मसूरी: आगामी 20 नवंबर को तीन दिवसीय वैली ऑफ वर्ड्स कार्यक्रम का वर्चुअल आयोजन होने वाला है. ऐसे में इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शिरक्त करेंगे. साथ ही में प्रख्यात उपन्यासकार रस्किन बॉन्ड और गणेश शैली की पुस्तक 'द सागा ऑफ सवाय' का लोकार्पण किया जाएगा.
बता दें कि 'द सागा ऑफ सवाय' रचना पूरी तरह से मसूरी स्थित होटल सवाय की सच्ची और रोचक कहानियों पर आधारित है. होटल सवाय आजाद भारत के उन चुनिंदा होटलों में शुमार है. जहां तत्कालीन ब्रिट्रिश साम्राज्य के बड़े नामचीन लोगों के अलावा राजा-रजवाड़े और ब्यूरोक्रेट ग्रीष्मकाल में समय बीताने के साथ ही इंटरनेशनल लेवल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने आते थे. इतना ही नहीं होटल सवाय में एक राइटर्स बार भी है, जिसकी कई रोचक कहानियां इस पुस्तक से पाठकों तक पहुंचेगी.
वैली आफ वर्ड्स साहित्य एवं कला उत्सव का उद्घाटन करेंगे दलाई लामा
वहीं, वैली ऑफ वर्ड्स वर्डस् साहित्य एवं कला उत्सव के अध्यक्ष डॉ. संजीव चोपड़ा ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 20 से 22 नवंबर को होने वाले साहित्य व कला उत्सव में देश-विदेश से करीब एक लाख से अधिक साहित्य व कला प्रेमी जुड़ेगे. वहीं, इस वर्चुअल उत्सव का उद्घाटन धर्मगुरू दलाई लामा करेंगे. इस उत्सव में करीब 65 सत्र होंगे. साथ ही इस मौके पर फ्रांस के राजदूत एडवर्ट लिनेन मसूरी आएंगे और भारत-फ्रांस के संबधों पर चर्चा करेंगे. वहीं, समापन सत्र में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक शिरकत करेंगे.
पहली बार हो रहा वर्चुअल आयोजन
डॉ. संजीव चोपड़ा ने कहा कि वैली ऑफ वर्ड्स के चार सीजन में पहली बार कोविड-19 के चलते इसका वर्चुअल आयोजन किया जा रहा है. अभीतक इस आयोजन के लिए 35 हजार लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं और रजिस्ट्रेशन जारी है. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों के एक सौ से अधिक स्कूल, संस्थान, विश्वविद्यालय भी जुड़ेंगे. इस उत्सव में 95 प्रतिशत लोग वर्चुअल तरीके से मौजूद रहेंगे जबकि, शेष पांच प्रतिशत लोग मसूरी, देहरादून व आस पास से शामिल होंगे.
फ्रांस के राजदूत आएंगे मसूरी
वहीं, इस आयोजन में फ्रांस के राजदूत एडवर्ट लिनेन मसूरी आकर और भारत-फ्रांस संबंधों पर चर्चा करेंगे. इस मौके पर पुर्तगाल के आधिपत्य वाले क्षेत्र जिसमें काफी जद्दोजहद हुई उन पर भी चर्चा होगी. वहीं, भारत के राज्यों की सीमाओं व नाम के बदलने पर भी चर्चा की जायेगी. इस उत्सव में कविता पाठ, पुस्तक पाठ भी होगा व कई बड़े लेखकों की पुस्तकों का विमोचन भी किया जायेगा. इस उत्सव में विदेश से भी करीब एक दर्जन साहित्यकार जुड़ रहे हैं. वहीं, क्षेत्रीय भाषाओं की पुस्तकों जिनका अनुवाद अंग्रेजी या हिंदी में हुआ है. वह भी सत्र में चर्चा में शामिल की जायेंगी. इस कार्यक्रम में कई बड़े नौकरशाह भी हिस्सा लेंगे.