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उत्तराखंड STF ने 10 हजार के इनामी बाबा को यूपी से किया गिरफ्तार

हत्या के प्रयास और जमीनी धोखाधड़ी के मामलों में फरार चल रहे आरोपी बाबा वेद प्रकाश शर्मा उर्फ वेदानंद सरस्वती को उत्तराखंड एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को यूपी के हापुड़ से गिरफ्तार किया गया है.

उत्तराखंड एसटीएफ
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Published : Jun 14, 2022, 9:00 PM IST

देहरादून: हत्या के प्रयास और हरिद्वार के भूमा निकेतन आश्रम की प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा करने वाला मास्टर माइंड उत्तराखंड एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया है. आरोपी काफी समय से फरार चल रहा था, जिस पर पुलिस ने इनाम भी घोषित कर रखा था. आरोपी का नाम वेद प्रकाश शर्मा उर्फ वेदानंद सरस्वती है, जिसे यूपी के हापुड़ जिले से गिरफ्तार किया गया है.

उत्तराखंड एसटीएफ की गिरफ्त में आए वेदानंद सरस्वती को पुलिस ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. जमीनों की धोखाधड़ी और हत्या के प्रयास जैसे मामलों में आरोपी दो बार पहले भी हरिद्वार और देहरादून की जेलों में सजा काट चुका है. वेदानंद सरस्वती के खिलाफ भूमा निकेतन आश्रम के मैनेजर राजेंद्र शर्मा ने हरिद्वार के ज्वालापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.
पढ़ें- रुड़की मेयर की वायरल ऑडियो की लैब रिपोर्ट आई, नहीं हुई आवाज की पुष्टि

आरोपी पर दर्ज मुकदमे के मुताबिक, वेद प्रकाश शर्मा उर्फ वेदानंद सरस्वती ने भूमा निकेतन आश्रम के पीछे करीब 9120 वर्ग भूमि है, जिसे आश्रम ने पहले ही खरीद लिया था, उस जमीन को वेदानंद सरस्वती ने अपने कुछ दोस्तों के मिलकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर किसी को बेच दिया. हालांकि, मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपी वेदानंद सरस्वती फरार चल रहा था. हरिद्वार पुलिस पुलिस ने आरोपी पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था.

उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, अपने आपको शारदा आश्रम का ट्रस्टी बताने वाला वेदानंद सरस्वती जमीनों के धोखाधड़ी और 307 (हत्या का प्रयास) जैसे मामलों में जेल की सजा भी काट चुका है. वेदानंद अभी भी जमानत पर ही बाहर चल रहा था, लेकिन भूमा निकेतन आश्रम की जमीन को फर्जीवाड़ा करने बेचने के आरोप में उस पर मुकदमा दर्ज हुआ था.
पढ़ें- घुड़दौड़ी कॉलेज से बर्खास्त पूर्व कुलसचिव की बढ़ी मुश्किलें, TPO की भी होगी जांच, कमेटी गठित

वेदानंद सरस्वती का आपराधिक इतिहास: उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, साधु भेष में रहने वाले वेदानंद सरस्वती पर साल 1998 में ज्वालापुर थाने में 307 हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था. वेदानंद सरस्वती ने जमीन के एक विवाद में दूसरी पार्टी पर फायरिंग की थी. तब पीड़ित पक्ष ने ज्वालापुर थाने में वेदानंद सरस्वती के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.

इस मामले में हरिद्वार कोर्ट ने वेदानंद सरस्वती को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन वेदानंद सरस्वती ने हरिद्वार कोर्ट के फैसले को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती थी. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वेदानंद सरस्वती को जमानत दे दी थी. अभी ये मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट में विचाराधीन है.

