पर मुआवजा दिया जाता है. ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए सोलर फेंसिंग का प्रपोजल भी है जो कि जल्द ही तीन या चार माह में लगा दिए जाएंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों की खेती के लिए अरोमैटिक प्लांट्स की योजना भी लायी जा रही है. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी और उन्हें जंगली जानवर भी नहीं खाते हैं.

Last Updated : Feb 18, 2021, 10:59 PM IST
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