देहरादूनः नामी रेस्टोरेंट कंपनियों की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर 24 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को उत्तराखंड एसटीएफ की टीम वारंट बी के तहत देहरादून ले आई है. इससे पहले एसटीएफ की टीम ने आरोपियों को छत्तीसगढ़ के दुर्ग सेंट्रल जेल से रिमांड पर लिया था. आरोपियों के गैंग ने फेक वेबसाइट बनाकर फ्रेंचाइजी देने के नाम पर देश के अलग-अलग राज्यों में धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे.
दरअसल, देहरादून निवासी पीड़ित ने साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें पीड़ित ने बताया था कि उन्होंने नामी रेस्टोरेंट की फ्रेंचाइजी लेने के लिए गूगल में सर्च किया. सर्च करने के बाद कंपनी की वेबसाइट पर जाकर ईमेल के माध्यम से अपनी रिक्वेस्ट दर्ज की. उसके बाद पीड़ित की मेल आईडी पर एक रिप्लाई आया. जिसने खुद को कंपनी का रजिस्टर्ड पार्टनर बताया. इसके बाद फ्रेंचाइजी रजिस्ट्रेशन की फीस, सिक्योरिटी डिपॉजिट, लाइसेंस नंबर आदि की डिटेल के लिए एप्लीकेशन फॉर्म ईमेल के जरिए से उसे भेजा गया.
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वहीं, पीड़ित के पास अज्ञात लोगों के अलग-अलग नंबरों से फोन आए. जिन्होंने खुद को कंपनी का कर्मचारी बताया और फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ऑनलाइन 24,30,500 रुपए ठग लिए. जब ठगी का एहसास हुआ तो आनन-फानन में पीड़ित ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. उधर, मुकदमा दर्ज कर पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की. टीम ने देश के अलग-अलग राज्यों में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी. इसी बीच पता चला कि दो आरोपी छत्तीसगढ़ पुलिस के हाथ लगे हैं. जिसके बाद टीम छत्तीसगढ़ गई और आरोपियों को लेकर देहरादून आई.
उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि टीम की जांच में पता चला कि आरोपी गैंग के रूप में काम करते हैं. जो फेक वेबसाइट बनाकर फ्रेंचाइजी देने के नाम पर पूरे भारत के अलग-अलग राज्यों में धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं. जिस संबंध में अन्य राज्यों से शिकायतों के लिंक भी मिले. इसी बीच उत्तराखंड एसटीएफ को सूचना मिली कि मामले में दो आरोपी सूरज कुमार और राम प्रवेश प्रसाद को वर्तमान में छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपने यहां पंजीकृत मुकदमे में गिरफ्तार किया है.
छत्तीसगढ़ के दुर्ग से आरोपियों को लेकर देहरादून पहुंची एसटीएफ की टीम: आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत होने के कारण आरोपी वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सेंट्रल जेल दुर्ग में निरुद्ध पाए गए. जिस पर उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने आरोपियों के खिलाफ वारंट बी हासिल किया. इसके बाद आरोपियों को सेंट्रल जेल दुर्ग से न्यायिक अभिरक्षा रिमांड के तहत लाकर जिला कारागार देहरादून में दाखिल किया गया.