मसूरीः देश और दुनिया में कोरोना वायरस जमकर कहर बरपा रहा है. भारत में कोरोना को लेकर पीएम मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू लगाया गया. जिसमें देश के हर नागरिक ने इसे सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई. वहीं, मसूरी के क्यारकुली भट्टा गांव में ग्रामीणों ने एक पहल की शुरुआत की है. जिसके तहत ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि आगामी 31 मार्च तक कोई भी व्यक्ति गांव से बाहर नहीं जाएगा ना ही बाहर से किसी भी व्यक्ति को आने की अनुमति दी जाएगी. सभी लोग गांव में ही रहेंगे.
वहीं, जनता कर्फ्यू के दौरान ग्राम प्रधान कौशल्या रावत के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गांव में मास्क वितरित किए और कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया. साथ ही सभी से घरों में रहने की अपील की गई. ग्राम प्रधान कौशल्या रावत ने कहा कि उन्होंने गांव में करीब 300 से ज्यादा मास्क वितरत किए हैं. साथ ही ग्रामीणों को एतिहात बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
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उन्होंने कहा कि जल्द पूरे गांव को सैनेटाइज कराया जाएगा. जिसके लिए लगातार पंचायत स्तर पर वार्ता की जा रही है. साथ ही लोगों को सैनिटाइजर भी वितरित किया जाएगा. कौशल्या रावत ने कहा कि कोरोना वायरस को मात दी जा सकती है. इसके लिए सभी को एकजुट होकर सरकार और प्रशासन के निर्देशों का पालन करना होगा.
बता दें कि, चीन के वुहान से फैला कोरोना वायरस दुनियाभर में जमकर कहर बरपा रहा है. कोरोना से कई हजारों लोगों की मौत चुकी है. जबकि, लाखों लोग इससे संक्रमित हैं. भारत में तीन सौ से ज्यादा केस पॉजिटिव पाए गए हैं. जबकि, सात लोगों की मौत हो गई है. उत्तराखंड में भी चार लोग कोरोना से संक्रमित मिले हैं. वहीं, कोरोना वायरस के तीसरे चरण को संभवत खतरनाक माना जा रहा है. जिसके लिए पूरा देश गंभीर है. साथ ही विशेष एतिहात बरती जा रही है.
क्या बरतें सावधानी-
- नॉनवेज और नशे से परहेज करें.
- किसी से भी हाथ मिलाने, गले लगने या अन्य तरह के संपर्क से बचें.
- बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा न लें.
- अनावश्यक यात्रा से परहेज करें.
- चीन की तरफ से आने वाले पैक्ड किसी भी तरह के फूड को खाने से बचें.
- अत्यधिक तरल पदार्थों का सेवन न करें.
- खांसते, छींकते समय नाक मुंह रूमाल से ढक लें.
- खाने से पहले हाथ अच्छी तरह साबुन से धो लें.
क्या हैं लक्षण
कोरोना वायरस के मरीजों में आमतौर पर जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण देखे जाते हैं. इसके बाद ये लक्षण न्यूमोनिया में बदल जाते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं. इसमें फेफड़े में गंभीर किस्म का संक्रमण होता है. मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है.
नहीं है वैक्सीन
अभी तक इस वायरस से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है, लेकिन इसके लक्षणों के आधार पर चिकित्सक इसके इलाज में दूसरी जरूरी दवाओं का उपयोग कर रहे हैं. साथ ही साथ इसकी वैक्सीन तैयार करने पर भी काम चल रहा है.