इसके अलावा वेदानंद सरस्वती के खिलाफ देहरादून के थाना क्लेमेंट टाउन में एक मुकदमा दर्ज है. यहां भी आरोपी वेदानंद सरस्वती ने 8.5 करोड़ रुपए की जमीन में फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए के फर्जी ड्राफ्ट सामने वाली पार्टी को दिए थे. आरोपी के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने क्लेमेंट टाउन थाने में 420 आईपीसी मुकदमा दर्ज करया था. इस धोखाधड़ी को वेदानंद ने अपने भाई मुकेश गौड़ और बेटा सचिन के साथ मिलकर अंजाम दिया था. इस मामले में देहरादून की कोर्ट से सजा पाकर वेदानंद सरस्वती अपने साथी आरोपियों के साथ जेल में सात महीने की सजा काट चुका है.

देहरादून: हत्या के प्रयास और हरिद्वार के भूमा निकेतन आश्रम की प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा करने वाला मास्टर माइंड उत्तराखंड एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया है. आरोपी काफी समय से फरार चल रहा था, जिस पर पुलिस ने इनाम भी घोषित कर रखा था. आरोपी का नाम वेद प्रकाश शर्मा उर्फ वेदानंद सरस्वती है, जिसे यूपी के हापुड़ जिले से गिरफ्तार किया गया है.

उत्तराखंड एसटीएफ की गिरफ्त में आए वेदानंद सरस्वती को पुलिस ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. जमीनों की धोखाधड़ी और हत्या के प्रयास जैसे मामलों में आरोपी दो बार पहले भी हरिद्वार और देहरादून की जेलों में सजा काट चुका है. वेदानंद सरस्वती के खिलाफ भूमा निकेतन आश्रम के मैनेजर राजेंद्र शर्मा ने हरिद्वार के ज्वालापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.
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आरोपी पर दर्ज मुकदमे के मुताबिक, वेद प्रकाश शर्मा उर्फ वेदानंद सरस्वती ने भूमा निकेतन आश्रम के पीछे करीब 9120 वर्ग भूमि है, जिसे आश्रम ने पहले ही खरीद लिया था, उस जमीन को वेदानंद सरस्वती ने अपने कुछ दोस्तों के मिलकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर किसी को बेच दिया. हालांकि, मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपी वेदानंद सरस्वती फरार चल रहा था. हरिद्वार पुलिस पुलिस ने आरोपी पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था.

उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, अपने आपको शारदा आश्रम का ट्रस्टी बताने वाला वेदानंद सरस्वती जमीनों के धोखाधड़ी और 307 (हत्या का प्रयास) जैसे मामलों में जेल की सजा भी काट चुका है. वेदानंद अभी भी जमानत पर ही बाहर चल रहा था, लेकिन भूमा निकेतन आश्रम की जमीन को फर्जीवाड़ा करने बेचने के आरोप में उस पर मुकदमा दर्ज हुआ था.
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वेदानंद सरस्वती का आपराधिक इतिहास: उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, साधु भेष में रहने वाले वेदानंद सरस्वती पर साल 1998 में ज्वालापुर थाने में 307 हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था. वेदानंद सरस्वती ने जमीन के एक विवाद में दूसरी पार्टी पर फायरिंग की थी. तब पीड़ित पक्ष ने ज्वालापुर थाने में वेदानंद सरस्वती के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.

इस मामले में हरिद्वार कोर्ट ने वेदानंद सरस्वती को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन वेदानंद सरस्वती ने हरिद्वार कोर्ट के फैसले को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती थी. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वेदानंद सरस्वती को जमानत दे दी थी. अभी ये मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट में विचाराधीन है.

इसके अलावा वेदानंद सरस्वती के खिलाफ देहरादून के थाना क्लेमेंट टाउन में एक मुकदमा दर्ज है. यहां भी आरोपी वेदानंद सरस्वती ने 8.5 करोड़ रुपए की जमीन में फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए के फर्जी ड्राफ्ट सामने वाली पार्टी को दिए थे. आरोपी के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने क्लेमेंट टाउन थाने में 420 आईपीसी मुकदमा दर्ज करया था. इस धोखाधड़ी को वेदानंद ने अपने भाई मुकेश गौड़ और बेटा सचिन के साथ मिलकर अंजाम दिया था. इस मामले में देहरादून की कोर्ट से सजा पाकर वेदानंद सरस्वती अपने साथी आरोपियों के साथ जेल में सात महीने की सजा काट चुका है.

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