देहरादून: कोरोना महामारी के कारण व्यावसायिक वाहन मालिकों व चालकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. ऊपर से चार धाम यात्रा निरस्त होने के बाद उनके सामने बैंकों से लिए गए ऋण की अदायगी की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. ऐसे में वाहन संचालकों और चालकों ने ईमेल से मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित करते हुए उन्हें आर्थिक संकट से उबारने की गुहार लगाई है.
वाहन संचालक दीपक रावत का कहना है कि इस महामारी से देश और प्रदेश का परिवहन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. जिसकी सर्वाधिक मार प्रदेश के परिवहन से जुड़े कारोबारियों, वाहन स्वामियों, चालक और परिचालकों पर पड़ी है. उन्होंने कहा कि इस महामारी के कारण उनके सामने रोजी-रोटी का आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में परिवहन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों के पास आजीविका का गुजर-बसर करने का अन्य कोई संसाधन नहीं है. उनकी वर्तमान स्थिति ये है कि वो बेरोजगारी और भुखमरी जैसी समस्याओं को झेलने को मजबूर हैं. ऐसे में परिवहन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों को सरकार राहत प्रदान करे.
वाहन चालकों और संचालकों की सरकार से मांगें
1. डीजल और पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाएं और बढ़े हुए दाम वापस किए जाएं
2. सरकार व्यावसायिक वाहनों के समस्त प्रकार के टैक्स आगामी 2 साल तक माफ करे
3. वित्त पोषित व्यवसाय वाहनों का सरकारी तथा गैर सरकारी बैंक अथवा वित्तीय संस्थाओं के लिए गए ऋण की किस्तों का ब्याज अनिवार्य रूप से माफ किया जाए
4. कोविड-19 महामारी से प्रभावित तंग स्थिति को देखते हुए वेबसाइट वाहनों का इंश्योरेंस 2 साल के लिए बढ़ाकर समायोजित किया जाए
5. व्यावसायिक वाहन जैसे ऑटो रिक्शा, विक्रम, टैक्सी-मैक्सी, बस आदि वाहन चालकों को कोरोना काल तक बतौर 5 हजार रुपए प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाए.