देहरादून: ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड में ही बिजली की दरें 15 से 27 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाई गयी हैं. इसका मुख्य कारण बिजली चोरी भी माना जा रहा है. विभागीय लापरवाही की वजह से बढ़ती बिजली चोरी का खामियाजा हमेशा आम जनता को ही भुगतना पड़ता है. इसका उदाहरण UERC की तरफ से हाल ही में बढ़ाये गए बिजली टैरिफ हैं.
उत्तराखंड में बिजली चोरी के मामले काफी बढ़ते जा रहे हैं. सिर्फ आमजनता ही नहीं बल्कि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी समय-समय पर बिजली चोरी करते पकड़े जाते रहे हैं. अगस्त 2018 में रुड़की के लक्सर सब स्टेशन में हाई टेक डिवाइस से बिजली चोरी का मामला सामने आया था. जिसे खुद ऊर्जा सचिव राधिका झा ने पकड़ा था.
ऐसे में मामले पर कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए जनवरी 2019 को पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (PTCUL) ने अपने 13 अधिकारियों को चार्जशीट जारी की थी. इसके तहत सभी अधिकारियों को एक माह में अपना जवाब पेश करने को कहा गया था. लेकिन डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी मामले में दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
बिजली चोरी से जुड़े इस पूरे मामले को लेकर जब पिटकुल एमडी संदीप सिंघल से बात की तो चोरी को लेकर उन्होंने अपने 13 अधिकारियों को जारी की गई चार्जशीट के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि चोरी के मामले में आरोपी पकड़े गए 13 अधिकारियों और स्टाफ को जवाब देने का समय दिया गया है. जिनका जवाब संतोषजनक नहीं होगा उनके खिलाफ जांच की जाएगी.