देहरादून: उत्तराखंड के विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में धांधली के मामले सरकार के लिए मुसीबत बन रहे हैं. हालांकि इनमें से अधिकतर पर जांच आगे बढ़ी है, लेकिन दारोगा भर्ती प्रकरण पर जांच की रफ्तार काफी धीमी रही है. करीब 1 साल पहले विजिलेंस जांच के आदेश होने के बाद कुछ कार्रवाई भी की गई, लेकिन फिर जांच ठंडे बस्ते में जाती हुई दिखाई दी. हालांकि अब एक बार फिर इस प्रकरण पर जांच के तेज होने के संकेत मिल रहे हैं.
उत्तराखंड में दारोगा भर्ती प्रकरण पर फिर से विजिलेंस ने जांच तेज कर दी है. जानकारी के अनुसार विजिलेंस ने भर्ती परीक्षा कराने से जुड़े अधिकारियों से पूछताछ की है. जबकि आने वाले दिनों में भी भर्ती परीक्षा आयोजित करने वालों से पूछताछ जारी रह सकती है. दरअसल, स्नातक स्तरीय परीक्षा की भर्ती में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि पूर्व में हुई दारोगा भर्ती में भी गड़बड़ी हो सकती है, जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने शासन को इसकी स्वतंत्र जांच करने के लिए आग्रह किया था. शासन ने भी इसे गंभीर मानते हुए इस पर विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे.
पढ़ें-दारोगा भर्ती घोटाला: विजिलेंस जांच पर विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा- नहीं कर पाएगी निष्पक्ष जांच
साल 2022 में सितंबर महीने के दौरान शुरू हुई विजिलेंस जांच अब भी जारी है. हालांकि जांच शुरू होने के बाद प्राथमिक तथ्यों के आधार पर 15 दारोगाओं को निलंबित कर दिया गया था. जबकि इसमें 30 से ज्यादा दारोगाओं के नकल से पास होने की बात कही जा रही है. साल 2015 में दारोगा की सीधी भर्ती आयोजित की गई थी कांग्रेस सरकार में हुई इस भर्ती को पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा कराया गया था. सबसे पहले एसटीएफ की जांच में यह बात सामने आई थी और 12 दारोगाओं के नाम भी प्रकाश में आए थे. मामले में विजिलेंस ने मुकदमा भी दर्ज किया था और इसके बाद मामले में 15 दारोगाओं को निलंबित किया गया था. लेकिन उसके बाद यह जांच कुछ खास तेजी से आगे नहीं बढ़ पाई.
पढ़ें-UKSSSC paper leak के मास्टरमाइंड मूसा ने दारोगा भर्ती में की थी गड़बड़ी, रिमांड पर लेकर खुलेगा राज
प्रकरण को लेकर विजिलेंस ने फिर से इसमें पूछताछ का सिलसिला शुरू किया है और पंतनगर विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों को फिर से जांच के तहत पूछताछ के लिए बुलाना शुरू किया है. माना जा रहा है कि अब उन दारोगाओं से भी पूछताछ हो सकती है, जिनके नाम इस मामले में सामने आ रहे हैं. खास बात यह है कि स्नातक स्तरीय परीक्षा की जांच के दौरान कुछ दारोगा के फोटो हाकम सिंह के साथ नजर आए थे और इसके बाद से ही साल 2015 में भर्ती 339 दारोगाओं में से करीब 30 दारोगा के परीक्षा में गड़बड़ी के जरिए पास होने की बात भी सामने आई है. इस परीक्षा में प्रयोग की गई ओएमआर शीट को नष्ट कर दिया गया है और ऐसी कई बातें हैं जो इस परीक्षा पर संदेह पैदा करती आई हैं.