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मसूरी में शुरू हुआ 'वैली ऑफ वर्ड्स' कार्यक्रम, दलाई लामा ने किया उद्घाटन

पहाड़ों की रानी मसूरी में शुक्रवार सुबह 9 बजे वैली ऑफ वर्ड्स कार्यक्रम का शुभांरभ हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन धर्मगुरु दलाई लामा ने किया.

'वैली ऑफ वर्ड्स' कार्यक्रम
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Published : Nov 20, 2020, 12:46 PM IST

Updated : Nov 20, 2020, 10:10 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में आज वैली ऑफ वर्ड्स कार्यक्रम का शुभांरभ किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन धर्मगुरु दलाई लामा ने किया. इस दौरान उनका संदेश तिब्बत के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग ने पढ़ा. जिसमें उन्होंने कहा कि यह उत्सव भारत की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा देगा. वैली ऑफ वर्ड्स के पहले सत्र में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी वर्चुअली शामिल हुए. पहले सत्र की शुरुआत देहरादून पर संवाद के साथ हुई.

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कार्यक्रम का दलाई लामा ने किया उद्घाटन.


वैली ऑफ वर्ड्स के उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वैली ऑफ वर्ड्स फेस्टिवल वर्चुअली चलने वाला अपने प्रकार का पहला उत्सव है जो कि वर्चुअल होने के साथ लाइव भी देखा जा सकता है. जिसमें अंग्रेजी हिंदी सहित क्षेत्रीय भाषाओं के साहित्य को नई दिशा व आयाम देने के साथ देश-विदेश के साहित्यकार, कला प्रेमी अपने घरों में बैठ कर इस शब्दों के महा उत्सव में प्रतिभाग कर रहे हैं. दुनिया भर में कई भाषाओं में भारतीयों द्वारा लिखे गए, लेख हमारे ने नये दृष्टिकोण को आकार दिया है. जिससे नई पीढ़ी को खासा लाभ मिलेगा.

मसूरी में शुरू हुआ 'वैली ऑफ वर्ड्स' कार्यक्रम.

वहीं, देहरादून सिटी इट्स हिस्टोरिकल इंपॉर्टेंस विषय पर अजय शर्मा और डॉ. समीर सिन्हा बातचीत की. इस सत्र की अध्यक्षता के लिए लोकेश ओहरी को चुना गया है. इसके अलावा पहले दिन 'द इंडिया नेपाल बाउंड्री क्वेश्चन, प्राचीन मूल्य आधुनिक जीवन, काव्य स्वर, द मोरल एंड द इमोरल एसिस्टेंसलिज्म इन ट्रांसलेशन, मैपिंग द इंडियन स्टेट्स, पोयट्री कैफे जैसे सत्र आयोजित हुए. साथ ही वजाहत हबीबुल्लाह की माई ईयर्स विद राजीव, राज कंवर की डेट लाइन देहरादून, आलोक लाल की बाराबंकी नार्कोस और मुकुल कुमार की कथेरसिस किताब का विमोचन भी हुआ.

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वर्चुअल हुआ कार्यक्रम.

बता दें कि, इस कार्यक्रम में कुल 65 सेशन होंगे. कार्यक्रम से जुड़ने के लिए अभी तक 35 हजार से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है. वैली ऑफ वर्ड्स साहित्य एवं कला उत्सव के अध्यक्ष संजीव चोपड़ा ने बताया कि उत्सव में देश-विदेश के एक लाख से अधिक साहित्य व कला प्रेमी लोगों को जोड़ा जाएगा. इस दौरान वैली ऑफ वर्ड्स साहित्य एवं कला उत्सव के अध्यक्ष डॉ संजीव चोपड़ा ने आगामी 20 से 22 नवंबर को होने वाले साहित्य और कला उत्सव के बारे में जानकारी दी. इस बार इस उत्सव में देश-विदेश के एक लाख से अधिक साहित्य और कला प्रेमी जुड़ेंगे.

पढ़ें- जानिए कैसी रही इस बार चारधाम यात्रा, कितना पड़ा कोरोना का असर

डॉ संजीव चोपड़ा ने बताया कि आयोजन में वजाहत हबीबुल्लाह, बीएस बासवान, नीरज कुमार, आलोक लाल, शुभा शर्मा, आई विशेषज्ञ राजीव मल्होत्रा, जनरल कोसम हिमालय सिंह और छह साल के अयान गोगोई गोहेन गोवा जैसे प्रतिष्ठित लेखकों की पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा. वहीं, कार्यक्रम में समापन भाषण केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक देंगे. कोरोना के चलते यह उत्सव वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित किया जा रहा है. कार्यक्रम में करीब एक लाख लोगों के जुड़ने की तैयारी की जा रही हैं.

