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विवि कर्मचारी महासंघ की हुई बैठक, एक हजार से ज्यादा खाली पदों पर जताई चिंता

उत्तराखंड के विभिन्न विद्यालयों में एक हजार से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हैं. इन पर विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने जल्द से जल्द नियुक्ति करने की मांग की है. जानिए किस विश्वविद्यालय में कितने पद चल रहे हैं रिक्त.

uttarakhand university employees federation
उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ
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Published : Oct 25, 2021, 3:22 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ की नवगठित कार्यकारिणी की पहली बैठक हुई. यह बैठक ऑनलाइन माध्यम से हुई. बैठक में राज्य के विश्वविद्यालयों में रिक्त चल रहे हजार से ज्यादा पदों को लेकर चिंता जाहिर की गई. साथ ही सरकार से इन पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने की मांग की है. इसके अलावा विश्वविद्यालयों की व्यवस्थाओं को सुचारू करने को भी कहा गया.

महासंघ के अध्यक्ष कुलदीप सिंह और महामंत्री लक्ष्मण सिंह रौतेला ने बताया कि बैठक में मुख्यतः विश्वविद्यालयों में रिक्त चल रहे पदों पर चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि वर्तमान में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में 279, आयुर्वेद विश्वविद्यालय में 72, चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय देहरादून में 64, दून विश्वविद्यालय में 65, तकनीकी विश्वविद्यालय में 19, संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में 8, मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी में 20, गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में करीब 550 पद, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में 35 और सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में करीब 45 पद रिक्त चल रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री धामी पहुंचे सचिवालय, आपदा को लेकर समीक्षा बैठक, राहत राशि बढ़ाने पर होगी चर्चा

उन्होंने बताया कि वर्तमान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से पूरे प्रदेश भर में रिक्त चल रहे राजकीय पदों पर नियुक्तियों को शीर्ष वरीयता दी जा रही है. विश्वविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर कोई भी कार्रवाई संपादित नहीं की जा रही है और लंबे अरसे से इन पदों पर कोई भी नियुक्ति न होने से राज्य विश्वविद्यालयों के दैनिक कार्य अत्यधिक बाधित हो रहे हैं. ऐसे में कार्यरत कार्मिकों पर अत्यधिक कार्यभार है.

ये भी पढ़ेंः पेयजल की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीणों ने अजय भट्ट को खूब सुनाई खरी खोटी, देखें वीडियो

उन्होंने बताया कि आज कार्यकारिणी की ओर से लिए गए निर्णय के अनुसार संगठन के प्रतिनिधि जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ ही सचिव कार्मिक एवं सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति को पत्र भेजकर मुलाकात भी करेंगे. रिक्त इन पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने और विश्वविद्यालयों में कार्यरत संविदा एवं उपनल कर्मियों को इस नियुक्ति प्रक्रिया में वरीयता देने के लिए अधिमान अंक दिए जाने का भी अनुरोध शासन व प्रशासन से किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः हरीश रावत ने सरकार को आपदा प्रबंधन में बताया फेल, कहा- ढिलाई पर हमने CM हटा दिया था

वहीं, उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त सभी विश्वविद्यालयों में नियुक्त कर्मचारियों की पदोन्नति के प्रकरण भी लंबे समय से लंबित चल रहे हैं. जिस पर स्टाफिंग पैटर्न आदि की व्यवस्था लागू करने के लिए भी कार्रवाई संगठन की ओर से संपादित की जाएगी. साथ ही चेतावनी दी कि कोई भी कार्रवाई न होने की दशा में संगठन आगे की रणनीति तय करेगा.

देहरादूनः उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ की नवगठित कार्यकारिणी की पहली बैठक हुई. यह बैठक ऑनलाइन माध्यम से हुई. बैठक में राज्य के विश्वविद्यालयों में रिक्त चल रहे हजार से ज्यादा पदों को लेकर चिंता जाहिर की गई. साथ ही सरकार से इन पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने की मांग की है. इसके अलावा विश्वविद्यालयों की व्यवस्थाओं को सुचारू करने को भी कहा गया.

महासंघ के अध्यक्ष कुलदीप सिंह और महामंत्री लक्ष्मण सिंह रौतेला ने बताया कि बैठक में मुख्यतः विश्वविद्यालयों में रिक्त चल रहे पदों पर चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि वर्तमान में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में 279, आयुर्वेद विश्वविद्यालय में 72, चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय देहरादून में 64, दून विश्वविद्यालय में 65, तकनीकी विश्वविद्यालय में 19, संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में 8, मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी में 20, गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में करीब 550 पद, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में 35 और सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में करीब 45 पद रिक्त चल रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि वर्तमान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से पूरे प्रदेश भर में रिक्त चल रहे राजकीय पदों पर नियुक्तियों को शीर्ष वरीयता दी जा रही है. विश्वविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर कोई भी कार्रवाई संपादित नहीं की जा रही है और लंबे अरसे से इन पदों पर कोई भी नियुक्ति न होने से राज्य विश्वविद्यालयों के दैनिक कार्य अत्यधिक बाधित हो रहे हैं. ऐसे में कार्यरत कार्मिकों पर अत्यधिक कार्यभार है.

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उन्होंने बताया कि आज कार्यकारिणी की ओर से लिए गए निर्णय के अनुसार संगठन के प्रतिनिधि जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ ही सचिव कार्मिक एवं सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति को पत्र भेजकर मुलाकात भी करेंगे. रिक्त इन पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने और विश्वविद्यालयों में कार्यरत संविदा एवं उपनल कर्मियों को इस नियुक्ति प्रक्रिया में वरीयता देने के लिए अधिमान अंक दिए जाने का भी अनुरोध शासन व प्रशासन से किया जाएगा.

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वहीं, उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त सभी विश्वविद्यालयों में नियुक्त कर्मचारियों की पदोन्नति के प्रकरण भी लंबे समय से लंबित चल रहे हैं. जिस पर स्टाफिंग पैटर्न आदि की व्यवस्था लागू करने के लिए भी कार्रवाई संगठन की ओर से संपादित की जाएगी. साथ ही चेतावनी दी कि कोई भी कार्रवाई न होने की दशा में संगठन आगे की रणनीति तय करेगा.

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