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वैशाख शुक्ल दुर्गा अष्टमी: देवी के अपराजिता रूप की पूजा से मिलेगा विशेष लाभ - Dharma News

आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर मां शक्ति की उपासना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी का हिंदू धर्म में खास महत्व है.

वैशाख शुक्ल दुर्गा अष्टमी
वैशाख शुक्ल दुर्गा अष्टमी
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Published : May 20, 2021, 8:15 AM IST

देहरादून: आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. इस दिन का हिंदू स्वावलंबियों के लिए खास महत्व है. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन व्रत व देवी दुर्गा की खास पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि आज के दिन माता शक्ति की सच्चे मन से उपासना करने पर सारे मनोरथ पूरे होते हैं.

पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यता है कि प्रत्येक माह शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी व्रत रखना काफी खास माना जाता है. वैशाख शुक्ल पक्ष अष्टमी को देवी बगलामुखी के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. मां बगलामुखी अपने सारे भक्तों को शत्रुओं से बचाती है. जिनकी उत्पत्ति सौराष्ट्र के हरिद्रा नामक सरोवर से माना जाता है.

पढ़ें-कोविड केयर सेंटर में बना ICU वॉर्ड शुरू, विधायक ने केरल से बुलाए टेक्नीशियन

देवी पुराण में बताया गया है कि इस तिथि पर अपराजिता रूप में देवी की पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं. वहीं देवी की पूजा-अर्चना करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है.

ये है शुभ समय

अभिजित मुहूर्त

आज दोपहर 12 बजकर 9 मिनट से दोपहर 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा.

विजय मुहूर्त

दोपहर 2 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 38 मिनट तक रहेगा.

रवि योग

आज दोपहर 3 बजकर 58 मिनट से अगले दिन 21 मई को सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा.

अमृत काल

आज दोपहर 1 बजकर 33 मिनट से दोपहर 3 बजकर 9 मिनट तक रहेगा.

देहरादून: आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. इस दिन का हिंदू स्वावलंबियों के लिए खास महत्व है. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन व्रत व देवी दुर्गा की खास पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि आज के दिन माता शक्ति की सच्चे मन से उपासना करने पर सारे मनोरथ पूरे होते हैं.

पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यता है कि प्रत्येक माह शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी व्रत रखना काफी खास माना जाता है. वैशाख शुक्ल पक्ष अष्टमी को देवी बगलामुखी के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. मां बगलामुखी अपने सारे भक्तों को शत्रुओं से बचाती है. जिनकी उत्पत्ति सौराष्ट्र के हरिद्रा नामक सरोवर से माना जाता है.

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देवी पुराण में बताया गया है कि इस तिथि पर अपराजिता रूप में देवी की पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं. वहीं देवी की पूजा-अर्चना करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है.

ये है शुभ समय

अभिजित मुहूर्त

आज दोपहर 12 बजकर 9 मिनट से दोपहर 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा.

विजय मुहूर्त

दोपहर 2 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 38 मिनट तक रहेगा.

रवि योग

आज दोपहर 3 बजकर 58 मिनट से अगले दिन 21 मई को सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा.

अमृत काल

आज दोपहर 1 बजकर 33 मिनट से दोपहर 3 बजकर 9 मिनट तक रहेगा.

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