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में आज वैली ऑफ वर्ड्स कार्यक्रम का शुभांरभ किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन धर्मगुरु दलाई लामा ने किया. इस दौरान उनका संदेश तिब्बत के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग ने पढ़ा. जिसमें उन्होंने कहा कि यह उत्सव भारत की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा देगा. वैली ऑफ वर्ड्स के पहले सत्र में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी वर्चुअली शामिल हुए. पहले सत्र की शुरुआत देहरादून पर संवाद के साथ हुई.

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कार्यक्रम का दलाई लामा ने किया उद्घाटन.


वैली ऑफ वर्ड्स के उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वैली ऑफ वर्ड्स फेस्टिवल वर्चुअली चलने वाला अपने प्रकार का पहला उत्सव है जो कि वर्चुअल होने के साथ लाइव भी देखा जा सकता है. जिसमें अंग्रेजी हिंदी सहित क्षेत्रीय भाषाओं के साहित्य को नई दिशा व आयाम देने के साथ देश-विदेश के साहित्यकार, कला प्रेमी अपने घरों में बैठ कर इस शब्दों के महा उत्सव में प्रतिभाग कर रहे हैं. दुनिया भर में कई भाषाओं में भारतीयों द्वारा लिखे गए, लेख हमारे ने नये दृष्टिकोण को आकार दिया है. जिससे नई पीढ़ी को खासा लाभ मिलेगा.

मसूरी में शुरू हुआ 'वैली ऑफ वर्ड्स' कार्यक्रम.

वहीं, देहरादून सिटी इट्स हिस्टोरिकल इंपॉर्टेंस विषय पर अजय शर्मा और डॉ. समीर सिन्हा बातचीत की. इस सत्र की अध्यक्षता के लिए लोकेश ओहरी को चुना गया है. इसके अलावा पहले दिन 'द इंडिया नेपाल बाउंड्री क्वेश्चन, प्राचीन मूल्य आधुनिक जीवन, काव्य स्वर, द मोरल एंड द इमोरल एसिस्टेंसलिज्म इन ट्रांसलेशन, मैपिंग द इंडियन स्टेट्स, पोयट्री कैफे जैसे सत्र आयोजित हुए. साथ ही वजाहत हबीबुल्लाह की माई ईयर्स विद राजीव, राज कंवर की डेट लाइन देहरादून, आलोक लाल की बाराबंकी नार्कोस और मुकुल कुमार की कथेरसिस किताब का विमोचन भी हुआ.

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वर्चुअल हुआ कार्यक्रम.

बता दें कि, इस कार्यक्रम में कुल 65 सेशन होंगे. कार्यक्रम से जुड़ने के लिए अभी तक 35 हजार से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है. वैली ऑफ वर्ड्स साहित्य एवं कला उत्सव के अध्यक्ष संजीव चोपड़ा ने बताया कि उत्सव में देश-विदेश के एक लाख से अधिक साहित्य व कला प्रेमी लोगों को जोड़ा जाएगा. इस दौरान वैली ऑफ वर्ड्स साहित्य एवं कला उत्सव के अध्यक्ष डॉ संजीव चोपड़ा ने आगामी 20 से 22 नवंबर को होने वाले साहित्य और कला उत्सव के बारे में जानकारी दी. इस बार इस उत्सव में देश-विदेश के एक लाख से अधिक साहित्य और कला प्रेमी जुड़ेंगे.

पढ़ें- जानिए कैसी रही इस बार चारधाम यात्रा, कितना पड़ा कोरोना का असर

डॉ संजीव चोपड़ा ने बताया कि आयोजन में वजाहत हबीबुल्लाह, बीएस बासवान, नीरज कुमार, आलोक लाल, शुभा शर्मा, आई विशेषज्ञ राजीव मल्होत्रा, जनरल कोसम हिमालय सिंह और छह साल के अयान गोगोई गोहेन गोवा जैसे प्रतिष्ठित लेखकों की पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा. वहीं, कार्यक्रम में समापन भाषण केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक देंगे. कोरोना के चलते यह उत्सव वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित किया जा रहा है. कार्यक्रम में करीब एक लाख लोगों के जुड़ने की तैयारी की जा रही हैं.

Last Updated : Nov 20, 2020, 10:10 PM IST
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