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मसूरी के ग्राम प्रधानों ने दिया सांकेतिक धरना, जानिए वजह - होम क्वारंटाइन संसाधन

प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुंदर सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार की ओर कहा जा रहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए ग्राम पंचायतों को विशेष धनराशि आवंटित की गई है, लेकिन ग्राम प्रधानों को धनराशि नहीं मिली है. इसी को लेकर ग्राम प्रधानों ने धरना दिया.

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ग्राम प्रधान धरना
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Published : May 22, 2020, 12:14 PM IST

Updated : May 23, 2020, 1:07 PM IST

मसूरीः टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड में प्रधान संगठन अध्यक्ष सुंदर सिंह रावत के नेतृत्व में ग्राम प्रधानों ने अलग-अलग जगहों पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. इस दौरान प्रधानों ने बताया कि कोरोना महामारी से लड़ने का जिम्मा सरकार ने पंचायतों को भी सौंपा है. लेकिन ग्राम पंचायतों को किसी भी प्रकार के संसाधन मुहैया नहीं कराए हैं. ऐसे में उन्हें मजबूरन धरना देना पड़ रहा है.

मसूरी के ग्राम प्रधानों ने दिया सांकेतिक धरना.

प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुंदर सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए ग्राम पंचायतों को विशेष धनराशि आवंटित की गई है. लेकिन ग्राम प्रधानों को इस बाबत कोई धनराशि नहीं मिली है. एक ओर सरकार के बयान से ग्रामीण भ्रम में हैं तो कई जगहों पर लोग होम क्वारंटाइन में सुविधाओं के अभाव में ग्राम प्रधानों के साथ अभद्रता भी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड: कोरोना संकट के बीच बड़ी लापरवाही, डेढ़ घंटे एम्बुलेंस में इंतजार करते रहे 4 कोरोना मरीज

ऐसे में सरकार को मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी ग्राम प्रधान और पंचायतें अपने संसाधन के बलबूते ही क्वारंटाइन हुए लोगों को सभी मलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं, जिसमें रहना और खाना शामिल है.

मसूरीः टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड में प्रधान संगठन अध्यक्ष सुंदर सिंह रावत के नेतृत्व में ग्राम प्रधानों ने अलग-अलग जगहों पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. इस दौरान प्रधानों ने बताया कि कोरोना महामारी से लड़ने का जिम्मा सरकार ने पंचायतों को भी सौंपा है. लेकिन ग्राम पंचायतों को किसी भी प्रकार के संसाधन मुहैया नहीं कराए हैं. ऐसे में उन्हें मजबूरन धरना देना पड़ रहा है.

मसूरी के ग्राम प्रधानों ने दिया सांकेतिक धरना.

प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुंदर सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए ग्राम पंचायतों को विशेष धनराशि आवंटित की गई है. लेकिन ग्राम प्रधानों को इस बाबत कोई धनराशि नहीं मिली है. एक ओर सरकार के बयान से ग्रामीण भ्रम में हैं तो कई जगहों पर लोग होम क्वारंटाइन में सुविधाओं के अभाव में ग्राम प्रधानों के साथ अभद्रता भी कर रहे हैं.

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ऐसे में सरकार को मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी ग्राम प्रधान और पंचायतें अपने संसाधन के बलबूते ही क्वारंटाइन हुए लोगों को सभी मलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं, जिसमें रहना और खाना शामिल है.

Last Updated : May 23, 2020, 1:07 PM IST
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