देहरादूनः उत्तराखंड के शहरी जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर में ट्रैफिक का दवाब दिनों दिन बढ़ रहा है. लाख दावों के बावजूद भी ट्रैफिक व्यवस्था पटरी पर नहीं उतर पाई है. इतना ही नहीं ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए यातायात निदेशालय कई प्रयोग कर चुका है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं खोजा जा सका है. लेकिन अब यातायात निदेशालय की ओर से यातायात स्वयंसेवक (Traffic Volunteer) स्कीम शुरू किया जा रहा है. जिसमें ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ा जाएगा.
बता दें कि राज्य की यातायात व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण एवं सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए यातायात निदेशालय की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड में आम लोगों की यातायात में उनकी सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से यातायात निदेशालय की ओर से यातायात स्वयंसेवक (Traffic Volunteer) स्कीम की शुरुआत की जा रही है. जिसके अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को यातायात के विभिन्न कार्यों में जुड़ने का मौका दिया जाएगा.
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यातायात स्वयंसेवक स्कीम में हिस्सा लेने वाले लोग यातायात संचालक, ट्रैफिक नियमों की जागरुकता जैसे कार्यों के साथ सड़कों पर उतर कर ट्रैफिक पुलिस की मदद कर सकेंगे. साथ ही उन्हें ट्रैफिक पुलिस की तरह चालान काटने से लेकर सड़क दुर्घटनाओं में मदद, अतिक्रमण हटाने, नए पार्किंग स्थल चिन्हित करने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य दिए जाएंगे. वहीं, बेस्ट वालंटियर को हर महीने सम्मानित और पुरस्कृत भी किया जाएगा.
ऐसे करें आवेदनः आवदेक को यातायात निदेशालय की वेबसाइट Uttarakhandtaffice.com जाना होगा. वेबसाइट पर बने उत्तराखंड ट्रैफिक वालंटियर फॉर्म (Uttarakhand traffic Volunteer Form) को सही जानकारी के साथ भरकर जमा करना होगा. इसके अलावा ऑफलाइन यानी डाक के जरिए भी आवेद फॉर्म भेज सकते हैं. इसके लिए यातायात निदेशालय, उत्तराखंड कचहरी रोड, देहरादून पर भेज सकते है. इतना ही नहीं यातायात निदेशालय में भी जाकर फॉर्म भर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए सहायता नंबर 8445219933 और 8057941156 पर भी संपर्क कर सकते हैं.
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उत्तराखंड ट्रैफिक वालंटियर के लिए प्रात्रता-
- आवेदक की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.
- आवेदक में शारीरिक एवं मानसिक रूप से ट्रैफिक संचालन की क्षमता होनी चाहिए.
- यातायात संबंधी सारे नियमों का पालनकर्ता हो.
- आवेदक के खिलाफ कोई भी पुलिस कार्रवाई या अन्य कार्रवाई जैसे FIR रजिस्टर ना हो.
- वालंटियर स्कीम के तहत जो भी निर्देश दिए जाएंगे, उसका पालन करना होगा.
ट्रैफिक वालंटियर के कार्य-
- इस स्कीम के तहत ट्रैफिक वालंटियर अपने नजदीकी क्षेत्र के आसपास स्थित ट्रैफिक जंक्शन पर यातायात कर्मियों के साथ ट्रैफिक संचालन करेंगे.
- वालंटियर अपने आस पास के कॉलेजों, पार्कों, उच्चतम शिक्षण संस्थानों, स्टेडियम, मॉल, टैक्सी/बस स्टैंड, हॉस्पिटल, रेलवे स्टेशन, सरकारी और प्राइवेट कार्यालय आदि में यातायात जागरुकता का प्रचार प्रसार करेंगे.
- सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करेंगे.
- नो पार्किंग में खड़े वाहनों का उत्तराखंड ट्रैफिक आई ऐप (Uttarakhand Traffic Eyes app) की मदद से फोटो वीडियो अपलोड कर चालान करवाएंगे.
- यातायात पुलिस की ओर से आयोजित किए जाने वाले जागरूकता कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे.
- अतिक्रमण हटाने में सहयोग करेंगे.
- पार्किंग स्थलों के संचालन में सहयोग करने के साथ ही नई पार्किंग स्थानों के समीकरण में समन्वय का कार्य करेंगे.
- ट्रैफिक पुलिस के सोशल मीडिया एकाउंट को फॉलो कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेंगे.
यातायात निदेशालय से मिलेगी ये सुविधाएं-
- यातायात निदेशालय की ओर से ट्रैफिक वालंटियर को टी-शर्ट कैप एवं आई कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा.
- ट्रैफिक निदेशालय और जिला पुलिस की ओर से ट्रैफिक वालंटियर को यातायात संबंधी लघु कालीन प्रशिक्षण दिया जाएगा.
- हर महीने बेहतर प्रदर्शन करने वाले वालंटियर को सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा.