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केदारनाथ आपदाः अपनों की याद में स्मृति वन में लगाएं पौधा, करें धरती का श्रृंगार

स्मृति वन में पेड़ लगाने की शुरुआत16 जून से की जाएगी. इसके लिए विभाग ने एक योजना भी बनाई है. केदारनाथ दैवीय आपदा में मारे गए लोगों के परिजन भी यदि उनकी याद में यहां कोई पेड़ लगाना चहाते हैं तो उन्हें इसके लिए पर्यटन विभाग को दो हजार रुपए देने होंगे.

स्मृति वन
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Published : Jun 11, 2019, 10:15 AM IST

देहरादून: 2013 की केदारनाथ आपदा शायद ही कोई भूल सकता है. इस दैवीय आपदा में हजारों लोग की जान चली गई थी. तबाही के निशान आज भी केदारनाथ में बिखरे पड़े हैं. केदारनाथ में आपदा के शिकार हुए लोगों की याद में उत्तराखंड पर्यटन विभाग गढ़वाल के सभी सात जिलों में स्मृति वन बनाने जा रहा है. यहां पेड़ लगााकर इस हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उन्हें याद किया जाएगा.

पढ़ें- चारधाम यात्रा को लेकर मुख्य सचिव ने ली समीक्षा बैठक, दिए दिशा-निर्देश

स्मृति वन में पेड़ लगाने की शुरुआत16 जून से की जाएगी. इसके लिए विभाग ने एक योजना भी बनाई है. केदारनाथ दैवीय आपदा में मारे गए लोगों के परिजन भी यदि उनकी याद में यहां कोई पेड़ लगाना चहाते हैं तो उन्हें इसके लिए पर्यटन विभाग को दो हजार रुपए देने होंगे. इसके बाद पर्यटन विभाग उन्हें पेड़ लगाने के लिए जगह देगा. इतना ही नहीं पर्यटन विभाग एक साल तक आपको पेड़ की फोटो भी भेजेगा, ताकि आपको इसकी जानकारी मिलती रहे कि पेड़ वृद्धि कर रहा है.

प्रशासन की तरफ से गढ़वाल के सभी सात जिलों में 25-25 बीघा भूमि स्मृति वन के लिए चिन्हित की जा चुकी है. इसके अवाला सभी डीएफओ को पर्याप्त मात्रा में पेड़ों की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है. नियम के तहत पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी वन पंचायत या फिर वहां की महिला स्वंय सहायता समूह को दी जाएगी.

पढ़ें- फेसबुक पर विदेशी युवती से दोस्ती करनी पड़ी भारी, 80 हजार का लग गया चूना

पेड़ लगाने के लिए यहां करें आवेदन
यदि कोई भी व्यक्ति स्मृति वन में पेड़ लगाने के लिए आवेदन करना चाहता है तो इसकी जानकारी आपको चारधाम यात्रा के पंजीकरण केंद्र पर मिल जाएगी. यहां 2 हजार रुपए जमा कराने के बाद आप कोई भी अपनी पंसद का जिला चुन सकते हैं. उसके बाद यहां एक पेड़ लगा सकते हैं. इस पेड़ की प्रोग्रेस आपको फोटो के माध्यम से भेजी जाएगी. इसके लिए पर्यटन विभाग ने एक एप बनाया है.

2 हजार रुपए पेड़-पौधों का रखरखाव करने वाले स्वयं सहायत समूह को दिए जाएगा. इस पैसे से खूद सहायता समूह वन विभाग के पौधे को खरीदेगा, टी गार्ड बनाएगा, पौधे को पानी देना और उसकी देखभाल करेगा.

देहरादून: 2013 की केदारनाथ आपदा शायद ही कोई भूल सकता है. इस दैवीय आपदा में हजारों लोग की जान चली गई थी. तबाही के निशान आज भी केदारनाथ में बिखरे पड़े हैं. केदारनाथ में आपदा के शिकार हुए लोगों की याद में उत्तराखंड पर्यटन विभाग गढ़वाल के सभी सात जिलों में स्मृति वन बनाने जा रहा है. यहां पेड़ लगााकर इस हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उन्हें याद किया जाएगा.

पढ़ें- चारधाम यात्रा को लेकर मुख्य सचिव ने ली समीक्षा बैठक, दिए दिशा-निर्देश

स्मृति वन में पेड़ लगाने की शुरुआत16 जून से की जाएगी. इसके लिए विभाग ने एक योजना भी बनाई है. केदारनाथ दैवीय आपदा में मारे गए लोगों के परिजन भी यदि उनकी याद में यहां कोई पेड़ लगाना चहाते हैं तो उन्हें इसके लिए पर्यटन विभाग को दो हजार रुपए देने होंगे. इसके बाद पर्यटन विभाग उन्हें पेड़ लगाने के लिए जगह देगा. इतना ही नहीं पर्यटन विभाग एक साल तक आपको पेड़ की फोटो भी भेजेगा, ताकि आपको इसकी जानकारी मिलती रहे कि पेड़ वृद्धि कर रहा है.

