देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक (UKSSSC paper leak) मामले में लगातार गिरफ्तारी हो रही है. वहीं, अब उत्तराखंड एसटीएफ (Uttarakhand STF) ने पहली बार आयोग के तत्कालीन एग्जाम कंट्रोलर नारायण सिंह से घंटों पूछताछ की है. नारायण सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ ने अपने कार्यालय बुलाया था. वहीं, पिछले 7 महीनों से एग्जाम कंट्रोलर का पद खाली रहने की वजह से उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग ने 8 भर्तियों पर रोक लगा दी है.
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड एसटीएफ ने एग्जाम से जुड़े कई सवाल नारायण सिंह से किए हैं, लेकिन कुछ सवालों के जवाब से उत्तराखंड एसटीएफ संतुष्ट नहीं है. यही कारण है कि अब दो दिन बाद फिर से उत्तराखंड एसटीएफ ने एग्जाम कंट्रोलर नारायण सिंह को कार्यालय बुलाया है. तब उन्हें एग्जाम के बारे में विस्तृत जानकारी ली जाएगी. साथ ही कुछ इस तरह की जानकारी भी सामने आई है कि पेपर कई स्तर पर लीक हुई है. बताया जा रहा है कि प्रिंटिंग और पैकिंग के दौरान सीसीटीवी कैमेरा भी नहीं चल रहा था.
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बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2015 में अस्तित्व में आया था, तब से एग्जाम कंट्रोलर की जिम्मेदारी नारायण सिंह के पास थी. नारायण सिंह के कार्यकाल में UKSSSC ने 90 परीक्षाएं आयोजित कराई है. जिसमें से एक पेपर दिसंबर 2021 का है, जो लीक हुआ था. नारायण सिंह के रिटायर्ड होने के बाद ही ये मामला प्रकाश में आया. ऐसे में उत्तराखंड एसटीएफ नारायण सिंह से कुछ अहम जानकारी हासिल करने में लगी हुई है. क्योंकि एग्जाम को संपन्न करने की पूरी जिम्मेदारी नारायण सिंह की ही थी.
लखनऊ की प्रिंटिंग प्रेस से मिली अहम जानकारी: लखनऊ की जिस प्रिंटिंग प्रेस में UKSSSC का पेपर प्रिंट हुआ था, वहां के कर्मचारी अभिषेक वर्मा को उत्तराखंड एसटीएफ पुलिस कस्टडी में लेकर लखनऊ गई थी. इस के बाद टीम टेक्नो सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड गई थी. वहां उत्तराखंड एसटीएफ ने कई अहम दस्तावेज जुटाए हैं, इसके अलावा उत्तराखंड एसटीएफ ने अभिषेक वर्मा का लैपटॉप, बैंक पासबुक और कई अन्य दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए हैं.
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कई और गिरफ्तारी हो सकती है अभी: UKSSSC paper leak मामले में उत्तराखंड एसटीएफ अभी कई और गिरफ्तारी कर सकती है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे ही कई लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. उत्तराखंड एसटीएफ को जो सबूत मिले हैं, उनकी भी अभी जांच की जा रही है. उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस नेटवर्क के तार सचिवालय से लेकर हाई प्रोफाइल सफेदपोश लोगों से भी जुड़ने के आसार हैं.