देहरादून: 2013 की केदारनाथ आपदा शायद ही कोई भूल सकता है. इस दैवीय आपदा में हजारों लोग की जान चली गई थी. तबाही के निशान आज भी केदारनाथ में बिखरे पड़े हैं. केदारनाथ में आपदा के शिकार हुए लोगों की याद में उत्तराखंड पर्यटन विभाग गढ़वाल के सभी सात जिलों में स्मृति वन बनाने जा रहा है. यहां पेड़ लगााकर इस हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उन्हें याद किया जाएगा.
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स्मृति वन में पेड़ लगाने की शुरुआत16 जून से की जाएगी. इसके लिए विभाग ने एक योजना भी बनाई है. केदारनाथ दैवीय आपदा में मारे गए लोगों के परिजन भी यदि उनकी याद में यहां कोई पेड़ लगाना चहाते हैं तो उन्हें इसके लिए पर्यटन विभाग को दो हजार रुपए देने होंगे. इसके बाद पर्यटन विभाग उन्हें पेड़ लगाने के लिए जगह देगा. इतना ही नहीं पर्यटन विभाग एक साल तक आपको पेड़ की फोटो भी भेजेगा, ताकि आपको इसकी जानकारी मिलती रहे कि पेड़ वृद्धि कर रहा है.
प्रशासन की तरफ से गढ़वाल के सभी सात जिलों में 25-25 बीघा भूमि स्मृति वन के लिए चिन्हित की जा चुकी है. इसके अवाला सभी डीएफओ को पर्याप्त मात्रा में पेड़ों की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है. नियम के तहत पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी वन पंचायत या फिर वहां की महिला स्वंय सहायता समूह को दी जाएगी.
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पेड़ लगाने के लिए यहां करें आवेदन
यदि कोई भी व्यक्ति स्मृति वन में पेड़ लगाने के लिए आवेदन करना चाहता है तो इसकी जानकारी आपको चारधाम यात्रा के पंजीकरण केंद्र पर मिल जाएगी. यहां 2 हजार रुपए जमा कराने के बाद आप कोई भी अपनी पंसद का जिला चुन सकते हैं. उसके बाद यहां एक पेड़ लगा सकते हैं. इस पेड़ की प्रोग्रेस आपको फोटो के माध्यम से भेजी जाएगी. इसके लिए पर्यटन विभाग ने एक एप बनाया है.
2 हजार रुपए पेड़-पौधों का रखरखाव करने वाले स्वयं सहायत समूह को दिए जाएगा. इस पैसे से खूद सहायता समूह वन विभाग के पौधे को खरीदेगा, टी गार्ड बनाएगा, पौधे को पानी देना और उसकी देखभाल करेगा.