देहरादून: 21 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर से आईं सैकड़ों आशा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को सचिवालय कूच किया. मगर, पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने आशा कार्यकर्ताओं को सुभाष रोड पर सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. रोके जाने से आक्रोशित आशा कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर सड़क पर ही बैठ गईं. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की.
अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संगठन से जुड़ी प्रदेश भर की 13 जिलों की आशा कार्यकर्ता परेड ग्राउंड में एकत्रित हुईं. उसके बाद सभी ने विशाल जुलूस की शक्ल में सचिवालय कूच किया. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार पर उनकी अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया.
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संगठन की महामंत्री ललितेश विश्वकर्मा का कहना है कि सरकार निरंतर उनकी उपेक्षा करते हुए उन्हें झूठे आश्वासन देती आ रही है. इससे सभी आशाओं में आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने कहा भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का संगठन उत्तराखंड में कार्यरत है. सरकार ने नेशनल हेल्थ मिशन भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन करीब 13,000 आशा कार्यरत हैं. वर्तमान समय में इन्हें करीब 15 से 20 वर्षों से प्रोत्साहन राशि मिलती है, उसका भी काफी देर से भुगतान किया जाता है.
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ऐसी स्थिति में हमें अपने परिवार का जीवन यापन करने में कठिनाइयां आ रही हैं. उन्होंने कहा संगठन का मानना है कि प्रोत्साहन राशि के बदले हमें उत्तराखंड प्रांत में मानदेय निर्धारित किया जाए. उन्होंने कहा कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर आशाओं ने काम किया. अब प्रदेशभर की आशाओं के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है.
आशा कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें: उत्तराखंड में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम रुपए 18,000 मानदेय प्रतिमाह निर्धारित कर भुगतान किया जाये. इस मानदेय भुगतान के प्रभावी होने तक वर्तमान प्रोत्साहन राशि का दोगुना करके भुगतान सुनिश्चित किया जाये. आशा कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाये. आशा कार्यकर्ताओं का उत्तराखंड सरकार के द्वारा 50,000 रुपए का निशुल्क बीमा करवाया जाये. प्रदेश में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को किए गए सभी कार्यों का भुगतान प्रतिमाह किया जाये.
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सेवानिवृत्ति बेनिफिट के रूप में उन्हें एकमुश्त 5 लाख की राशि का भुगतान किया जाये. उम्र की बाध्यता हटाते हुए शैक्षिक योग्यता धारी हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन आशा कार्यकर्ताओं को एएनएम का प्रशिक्षण प्रदान कर पदोन्नति दी जाए. उत्तराखंड में आशा कार्यकर्ताओं को वाहन प्रतिपूर्ति भत्ता सुविधा प्रदान की जाये. अनुभवी आशा कार्यकर्ताओं के लिए टीकाकरण प्रशिक्षण की व्यवस्था ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर की जाये.