देहरादून: राजधानी देहरादून में कोरोना वैक्सीन कमी के चलते टीका लगाने वाले लोगों को दर-बदर भटकना पड़ रहा है. 45+ और 18+ के लोगों को सिंगल डोज लगने के बावजूद दूसरी डोज लिए भटकना पड़ रहा है. इसका बड़ा कारण यह भी हैं कि कोविशील्ड का स्टॉक न सिर्फ खत्म हो चुका है, बल्कि सप्लाई भी सरकार द्वारा स्वास्थ विभाग को नहीं मिल रही है. हालांकि 18 + को वैक्सीन की पहली डोज जरूर लगाई जा रही है.
लेकिन उसके लिए भी पर्याप्त टीकाकरण केंद्र उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं सरकार द्वारा सप्लाई कम हो रही हैं. अभियान के शुरुआती समय से लगने वाले कोविशिल्ड वैक्सीन का स्टॉक स्वास्थ्य विभाग के पास खत्म हो चुका है. जबकि कोवेक्सीन की सँख्या लगभग 4 हजार के आसपास बताई जा रही है.
वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए भी परेशानी में लोग
देहरादून के दून अस्पताल के समीप CMS रेसिडेंस व छात्रावास भवन में को-वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने आये लोगों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन न होने के कारण भी लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. इस मामले में दून मुख्य चिकित्सा अधिकारी की माने तो किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन की पहली डोज लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. दूसरी डोज के लिए बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही संबंधित टीकाकरण केंद्र में जाकर वैक्सीन लगाई जा सकती है.
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वैक्सीन न लगने के चलते हैं ड्यूटी से वंचित हैं ड्राइवर
ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में जानकारी सामने यह भी आई कि एक 52 साल के रोडवेज बस ड्राइवर को कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी. जिसके कारण उसे अपनी ड्यूटी वंचित रहना पड़ रहा है. ऐसे में ड्यूटी पर अनुपस्थिति होने के चलते बस ड्राइवर जितेंद्र शर्मा के वेतन में कटौती हो रही है. उत्तराखंड रोडवेज बस ड्राइवर जितेंद्र शर्मा के मुताबिक जब उनके विभाग में वैक्सीनेशन का कैंप लगाया गया था. तब वे अपने गांव गए थे. अब वापस आने पर उन्हें वैक्सीनेशन के लिए भटकना पड़ रहा है.
देहरादून में प्रतिदिन वैक्सीन लगाने की स्थिति की कमी आ रही है
देहरादून जिला स्वास्थ्य कार्यालय के मुताबिक जहां प्रतिदिन औसतन 10 से 12 हजार टीकाकरण पूरे जिले में किया जा रहा था. वह वैक्सीन उपलब्धता कमी के चलते धीरे-धीरे नीचे आ रहा है. कोविशिल्ड उपलब्धता के समय टीकाकरण अभियान तेजी से शुरू हुआ था. अब कोविशील्ड का स्टॉक नहीं मिल रहा है. यही वजह है की कोविशिल्ड पहली डोज रजिस्ट्रेशन में समस्या आ रही है.
वैक्सीन उपलब्धता के दौरान बीच में ऐसा भी समय आया जब प्रतिदिन 22 हजार लोगों को टीका लगाया जा रहा था. इसी के कारण वर्तमान समय तक देहरादून जिले में 9 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.
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राधास्वामी और निरंकारी भवन में पहले आओ पहले वैक्सीन लगाओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोज उपरेती के मुताबिक देहरादून शहर में दो जंबो साइट स्वास्थ विभाग द्वारा संचालित की जा रही हैं. जहां कोविशील्ड वैक्सीनेशन किया जा रहा है. देहरादून हरिद्वार रोड के अंतर्गत आने वाले कारगी चौक के समीप राधा स्वामी सत्संग परिसर में कोविशील्ड प्रतिदिन भारी संख्या में लगाई जा रही है.
अब कोविशील्ड सरकार द्वारा उपलब्धता नहीं हो रही है. वहीं, कारगी चौक के दूसरे हिस्से में स्थित संत निरंकारी परिसर में पहली डोज का रजिस्ट्रेशन अनुसार को-वैक्सीन अभियान बदस्तूर जारी है. हालांकि यहां दूसरी डोज के लिए जो सुबह पहले पहुंच रहे है उसी का नंबर पहले आ रहा है. यहां पहले आओ और पहले टीका लगाओ के तर्ज पर सुविधा मिल रही है.
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पल्स पोलियो अभियान में वैक्सीनेशन अभियान को जोड़ने की तैयारी को लगा झटका
उधर कोरोना वैक्सीनेशन लगाने का डाटा एकत्र करने वाले स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारी सुनील पांडे के मुताबिक जिस तरह से सरकार द्वारा वैक्सीन की उपयोगिता मिल रही है. उसी अनुसार टीकाकरण चल रहा है. वर्तमान समय में वैक्सीन की उपलब्धता कम हो रही है. जिसके चलते टीकाकरण की रफ्तार धीमी पड़ी है.
हालांकि इससे पहले विभाग की ओर से पल्स पोलियो अभियान में जोड़कर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना टीकाकरण अभियान को युद्ध स्तर पर करने की तैयारी थी. लेकिन वैक्सीन स्टॉक की उपलब्धता कम होने के कारण फिलहाल यह नहीं हो पाया है.
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देहरादून के ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन और मोबाइल वैन के जरिए टीकाकरण
देहरादून मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोज उप्रेती के मुताबिक शहरी इलाकों के अलावा देहरादून के पछवादून सहित पहाड़ी क्षेत्र मसूरी, चकराता व त्यूणी जैसे ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन के अनुसार स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कैंप लगाकर कोवेक्सीन की पहली डोज की वैक्सीन की लगाई जा रही है. जबकि दूसरी डोज के लिए मोबाइल वैन सुविधा देकर अलग-अलग स्थानों में टीकाकरण चल रहा है.