डोईवाला: जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण (Jollygrant Airport Expansion) की खबर को लेकर ग्रामीणों में उबाल देखा जा रहा है. ग्रामीणों ने महापंचायत कर एयरपोर्ट विस्तारीकरण का विरोध (Opposition to airport expansion) किया. ग्रामीणों का कहना है कि पहले टिहरी से हुए विस्थापित अब दोबारा नहीं होंगे. अगर विस्थापितों पर सरकार ने दबाव बनाया तो पूरे क्षेत्रवासी विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री का क्षेत्र में आने पर विरोध करेंगे.
जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की खबर मिलते ही टिहरी विस्थापितों (Outrage among Tehri displaced) में आक्रोश देखा जा रहा है. जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण के विरोध में ग्रामीण उतर आए हैं. रविवार को जॉलीग्रांट में महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए और अपनी बात रखी.
ग्रामीणों का कहना है कि पहले टिहरी से विस्थापित होकर सैकड़ों लोग जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास आकर बसे थे. अब कई साल बीत जाने के बाद एक बार फिर से एयरपोर्ट विस्तारीकरण की बात सामने आ रही है, जिसके लिए प्रशासन मकान, जमीन, दुकान और होटलों की गणना की कर रहा है. इस गणना से ग्रामीणों में भारी नाराजगी है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि इस बार वे एक इंच भी जमीन नहीं देंगे.
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ग्रामीणों ने कहा कि बार-बार उनको परेशान किया जा रहा है. उनके रोजगार छीने जा रहे हैं, उनकी दुकानें तोड़ी जाएंगी और इस बार वे किसी भी कीमत पर एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए जमीन नहीं देंगे. उन्होने कहा कि अगर सरकार ने उनको परेशान किया तो वे अपने क्षेत्र में विधायक, सांसद और जनप्रतिनिधियों का विरोध करेंगे और उन्हें क्षेत्र में घुसने नहीं देंगे.
बता दें कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए सरकार द्वारा सर्वे का कार्य किया जा रहा है. जिसमें एयरपोर्ट को 6,350 मीटर रन वे की जरूरत है, जो वर्तमान में 2700 मीटर है. एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए 31.5 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है.