प्रशासन की तरफ से गढ़वाल के सभी सात जिलों में 25-25 बीघा भूमि स्मृति वन के लिए चिन्हित की जा चुकी है. इसके अवाला सभी डीएफओ को पर्याप्त मात्रा में पेड़ों की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है. नियम के तहत पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी वन पंचायत या फिर वहां की महिला स्वंय सहायता समूह को दी जाएगी.

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पेड़ लगाने के लिए यहां करें आवेदन
यदि कोई भी व्यक्ति स्मृति वन में पेड़ लगाने के लिए आवेदन करना चाहता है तो इसकी जानकारी आपको चारधाम यात्रा के पंजीकरण केंद्र पर मिल जाएगी. यहां 2 हजार रुपए जमा कराने के बाद आप कोई भी अपनी पंसद का जिला चुन सकते हैं. उसके बाद यहां एक पेड़ लगा सकते हैं. इस पेड़ की प्रोग्रेस आपको फोटो के माध्यम से भेजी जाएगी. इसके लिए पर्यटन विभाग ने एक एप बनाया है.

2 हजार रुपए पेड़-पौधों का रखरखाव करने वाले स्वयं सहायत समूह को दिए जाएगा. इस पैसे से खूद सहायता समूह वन विभाग के पौधे को खरीदेगा, टी गार्ड बनाएगा, पौधे को पानी देना और उसकी देखभाल करेगा.

Intro:13 की आपदा के खोए अपनो की याद में लगाएं पेड़, अपने मोबाइल से करें देखभाल

एंकर- केदारनाथ में आयी 2013 की आपदा में हजारों लोग बस यादों में रह गये और अगर आपका भी अपना कोई इस दौरान बिछड़ा है तो आप अपनो की याद में पेड़ लगा कर उस पेड़ के जरिए अपनो को याद को हमेशा हमेशा के लिए ताजा कर सकतें हैं। उत्तराखंड पर्यटन विभाग 13 की दैविया आपदा के शिकार हुए लोगों के लिए गढ़वाल मंडल के सातों जिलों में स्मृती वन बनाने जा रहा है जिसकी शुरुआद 13 की आपदा को याद करते हुए 16 जून से की जाएगी। अपनो की याद में पेड़ लगाने की इच्छा रखने वाले व्यक्ती को प्रयर्टन विभाग दो हजार के शुल्क में उसकी इच्छा अनुसार जगह और पेड़ मुहिया करवायेगा और 1 साल तक लगातार उसकी वृधी की भी तस्वीरें भेजेगा।


Body:पुर्वजों की याद में स्मृती वन का सृजन---- 

उत्तराखंड पर्यटन विभाग 16 जून 2013 की आपदा को याद करते हुए इस 16 जून से पुर्वजों की याद में स्मृती वन का सृजन नाम से योजना चलते हुए गढ़वाल मंडल के सातो जिलों में 25-25 बीगे का स्मृती वस की स्थापना करने जा रहा है। पर्यटन विभाग द्वारा गढ़वाल मंडल के सभी सातों जिलों के जिलाधिकारियों को स्मृती वनों के लिए भूमी चिन्हित करने के निर्देश दे दिये गये हैं। और सभी डीएफओ को भी पेड़ो की प्रयाप्त व्यवस्था के लिए निर्देश दे दिये गये हैं। प्रत्येक जिले के स्मृती वन के रखरखाव और एक साल तक उसकी फोटो लगाये गये व्यक्ती तक पंहुचाने के लिए संबधित वन पंचायत या नजदीकी स्वंय सहायता समूह को जिम्मेदारी दी जाएगी और पेड़ लगवाने वाले व्यक्ती द्वारा दिये जाने वाले 2 हजार रुपये इसी वन पंचायत या स्वंय सहायता समूह को दिये जाएगें। 


पेड़ और जगह के लिए एसे करे आवेदन और एक साल तक आपको मिलेगी आपके पेड़ की फोटो----

2013 में अपने किसी को खोने के बाद उसकी याद में पेड़ लगाने वाले पर्यटक, श्रधालू या फिर स्थानीय व्यक्ती स्मृती वन में पेड़ लगवाने के संबधित सभी जानकारी चार-धाम यात्रा के पजिंकरण केंद्र पर मिल जायेगी। स्मृती वन में पेड़ लगाने वाले व्यक्ती को 2000 हजार रुपये जमा करवाने होगें और उसके अपनी पंसद का पेड़ और अपनी पंसद का जिला चुन कर आवेदन करना होगा उसके बाद पूरे एक साल तक उसे उस पेड़ की प्रोग्रेस की फोटो प्रर्यटन विभाग द्वारा बनाएक गये एक एप पर मिल जाएगी। पर्यटक से लिये जाने वाले 2 हजार रुपये उस पेड़ की देखरेख करने वाले स्वयं सहायता समूह को दिये जाएंगे। इस पैसे से स्यंव सहायता समूह वन विभाग के पोधे को खरीदेगा, टी गार्ड बनाएगा, पोधे को पीनी दिया जाना और उसकी देखभाल करेगा और एक साल तक हर सप्ताह उसकी फोटो खींच कर उसे स्मृती वन मोबाइल एप में अपलोड़ करेगा जिसके जरिए पेड़ लगवाने वाला पर्यटक, श्रधालू या स्थानीय व्यक्ती एक वर्ष तक अपने पेड़ को देख पायेगें।




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