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ओलंपिक की हैट्रिक गर्ल वंदना को मिला अर्जुन पुरस्कार, शीतल राज भी नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड से सम्मानित

ओलंपिक 'हैट्रिक गर्ल' वंदना कटारिया को प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया है. वहीं, पर्वतारोही शीतल राज को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.

vandana katariya sheetal raj
वंदना कटारिया और शीतल राज
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Published : Nov 13, 2021, 8:17 PM IST

Updated : Nov 13, 2021, 8:36 PM IST

देहरादून: खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को हर साल अर्जुन पुरस्कार (Arjuna Award) से नवाजा जाता है. ऐसे टोक्यो ओलंपिक में हॉकी मैच में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाली हरिद्वार निवासी वंदना कटारिया को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अर्जुन पुरस्कार दिया है. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने विश्व की सबसे ऊंची पर्वतचोटी एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही शीतल राज को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड से सम्मानित किया है.

बता दें कि इस साल विभिन्न खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले 35 खिलाड़ियों को प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया है. ऐसे में आज नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में हैट्रिक गर्ल वंदना कटारिया को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने अर्जुन पुरस्कार से नवाजा है.

वंदना कटारिया और शीतल राज हुईं सम्मानित.

ये भी पढ़ेंः पिथौरागढ़ की शीतल ने फतह की दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, उम्र महज 24

हरिद्वार की रहने वाली वंदना कटारिया (Vandana Katariya) ने टोक्यो ओलंपिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करो या मरो के मैच में एक के बाद एक 3 गोल कर टीम को जीत दिलाई थी. उनके इस प्रदर्शन की बदौलत भारत ने साउथ अफ्रीका की टीम को 4-3 से हराया और पहली बार महिला हॉकी के क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी.

वहीं, विश्व की सबसे ऊंची पर्वतचोटी एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही शीतल राज (Sheetal Raj) को भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड (Tenzing Norgay National Adventure Award) से सम्मानित किया है. शीतल राज (25) मूलरूप से पिथौरागढ़ जिले के सल्लोड़ा गांव की रहने वाली हैं. वर्तमान में वह कुमाऊं मंडल विकास निगम के साहसिक पर्यटन अनुभाग में कार्यरत हैं.

ये भी पढ़ेंः जातीय टिप्पणी पर ये था हैट्रिक गर्ल का रिएक्शन, देखें EXCLUSIVE इंटरव्यू

शीतल राज ने इससे पहले वर्ष 2018 में 8,586 मीटर ऊंची माउंट कंचनजंघा चोटी पर आरोहण किया था. जिसके बाद 2019 में माउंट एवरेस्ट फतह किया. शीतल यहां सफलता हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं. वहीं, बीते 15 अगस्त 2021 में शीतल यूरोप की सबसे ऊंची माउंट एल्ब्रुस चोटी पर भारतीय झंडा फहरा फहराया है. इसके अलावा त्रिशूल समेत कई चोटियां फतह हासिल की हैं. शीतल राज पुरस्कार हासिल करने वाली उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं.

ये भी पढ़ेंः ओलंपिक 'हैट्रिक गर्ल' वंदना ने साझा किया 'हरिद्वार से टोक्यो' तक का सफर, जानिए संघर्ष गाथा

देहरादून: खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को हर साल अर्जुन पुरस्कार (Arjuna Award) से नवाजा जाता है. ऐसे टोक्यो ओलंपिक में हॉकी मैच में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाली हरिद्वार निवासी वंदना कटारिया को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अर्जुन पुरस्कार दिया है. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने विश्व की सबसे ऊंची पर्वतचोटी एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही शीतल राज को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड से सम्मानित किया है.

बता दें कि इस साल विभिन्न खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले 35 खिलाड़ियों को प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया है. ऐसे में आज नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में हैट्रिक गर्ल वंदना कटारिया को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने अर्जुन पुरस्कार से नवाजा है.

वंदना कटारिया और शीतल राज हुईं सम्मानित.

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हरिद्वार की रहने वाली वंदना कटारिया (Vandana Katariya) ने टोक्यो ओलंपिक में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करो या मरो के मैच में एक के बाद एक 3 गोल कर टीम को जीत दिलाई थी. उनके इस प्रदर्शन की बदौलत भारत ने साउथ अफ्रीका की टीम को 4-3 से हराया और पहली बार महिला हॉकी के क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी.

वहीं, विश्व की सबसे ऊंची पर्वतचोटी एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही शीतल राज (Sheetal Raj) को भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड (Tenzing Norgay National Adventure Award) से सम्मानित किया है. शीतल राज (25) मूलरूप से पिथौरागढ़ जिले के सल्लोड़ा गांव की रहने वाली हैं. वर्तमान में वह कुमाऊं मंडल विकास निगम के साहसिक पर्यटन अनुभाग में कार्यरत हैं.

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शीतल राज ने इससे पहले वर्ष 2018 में 8,586 मीटर ऊंची माउंट कंचनजंघा चोटी पर आरोहण किया था. जिसके बाद 2019 में माउंट एवरेस्ट फतह किया. शीतल यहां सफलता हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं. वहीं, बीते 15 अगस्त 2021 में शीतल यूरोप की सबसे ऊंची माउंट एल्ब्रुस चोटी पर भारतीय झंडा फहरा फहराया है. इसके अलावा त्रिशूल समेत कई चोटियां फतह हासिल की हैं. शीतल राज पुरस्कार हासिल करने वाली उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं.

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Last Updated : Nov 13, 2021, 8:36 PM IST
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