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मसूरी: उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ का EC को खत, चुनावी वाहनों का किराये बढ़ाने की मांग - चुनावी वाहनों का किराया बढ़ाने की मांग

उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. उन्होंने चुनाव में अधिकृत किए जाने वाहनों का किराया और चालकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है.

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मसूरी
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Published : Jan 18, 2022, 9:27 AM IST

मसूरीः उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ ने उत्तराखंड परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर चुनाव में कम किराए में वाहन मुहैया कराये जाने को लेकर असहमति जताई है. उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार ने उत्तराखंड परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि 2016 से जिला प्रशासन और परिवहन विभाग द्वारा चुनाव में अधिकृत किए जाने वाले वाहनों का किराया आज के समय पर उसी दर से दिया जा रहा है, जो बहुत कम है.

पत्र के मुताबिक, उन्होंने कम किराया दर के साथ ही लिखा कि चुनाव के दौरान अधिकृत किए जाने वाले चालकों को भी किसी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं, जिससे वाहन संचालकों के साथ चालकों में भारी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि वाहन चालक जहां भी चुनाव ड्यूटी पर जाते हैं, उनको मतदान करने का भी अधिकार नहीं होता है, जो लोकतंत्र के नियमों के खिलाफ है.

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज शुरू होने की जगी उम्मीद, एनएमसी टीम ने किया निरीक्षण

सुंदर सिंह पंवार ने मुख्य चुनाव आयुक्त को इस मामले पर संज्ञान लेने के लिए कहा है. साथ ही चुनाव ड्यूटी वाली गाड़ियों का किराया बढ़ाने और चालकों को खाने, रहने की सुविधा देने व बैलेट पेपर से वोट देने का अधिकार देने की मांग की है. उन्होंने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर बोलेरो वाहन के लिए प्रति दिन 1800 रुपये और इनोवा वाहन के लिए प्रति दिन 2000 रुपये दैनिक किराए का भुगतान व विश्राम के एवज में 500 रुपये का भुगतान मांगा है.

बता दें कि 2016 में अधिग्रहित की गई गाड़ियों की एवज में 4 सीट वाली गाड़ियों के लिए 585 रुपये और 6 सीट की गाड़ियों के लिए 685 रुपये का भुगतान किया गया था.

मसूरीः उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ ने उत्तराखंड परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर चुनाव में कम किराए में वाहन मुहैया कराये जाने को लेकर असहमति जताई है. उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार ने उत्तराखंड परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि 2016 से जिला प्रशासन और परिवहन विभाग द्वारा चुनाव में अधिकृत किए जाने वाले वाहनों का किराया आज के समय पर उसी दर से दिया जा रहा है, जो बहुत कम है.

पत्र के मुताबिक, उन्होंने कम किराया दर के साथ ही लिखा कि चुनाव के दौरान अधिकृत किए जाने वाले चालकों को भी किसी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं, जिससे वाहन संचालकों के साथ चालकों में भारी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि वाहन चालक जहां भी चुनाव ड्यूटी पर जाते हैं, उनको मतदान करने का भी अधिकार नहीं होता है, जो लोकतंत्र के नियमों के खिलाफ है.

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सुंदर सिंह पंवार ने मुख्य चुनाव आयुक्त को इस मामले पर संज्ञान लेने के लिए कहा है. साथ ही चुनाव ड्यूटी वाली गाड़ियों का किराया बढ़ाने और चालकों को खाने, रहने की सुविधा देने व बैलेट पेपर से वोट देने का अधिकार देने की मांग की है. उन्होंने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर बोलेरो वाहन के लिए प्रति दिन 1800 रुपये और इनोवा वाहन के लिए प्रति दिन 2000 रुपये दैनिक किराए का भुगतान व विश्राम के एवज में 500 रुपये का भुगतान मांगा है.

बता दें कि 2016 में अधिग्रहित की गई गाड़ियों की एवज में 4 सीट वाली गाड़ियों के लिए 585 रुपये और 6 सीट की गाड़ियों के लिए 685 रुपये का भुगतान किया गया था.

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