देहरादून: उत्तराखंड की सड़कों पर लगातार वाहनों का बोझ बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते लंबे समय से ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल स्थिति से गुजर रही है. ऐसे में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में पुलिस मुख्यालय स्तर पर ट्रैफिक निदेशालय के अधिकार बढ़ाने की कवायद चल रही है. प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में यातायात निदेशालय डीआईजी के अधिकार रेंज स्तर के आईजी की तर्ज पर बढ़ाए जाने पर विचार चल रहा है. इसके लिए ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी केवल खुराना से प्रस्ताव मांगा गया है.
अधिकार मिलने पर यातायात निदेशालय होगा प्रभावी
अगर ऐसा होगा तो यातायात निदेशालय डीआईजी ट्रैफिक व्यवस्था में कोताही बरतने वाले कॉन्स्टेबल से दरोगा स्तर के कर्मचारियों का तबादला कर सकेंगे. साथ ही किसी लापरवाही में दंड देने के साथ ही उनकी CR में Bad Entry भी कर सकेंगे. इतना ही नहीं ट्रैफिक डीआईजी राज्य के सभी जिलों में ट्रैफिक व्यवस्था का निरीक्षण कर उन्हें दिशा-निर्देश भी दे सकेंगे. हालांकि ट्रैफिक इंस्पेक्टर के मामले में किसी तरह की कार्रवाई करने का अधिकार मुख्यालय स्तर पर अनुमति लेने के बाद ही तय होगा.
ट्रैफिक निदेशालय के पास सीमित अधिकार
बता दें कि वर्तमान में उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय सिर्फ यातायात योजनाओं का क्रियान्वयन करने और ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के सुझाव देने तक ही सीमित है. निदेशालय को ट्रैफिक व्यवस्था में कोताही और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को किसी भी तरह का दंड, ट्रांसफर या अन्य तरह की प्रभावी कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है. इस कार्रवाई के लिए वास्तविक रूप में निदेशालय को संबंधित जिले के एसएसपी या एसपी पर निर्भर रहना पड़ता है.
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ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी से अधिकारों के लिए मांगे गए प्रस्ताव
उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार भी मानते हैं कि ट्रैफिक निदेशालय के अधिकार बढ़ाए जाने की आवश्यकता है. ट्रैफिक निदेशक से महत्वपूर्ण अधिकार के विषय में प्रस्ताव मांगे गए हैं. उन पर विचार-विमर्श कर निदेशालय के अधिकार जनहित के मद्देनजर बढ़ाए जा सकते हैं. डीजीपी का मानना है कि जिस तरह से गढ़वाल और कुमाऊं रेंज के अधिकारियों को किसी भी मामले में आरोपी कर्मचारियों की खिलाफ विभागीय आवश्यक कार्रवाई, दंड देने और ट्रांसफर करने जैसे अन्य अधिकार प्राप्त हैं, उसी तर्ज पर ट्रैफिक निदेशालय को भी प्रभावी कार्रवाई करने के दृष्टिगत अधिकार दिए जा सकते हैं.
ट्रैफिक निदेशालय को ये अधिकार मिल सकते हैं
1. कॉन्स्टेबल से सब इंस्पेक्टर तक कर्मचारियों के तबादलों का अधिकार
2. ट्रैफिक व्यवस्था में कोताही बरतने वाले कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, हवलदार और दरोगा तक को दंड देने का अधिकार.
3. ट्रैफिक व्यवस्था में सही कार्य न करने वाले इन कर्मचारियों की सीआर में बेड एंट्री का अधिकार.
4. राज्य भर में ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में यातायात पुलिस कर्मियों को अपनी योजना के मुताबिक तैनात करने का अधिकार.