देहरादूनः उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में तमाम अनियमितताओं की शिकायतें अक्सर आती रहती हैं, लेकिन अब वक्फ बोर्ड ने सख्त कदम उठाते हुए प्रदेश में मौजूद तकरीबन 2 हजार वक्फ कमेटियों से ऑडिट रिपोर्ट तलब की है. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के सीईओ सैयद सिराज हुसैन ने जानकारी दी है कि आगामी 15 दिनों के भीतर सभी वक्फ कमेटियों को ऑडिट रिपोर्ट जमा करने के लिए नोटिस जारी किया गया है.
सीईओ सैयद सिराज हुसैन ने बताया कि 2003 में बोर्ड के गठन के बाद से केवल बोर्ड की संपत्तियों से आने वाले किराये का राजस्व और अन्य राजस्व का रिकॉर्ड पेश किया गया. लेकिन बोर्ड में आने वाले डोनेशन का अब तक वक्फ कमेटी द्वारा किसी भी तरह का कोई ऑडिट रिपोर्ट बोर्ड के सामने पेश नहीं किया गया है. इसी को लेकर तमाम वक्फ कमेटियों से हिसाब किताब का ब्यौरा मांगा गया है. साथ ही हर तरह के हिसाब किताब की रिपोर्ट मेंटेन करने के भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
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उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेश में कुल 2050 वक्फ कमेटी काम कर रही हैं. इनमें से 500 रजिस्टर्ड हैं. इनमें भी तकरीबन 250 कमेटियां फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन में इंवॉल्व हैं, जो कि दान, किराया और अन्य माध्यमों से आए राजस्व का लेखा जोखा रखती हैं. नियमों के अनुसार हर एक कमेटी को डोनेशन का 7 फीसदी हिस्सा वक्फ बोर्ड को जमा कराना होता है. इसमें से 6 फीसदी स्टेट वक्फ बोर्ड और 1 प्रतिशत सेंट्रल वक्फ बोर्ड को जाता है. इसके साथ ही हर एक कमेटी को एनुअल ऑडिट रिपोर्ट भी बोर्ड में जमा करनी होती है. लेकिन अब तक के इस तरह की कोई प्रक्रिया अमल में नहीं लाई गई है.
इस मामले पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का कहना है कि उत्तराखंड में लंबे समय से वक्फ बोर्ड आलोचकों के निशाने पर रहा है. वित्तीय अनियमितताओं को लेकर लगातार आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन अब वक्फ बोर्ड की कार्य प्रणाली को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने के लिए हर कड़ा कदम उठाया जा रहा है. इस पर कार्रवाई जारी है.