विकासनगर: चकराता ब्लॉक के धारिया गांव के लिए प्रस्तावित 8 किलोमीटर सड़क ना बनाए जाने को लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग साहिया के अधिशासी अभियंता का घेराव किया. ग्रामीणों ने कहा कि साल 2012 में तत्कालीन सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मार्ग की घोषणा की थी. लेकिन 8 सालों बाद भी सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है.
ग्रामीण कुमारी रक्षा ने बताया कि सड़क ना होने के चलते ग्रामीणों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. गांव से मुख्य सड़क तक जाने में लगभग 3 से 4 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में हो रही है. जिसके चलते कई लोग समय पर अस्पताल ना पहुंचने के चलते काल के गाल में समा चुके हैं.
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने के चलते इस गांव में रिश्ता जोड़ने से भी लोग कतराते हैं. जिस वजह से कई लड़कियों की शादी रुकी हुई है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क का निर्माण नहीं करवाया गया तो ग्रामीण लोक निर्माण विभाग में धरना और तालाबंदी करने से गुरेज नहीं करेंगे.
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इस मामले में अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि धारिया गांव के लिए जो रोड जा रही है उस पर विवाद था. जिसे सुलझा लिया गया है. साथ ही सहायक अभियंता और अवर अभियंता को निर्देशित किया गया है. आगामी 18 जनवरी को अधिकारी धारिया गांव पहुंचेंगे. गांव वालों की राय के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस सड़क के लिए पहले ही स्वीकृत मिल चुकी है. वन भूमि स्वीकृत होते ही निर्माण कार्य किया जाएगा.