1-Election 2022: ये हैं उत्तराखंड के टॉप 5 करोड़पति उम्मीदवार, अमीर प्रत्याशियों की सूची में कांग्रेस नंबर वन
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस बार भी हर दल ने कई धनकुबरों पर अपना दांव खेला है. 2022 विधानसभा चुनाव में करीब 40 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति हैं. ये करोड़पति नेता बीजेपी, कांग्रेस, आप और यूकेडी दल में भी शामिल है. ऐसे में हम आपको इस बार के चुनाव में शामिल हुए टॉप 5 करोड़पति प्रत्याशियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर राष्ट्रीय पार्टी से लेकर क्षेत्रीय दलों तक ने दांव खेला है.
2-Uttarakhand Election 2022: जानें EVM से कैसे होती है काउंटिंग, समझें वोटों की गिनती की पूरी प्रक्रिया
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में डाले गए वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी. कभी आपने सोचा है कि वोटों की गिनती का पूरा प्रोसेस कैसे होता है? आइए आज हम वोटों की गिनती से जुड़ी पूरी प्रोसेस के बारे में आपको बताते हैं.
3-खटीमा में अनियंत्रित होकर तालाब में गिर गई कार, स्थानीय लोगों ने बचाई सवारों की जान
सीमांत क्षेत्र खटीमा के चांदा गांव के पास एक तेज रफ्तार कार रेलवे क्रॉसिंग के पास तालाब में गिर गई. गनीमत रही कि समय रहते सभी कार सवारों को निकाल लिया गया. वरना बड़ा हादसा हो सकता था. स्थानीय लोगों ने किसी तरह चारों कार सवारों को रस्सी की सहायता से बाहर निकाला.
4-एग्जिट पोल से भाजपा और कांग्रेस दोनों खुश, आप बोली- 10 मार्च को आएंगे इग्जेक्ट पोल
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम कल यानी 10 मार्च को आने वाले हैं. फिलहाल तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपनी-अपनी सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं. क्योंकि राज्य में परिणाम से पहले आए एग्जिट पोल के नतीजों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों के चेहरे पर खुशी बिखेर दी है. लेकिन प्रदेश में तीसरा विकल्प देने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी का कहना है कि नतीजे चौंकाने वाले होंगे.
5-लालकुआं-भोजीपुरा ट्रैक पर विद्युत ट्रेन का ट्रायल, 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी
भोजीपुरा-लालकुआं रेलवे ट्रैक पर विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो गया है.पूर्वोत्तर रेल संरक्षा आयुक्त मोहम्मद लतीफ खान एवं मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष पंत ने विद्युत ट्रैक पर ट्रेन का ट्रायल किया.लालकुआं से भोजीपुरा 65 किलोमीटर की दूरी 110 की स्पीड से 45 मिनट में ट्रेन ने तय की.
6-Election 2022: अस्थिर रहा है उत्तराखंड का राजनीति इतिहास, CM कुर्सी बनी विकास का रोड़ा
10 मार्च को उत्तराखंड के पांचवें विधानसभा चुनाव का परिणाम आएंगे. तभी फैसला हो जाएगा कि जनता इस बार किसे प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपने जा रही है. वहीं चुनाव परिणाम आने से पहले आज आपको उत्तराखंड के उस राजनीतिक इतिहास से रूबरू होने जा रहे हैं, जो यहां के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा बना है. ये रोड़ा है सीएम की कुर्सी. इसी वजह से उत्तराखंड की राजनीतिक हमेशा अस्थिर रही है.
7-10 मार्च को किसका होगा उद्धार? क्या गढ़वाल से निकलेगा जीत का रास्ता, जानें क्षेत्रीय जातीय समीकरण
उत्तराखंड चुनाव 2022 के परिणामों का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी है. 2022 के चुनाव परिणाम आने से पहले ईटीवी भारत आपको 2017 के चुनावों से जुड़े कुछ रौचक तथ्य बताने जा रहा है, जिसके आधार पर आप भी कुछ आकलन कर सकते हैं. इस खबर में हम आपको गढ़वाल के जातीय समीकरण और 2017 में बीजेपी कैसे यहां पर अपना वर्चस्व कायम किया था. इसके बारे में बताएंगे.
8-Niranjanpur Vegetable Market: देहरादून में जानें क्या हैं आज फल और सब्जियों के दाम
निरंजनपुर सब्जी मंडी (Niranjanpur Vegetable Market) में सब्जी, फल और राशन के दामों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहता है. निरंजनपुर मंडी में आज कुछ सब्जियों के दाम में बढ़ोत्तरी तो कुछ फलों के दाम में कमी आई है. आज फ्रासबीन थोक में ₹50 जबकि फुटकर में ₹60 प्रति किलो बिक रही है. वहीं, हरी मिर्च ₹100 रुपये प्रति किलो बिक रही है, जबकि फुटकर में ₹110 प्रति किलो बिक रही है. वहीं, थोक में आलू ₹15 प्रति किलो और फुटकर में ₹18 प्रति किलो बिक रहा है.
9-श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक रंग डारो...
नैनीताल में नौ दिवसीय फागोत्सव (होली महोत्सव) का रंगारंग आगाज हो गया है. फागोत्सव (होली महोत्सव) 8 से 19 मार्च तक होने जा रहा है. नैनीताल में राम सेवक सभा के द्वारा आयोजित होली महोत्सव में नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों से 20 से अधिक दल प्रतिभाग कर रहे हैं और होली के रंगों का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं.
10-उत्तराखंड की राजनीति में सबसे ऊपर हिंदुत्ववाद, चुनावी मैदान में दिलचस्प भिड़ंत
उत्तराखंड में चुनावों के दौरान धार्मिक ध्रुवीकरण और हिंदुत्व एक बड़ा फैक्टर रहा है. देवभूमि होने के नाते यहां के चुनावों में इन धार्मिक स्थानों का काफी महत्व है. उत्तराखंड में साल 2017 चुनाव में 57 सीट पाकर बीजेपी की अगर प्रचंड जीत हुई तो उसमें इन धार्मिक स्थलों और हिंदुत्व का एजेंडा सबसे बड़ा फैक्टर रहा. ऐसे में 2022 के चुनावी परिणाम पर सबकी नजरें टिकी हैं कि इस बार जनता किस मुद्दे पर और किसे अपना नेता चुनती है.