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विकासनगर: सड़क के अभाव में नहीं हो रहे हैं लड़कियों के हाथ पीले

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने के चलते इस गांव में रिश्ता जोड़ने से भी लोग कतराते हैं. जिस वजह से कई लड़कियों की शादी रुकी हुई है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क का निर्माण नहीं करवाया गया तो ग्रामीण लोक निर्माण विभाग में धरना और तालाबंदी करने से गुरेज नहीं करेंगे.

Road Construction News in Dharia Village
अधिशासी अभियंता का घेराव करते ग्रामीण
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Published : Jan 15, 2020, 7:05 PM IST

विकासनगर: चकराता ब्लॉक के धारिया गांव के लिए प्रस्तावित 8 किलोमीटर सड़क ना बनाए जाने को लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग साहिया के अधिशासी अभियंता का घेराव किया. ग्रामीणों ने कहा कि साल 2012 में तत्कालीन सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मार्ग की घोषणा की थी. लेकिन 8 सालों बाद भी सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है.

ग्रामीणों ने किया अधिशासी अभियंता का घेराव.

ग्रामीण कुमारी रक्षा ने बताया कि सड़क ना होने के चलते ग्रामीणों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. गांव से मुख्य सड़क तक जाने में लगभग 3 से 4 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में हो रही है. जिसके चलते कई लोग समय पर अस्पताल ना पहुंचने के चलते काल के गाल में समा चुके हैं.

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने के चलते इस गांव में रिश्ता जोड़ने से भी लोग कतराते हैं. जिस वजह से कई लड़कियों की शादी रुकी हुई है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क का निर्माण नहीं करवाया गया तो ग्रामीण लोक निर्माण विभाग में धरना और तालाबंदी करने से गुरेज नहीं करेंगे.

ये भी पढ़ें: सड़क सुरक्षा सप्ताह: वाहन चालकों को पढ़ाया गया ट्रैफिक नियमों का पाठ

इस मामले में अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि धारिया गांव के लिए जो रोड जा रही है उस पर विवाद था. जिसे सुलझा लिया गया है. साथ ही सहायक अभियंता और अवर अभियंता को निर्देशित किया गया है. आगामी 18 जनवरी को अधिकारी धारिया गांव पहुंचेंगे. गांव वालों की राय के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस सड़क के लिए पहले ही स्वीकृत मिल चुकी है. वन भूमि स्वीकृत होते ही निर्माण कार्य किया जाएगा.

विकासनगर: चकराता ब्लॉक के धारिया गांव के लिए प्रस्तावित 8 किलोमीटर सड़क ना बनाए जाने को लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग साहिया के अधिशासी अभियंता का घेराव किया. ग्रामीणों ने कहा कि साल 2012 में तत्कालीन सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मार्ग की घोषणा की थी. लेकिन 8 सालों बाद भी सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है.

ग्रामीणों ने किया अधिशासी अभियंता का घेराव.

ग्रामीण कुमारी रक्षा ने बताया कि सड़क ना होने के चलते ग्रामीणों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. गांव से मुख्य सड़क तक जाने में लगभग 3 से 4 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में हो रही है. जिसके चलते कई लोग समय पर अस्पताल ना पहुंचने के चलते काल के गाल में समा चुके हैं.

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने के चलते इस गांव में रिश्ता जोड़ने से भी लोग कतराते हैं. जिस वजह से कई लड़कियों की शादी रुकी हुई है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क का निर्माण नहीं करवाया गया तो ग्रामीण लोक निर्माण विभाग में धरना और तालाबंदी करने से गुरेज नहीं करेंगे.

ये भी पढ़ें: सड़क सुरक्षा सप्ताह: वाहन चालकों को पढ़ाया गया ट्रैफिक नियमों का पाठ

इस मामले में अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि धारिया गांव के लिए जो रोड जा रही है उस पर विवाद था. जिसे सुलझा लिया गया है. साथ ही सहायक अभियंता और अवर अभियंता को निर्देशित किया गया है. आगामी 18 जनवरी को अधिकारी धारिया गांव पहुंचेंगे. गांव वालों की राय के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस सड़क के लिए पहले ही स्वीकृत मिल चुकी है. वन भूमि स्वीकृत होते ही निर्माण कार्य किया जाएगा.

Intro:विकासनगर चकराता ब्लॉक के धारिया गांव के लिए 8 किलोमीटर मार्ग ना बन पाने को लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने किया लोक निर्माण विभाग साहिया के अधिशासी अभियंता का किया घेराव तत्काल सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वर्ष 2012 में की थी मार्ग की घोषणा. ग्रामीणों ने शीघ्र मार्ग निर्माण की मांग की


Body:जौनसार बावर के चकराता ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत मलेता केदारिया गांव आजादी के बात से भी आज सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाया है जबकि तत्काल सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दुनुवा से लोहारूवा, धारिया ,सुदई खड़ तक वर्ष 2012 में 8 किलोमीटर सड़क की घोषणा की गई थी जिसमें मार का लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वे भी किया जा चुका था बावजूद इसके विभाग की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है ग्रामीणों का कहना है कि सड़क ना बनने पर ग्रामीणों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है सबसे ज्यादा परेशानी बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने पर हो रही है जिसमें कई लोगों को समय पर अस्पताल ना पहुंचने पर मौत हो चुकी है गांव से सड़क मार्ग तक लगभग 3 से 4 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़ने पड़ रही है ग्रामीणों ने लोक निर्माण अधिकारियों को शीघ्र सड़क निर्माण में कार्रवाई न करने पर धरने व तालाबंदी की चेतावनी दी धारिया गांव की कुमारी रक्षा ने बताया कि गांव से सड़क मार्ग तक लगभग 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है जिस कारण से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है कई बार गर्भवती महिलाओं को मार्ग तक पहुंचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है कई बार तो महिलाओं ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया कहा कि गांव में 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलने को लेकर यहां लड़कियों के रिश्ते भी समय पर नहीं हो पा रहे हैं आज सभी ग्रामीण लोक निर्माण विभाग सहायक कार्यालय पर पहुंचकर घेराव किया और शीघ्र निर्माण की मांग रखी


Conclusion:वहीं अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि धारिया गांव के लिए जो रोड जा रही है उस पर विवाद था वह सुलझ गया है सहायक अभियंता व अवर अभियंता को निर्देशित किया गया है 18 जनवरी को अधिकारी धारिया गांव पहुंचेंगे कि गांव में कोई किसी को आपत्ति तो नहीं है उसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी बाकी यह रोड प्रथम चरण में पूर्व में स्वीकृत है जिसमें वन भूमि पड़ती है वन भूमि स्वीकृत होते ही तब आगे की कार्रवाई की जाएगी
बाइट _कुमारी रक्षा _ग्रामीण
बाइट_ डीपी सिंह _अधिशासी अभियंता _लोनिवि साहिया
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