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राजधानी में नियमों को ताक पर रख दौड़ रहे विक्रम, भष्टाचार की तरफ इशारा

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Published : Dec 17, 2019, 7:46 PM IST

सिटी बस एसोसिएशन की विक्रम स्टैंड पर आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी पर पुलिस विभाग ने विक्रमों को न ही स्टैंड दिया है न ही पुलिस को स्टैंड देने का अधिकार है.

देहरादून में विक्रम स्टैंड न्यूज Dehradun City Bus Association News
बेलगाम दौड़ते विक्रम

देहरादून: सिटी बस एसोसिएशन अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने नगर में चलाए जा रहे विक्रमों पर आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी थी. जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है. पुलिस द्वारा विक्रम चालकों को कोई भी स्टैंड नहीं दिया गया है. लेकिन विक्रम चालकों द्वारा जगह-जगह स्टैंड बनाकर विक्रम खड़े किए जा रहे हैं.

जानकारी देते सिटी बस एसोसिएशन अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल.

विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया कि घंटाघर से रिस्पना तक लगभग 2500 विक्रम चालक बीते 80 दिनों में एक लाख 28 हजार चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन पुलिस द्वारा केवल दो ही चालान किए गए. ऐसे में विक्रम चालकों की मनमानी पर कहीं न कहीं पुलिस की मिलीभगत होने की आशंका है.

ये भी पढ़े: ऋषिकेशः NH-58 पर अनियंत्रित होकर खाई में गिरा ट्रक, एक की मौत, दो घायल

उन्होंने बताया कि आरटीआई के जवाब में एसएसपी कार्यालय की ओर से बताया गया है कि पुलिस विभाग ने विक्रमों को स्टैंड नहीं दिया है न ही पुलिस को स्टैंड देने का अधिकार है. साथ ही कहा कि नगर में ट्रैफिक व्यवस्था के लिए यातायात निदेशालय बना हुआ है. जिसके अंतर्गत यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस, सीपीयू पुलिस, सिविल पुलिस और होमगार्ड के विभाग आते है.

फिर भी विक्रम संचालक यातायात व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं. पांच साल पहले प्रदूषण के मानकों के मद्देनजर शहर में विक्रमों का संचालन नहीं हुआ करता था. लेकिन अब पूरे शहर में विक्रम घूम रहे हैं. ये सब भष्टाचार की तरफ इशारा कर रहा है.

देहरादून: सिटी बस एसोसिएशन अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने नगर में चलाए जा रहे विक्रमों पर आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी थी. जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है. पुलिस द्वारा विक्रम चालकों को कोई भी स्टैंड नहीं दिया गया है. लेकिन विक्रम चालकों द्वारा जगह-जगह स्टैंड बनाकर विक्रम खड़े किए जा रहे हैं.

जानकारी देते सिटी बस एसोसिएशन अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल.

विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया कि घंटाघर से रिस्पना तक लगभग 2500 विक्रम चालक बीते 80 दिनों में एक लाख 28 हजार चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन पुलिस द्वारा केवल दो ही चालान किए गए. ऐसे में विक्रम चालकों की मनमानी पर कहीं न कहीं पुलिस की मिलीभगत होने की आशंका है.

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उन्होंने बताया कि आरटीआई के जवाब में एसएसपी कार्यालय की ओर से बताया गया है कि पुलिस विभाग ने विक्रमों को स्टैंड नहीं दिया है न ही पुलिस को स्टैंड देने का अधिकार है. साथ ही कहा कि नगर में ट्रैफिक व्यवस्था के लिए यातायात निदेशालय बना हुआ है. जिसके अंतर्गत यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस, सीपीयू पुलिस, सिविल पुलिस और होमगार्ड के विभाग आते है.

फिर भी विक्रम संचालक यातायात व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं. पांच साल पहले प्रदूषण के मानकों के मद्देनजर शहर में विक्रमों का संचालन नहीं हुआ करता था. लेकिन अब पूरे शहर में विक्रम घूम रहे हैं. ये सब भष्टाचार की तरफ इशारा कर रहा है.

Intro:आज सिटी बस एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने प्रेसवार्ता करते बताया की आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी तो पाया कि पुलिस द्वारा विक्रमों को कोई भी स्टैंड नहीं दिया गया वहीं दूसरी ओर विक्रम द्वारा जगह-जगह स्टैंड बनाकर रोड संचालित किया जा रहा है जिससे मार्ग अवरुद्ध होने के साथ-साथ ही दुर्घटनाएं भी हो रही है।साथ ही जानकारी देते हुए बताया कि एक ही रोड पर विक्रम द्वारा 80 दिनों में  एक लाख 28 हज़ार चक्कर लगाए जाने पर पुलिस द्वारा केवल दो ही चालान काटे गए जो अपने में एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है क्योंकि जिस तरीके से अवैध रूप से विक्रम सड़कों पर खड़े रहते हैं पुलिस द्वारा उन पर कोई कार्रवाई अब तक क्यों नहीं की जाती है।80 दिन में केवल 2 चालान यह दर्शाता है कि कहीं ना कहीं पुलिस की मिलीभगत से विक्रम चालक मनमानी कर रहे हैं।
Body:सिटीबस यूनियन के अध्यक्ष ने आरोप लगाया की विक्रमों के देहरादून के मुख्य मार्गो और चौराहो के आसपास स्टैंड बनाकर यातायात का संचालन कर यातायात व्यवस्था को पुलिस के सरक्षण में चुनौती दे रहे है!क्योकि सूचना के तहत जानकारी में पुलिस विभाग द्वारा बताया गया की न तो हमारे द्वारा विक्रमों को स्टैंड दिया गया है और न ही पुलिस को स्टैंड देने का अधिकार है!जबकि ट्रैफिक की सुचारु व्यवस्था के लिए यातायात निदेशालय बना हुआ है और उसके अंतर्गत यातायात व्यवस्था को बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस,सीपीयू पुलिस सिविल पुलिस और होमगार्ड जैसे विभाग आते है फिर भी विक्रम संचालक यातायात व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे है!Conclusion:सिटी बस यूनियन अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिन पहले सूचना मांगी गई थी जिसमे खुद एसएसपी कार्यलय द्वारा बताया कि पुलिस की तरफ से विक्रमों को कोई स्टैंड दिया गया है साथ ही न ही किसी अधिकारी द्वारा स्टैंड देने के लिए आदेशित किया हुआ है।विक्रमों ने शहर में जगह-जगह अनधिकृत स्टैंड बना रखे है।तो कही न कही पुलिस की मिलीभगत है।हमारे द्वारा पुलिस विभाग को कई बार सज्ञान में लाया गया लेकिन पुलिस इनके खिलाफ कुछ नही करती है।पुलिस पिछले 80 दिनों में सिर्फ विक्रमों के दो चालान ही किये है।पिछले 80 दिनों में 1 लाख 28 हज़ार चक्करों में सिर्फ दो ही चालान हुए है।पांच साल पहले प्रदूषण के मानक के मद्देनजर शहर में विक्रमों का संचालन नही था।लेकिन अब विक्रम पूरे शहर में घूम रहे है।ओर यह सब भष्टाचार की तरफ इशारा कर रहा है।

बाइट-विजय वर्धन डंडरियाल(अध्यक्ष, सिटी बस यूनियन)
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