देहरादून: नशा मुक्ति केंद्र में नाबालिग लड़कियों का रेप करने वाले आरोपी विद्यादत्त रतूड़ी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी रतूड़ी को ऋषिकेश के श्यामपुर से गिरफ्तार किया गया है. दो दिन पहले ही मामले खुलासा हुआ था कि नशा मुक्ति केंद्र का संचालक विद्या दत्त रतूड़ी नाबालिग लड़कियों से रेप करता था. आरोपी के खिलाफ देहरादून के क्लेमेंटटाउन थाने में बीते शनिवार को मुकदमा दर्ज किया गया था., तभी से आरोपी फरार चल रहा था. हालांकि सोमवार को वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
नशा मुक्ति केंद्र में लड़कियों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की आरोपी वॉर्डन विभा सिंह को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. पुलिस पीड़ित लड़कियों से मिली जानकारी के बाद इस सेंटर में जाकर सभी बातों की पड़ताल करेगी. यहां लगे आठ सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल भी की जा रही है.
नशा मुक्ति केंद्रों पर कसेगा शिकंजा: नशा मुक्ति केंद्र में नाबालिग लड़कियों से रेप का मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय भी हरकत में आ गया है. पुलिस मुख्यालय की तरफ से देहरादून समेत सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों को आदेश जारी किए हैं.
हर हफ्ते होगा निरीक्षण: आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अपने-अपने जिले में चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों की मॉनिटरिंग की जाए. इसके अलावा नशा मुक्ति केंद्रों का हर हफ्ते निरीक्षण किया जाए. नशा मुक्ति केंद्रों के जो नियम हैं, उनका सख्ती से पालन कराया जाए. थाना प्रभारी निरीक्षण की रिपोर्ट एसएसपी को सौंपेंगे.
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नशा मुक्ति केंद्रों की निगरानी के लिए गाइडलाइन: केंद्र का नाम, रजिस्ट्रेशन का विवरण, स्टाफ का विवरण (डॉक्टर, मनोचिकित्सक समेत अन्य स्टाफ में महिला और पुरुष की संख्या), भर्ती हुए मरीजों की संख्या, फीस की पूरी जानकारी, आवासीय विवरण कक्ष, बेडों की संख्या, सीसीटीवी की जानकारी, दैनिक रजिस्टर विवरण, शिकायत रजिस्टर विवरण, विजिटिंग डॉक्टर /मनोचिकित्सक द्वारा किया गया भ्रमण संबंधी रजिस्टर, केंद्र की स्थिति पर सक्षम अधिकारी की टिप्पणी और नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती होने वाले पीड़ितों की देखभाल खानपान सहित उनसे बातचीत कर व्यवस्थाओं से संबंधित जानकारी मांगी गई है.
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ड्रग्स की सप्लाई पर विशेष नजर: इस बारे में डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र में जिस तरह से ड्रग्स देकर नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार करने का मामला सामने आया है, वे काफी संवेदनशील है. इसी को देखते हुए जनपद स्तर पर संचालित होने वाले एसटीएफ (स्पेशल टास्ट फोर्स) के अधीन काम करने वाली एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स को नशा मुक्ति केंद्र की गोपनीय व आकस्मिक तरीके से छापेमारी की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके पता चल पाएगा की नशा मुक्ति केंद्रों ने ड्रग्स कहां से सप्लाई हो रही है.
ऐसे आया सच सामने: दरअसल, क्लेमेंटटाउन थाना क्षेत्र के प्रकृति विहार में वॉक एंड विन सोवर लिविंग होम नाम एक नशा मुक्ति केंद्र संचालित होता है. गुरुवार (5 अगस्त) की शाम इस नशा मुक्ति से चार नाबालिग लड़कियां फरार हो गई थीं. नशा मुक्ति के स्टाफ ने इसकी सूचना क्लेमेंटटाउन थाना पुलिस को दी. पुलिस ने लड़कियों की खोजबीन शुरू की. शुक्रवार दोपहर को पुलिस ने एक युवती को बंजारावाला क्षेत्र से पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस ने अन्य तीन लड़कियों को त्यागी रोड स्थित एक होटल से खोज निकाला.
लड़की ने पुलिस को बताई आपबीती: इसमें से एक लड़की ने पुलिस को अपनी आपबीती बताई. लड़की ने पुलिस को बताया कि वह स्मैक की आदी हो गई थी इसलिए उसके माता-पिता ने उसे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करा दिया था. डेढ़ महीने पहले इस नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती हुई इस पीड़िता ने पुलिस को बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में बहुत गलत काम होते हैं. पहले सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन बाद में केंद्र के संचालक विद्यादत्त रतूड़ी ने उसे स्मैक का लालच दिया. इसके बदले उसने शरीरिक संबंध बनाने की शर्त रखी, जिसके बाद उसने आरोपी संचालक विद्यादत्त को थप्पड़ तक मार दिया था, हालांकि, उसे बहुत मार भी खानी पड़ी थी.
पीड़िता ने बताया कि संचालक दूसरी लड़कियों से भी छेड़छाड़ करता था और सबको स्मैक व अन्य नशे का लालच देता था, इस बात पर लड़कियां चुप हो जाती थीं. अगर वॉर्डन विभा सिंह से शिकायत की जाती तो वो उनको पीटती थी. संचालक को थप्पड़ मारने के बाद भी जब लड़की ने वॉर्डन को बताया तो उनसे उसके साथ मारपीट की, जिस वजह से उसके पैर में चोट भी आई. इस घटना के बाद ही उसने वहां से भागने की योजना बनाई. इसमें लड़की का साथ उसके मुंहबोले भाई ने दिया और त्यागी रोड पर एक होटल बुक कराया. वहां से निकलने के लिए उसने दूसरी लड़कियों से भी संपर्क किया. प्लानिंग के तहत 5 अगस्त का दिन तय हुआ. मौका पाकर उन्होंने वार्डन विभा को कमरे में धक्का दिया और बाहर से दरवाजा बंद कर वहां से निकल गईं. त्यागी रोड पर एक होटल उनके लिए बुक किया हुआ था.
वहीं, अन्य लड़कियों ने पुलिस को बताया कि देहरादून नशा मुक्ति केंद्र में छोटी गलतियों पर कड़ी सजा दी जाती थी. अगर किसी लड़की ने अपनी प्लेट धोने में थोड़ी देर कर दी तो उसे सजा भुगतनी पड़ती थी. कोई थोड़ा तेज बोल दे तो डंडों से पिटाई या नुकीली ईंटों या स्टूल पर घंटों बैठाया जाता था, रात में ड्यूटी कराई जाती थी और सीसीटीवी कैमरे के सामने खड़ा किया जाता था. सुबह रिकॉर्डिंग में देखा जाता था कि अगर पलक झपकी तो उसे सजा मिलती थी.
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शनिवार (7 अगस्त) को पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया, तभी से आरोपी विद्यादत्त रतूड़ी फरार चल रहा था. पुलिस ने वॉर्डन विभा देवी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. सोमवार (9 अगस्त) को विद्यादत्त रतूड़ी भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया है.