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धर्मकांटों के टेंडर में कथित घपले में विजिलेंस ने शुरू की जांच, रडार पर रिटायर्ड आईएफएस अफसर केएम राव

Dharma Kanta tender alleged scam उत्तराखंड में वन विकास निगम के पूर्व एमडी और रिटायर्ड आईएफएस केएम राव समेत कई अधिकारी अब विजिलेंस जांच की रडार में आ गए हैं. मामला खनन से जुड़ा हुआ है, जिसमें टेंडर के दौरान गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद विजिलेंस ने इस पर अपनी जांच शुरू की है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 4, 2023, 5:07 PM IST

देहरादून: राज्य में पिछले कुछ समय के दौरान कई अधिकारी जांच के घेरे में उलझते हुए नजर आए हैं. ताजा मामला खनन से जुड़े गेटों में धर्मकांटों के टेंडर की गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है. खास बात यह है कि इस प्रकरण में विजिलेंस जांच के आदेश होने के बाद अब विजिलेंस ने इस पर जांच शुरू कर दी है. आरोप है कि खनन के लिए लगने वाले धर्मकांटे की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है और इसी मामले में अब विजिलेंस जांच कर रही है.

हाईकोर्ट ने विजिलेंस जांच के दिए थे आदेश: दरअसल इसी साल गौला, कोसी और दाबका में धर्मकांटों के लिए टेंडर किए गए थे. इस प्रक्रिया में शामिल होने वाली तीन सोसाइटियों ने टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने और उसमें घपले की बात कही थी. इन आरोपों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका के दौरान हाईकोर्ट ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे. जिस पर अब विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: विजिलेंस ने रिश्वतखोर ग्राम प्रधान को किया गिरफ्तार, 10 हजार की रिश्वत लेते दबोचा

विजिलेंस की रडार पर केएम राव: अहम बात यह है कि विजिलेंस को करीब 3 महीने के भीतर इस जांच को पूरा करना है. जिसके लिए अब जांच प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है. बड़ी बात यह है कि इसी साल जुलाई में हुए टेंडर को लेकर जांच के कटघरे में पूर्व एमडी केएम राव भी हैं. यही नहीं वन विकास निगम के कुछ दूसरे अधिकारी भी इस टेंडर में गड़बड़ी को लेकर जांच प्रक्रिया में सवालों के घेरे में हैं. बहरहाल हाल ही में केएम राव रिटायर्ड हो चुके हैं, लेकिन अब विजिलेंस जांच के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस मामले को लेकर विजिलेंस के निदेशक वी मुरुगेशन ने विजिलेंस जांच शुरू होने की पुष्टि की है.

ये भी पढ़ें: नैनीताल में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई, राज्य कर अधिकारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर को घूस लेते किया अरेस्ट

देहरादून: राज्य में पिछले कुछ समय के दौरान कई अधिकारी जांच के घेरे में उलझते हुए नजर आए हैं. ताजा मामला खनन से जुड़े गेटों में धर्मकांटों के टेंडर की गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है. खास बात यह है कि इस प्रकरण में विजिलेंस जांच के आदेश होने के बाद अब विजिलेंस ने इस पर जांच शुरू कर दी है. आरोप है कि खनन के लिए लगने वाले धर्मकांटे की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है और इसी मामले में अब विजिलेंस जांच कर रही है.

हाईकोर्ट ने विजिलेंस जांच के दिए थे आदेश: दरअसल इसी साल गौला, कोसी और दाबका में धर्मकांटों के लिए टेंडर किए गए थे. इस प्रक्रिया में शामिल होने वाली तीन सोसाइटियों ने टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने और उसमें घपले की बात कही थी. इन आरोपों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका के दौरान हाईकोर्ट ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे. जिस पर अब विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है.

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विजिलेंस की रडार पर केएम राव: अहम बात यह है कि विजिलेंस को करीब 3 महीने के भीतर इस जांच को पूरा करना है. जिसके लिए अब जांच प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है. बड़ी बात यह है कि इसी साल जुलाई में हुए टेंडर को लेकर जांच के कटघरे में पूर्व एमडी केएम राव भी हैं. यही नहीं वन विकास निगम के कुछ दूसरे अधिकारी भी इस टेंडर में गड़बड़ी को लेकर जांच प्रक्रिया में सवालों के घेरे में हैं. बहरहाल हाल ही में केएम राव रिटायर्ड हो चुके हैं, लेकिन अब विजिलेंस जांच के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस मामले को लेकर विजिलेंस के निदेशक वी मुरुगेशन ने विजिलेंस जांच शुरू होने की पुष्टि की है.

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