देहरादून: 36 लाख रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में उत्तराखंड एसटीएफ एक आरोपी को यूपी की आगरा जेल से वारंट पर देहरादून लाई है. आरोपी के तीन साथियों को उत्तराखंड एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने इस पूरे मामले का खुलासा किया.
उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि 17 फरवरी 2022 को हरिद्वार जिले के बुक्कनपुर गांव के पूर्व प्रधान राजेंद्र ने इस मामले को लेकर लक्सर कोतवाली में एक तहरीर दी थी. उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति ने खुद को इंश्योरेन्स कंपनी का मैनेजर बताते हुए उन्हें कॉल किया था. कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि आपकी पॉलिसी शेयर मार्केट में लगने वाली है, जिससे पॉलिसी का सभी पैसा खत्म हो जायेगा. इसलिए आप अपना पैसा जल्द से जल्द निकलवा लें.
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इसी तरह पीड़ित आरोपियों के झांसे में आ गया और उसने उन्हें पॉलिसी संख्या नंबर, नाम, पता और जन्मतिथि समेत अन्य सभी जानकारियां दे दी. इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित को दोबारा कॉल किया और पॉलिसी के रुपए लेने के लिए 66,284 रुपए बॉन्ड के रूप में उसके खाते में जमा कराने की बात कही. इसके साथ ही पीड़ित को एक अन्य स्कीम का लालच दिया गया, जिसमें उसके पैसे एक करोड़ रुपये बनाने की बात कही गई. इसी तरह आरोपियों ने पीड़ित से करीब 36 लाख रुपए की ठगी कर ली.
इसके बाद जब उत्तराखंड एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की तो सौरभ गुप्ता और कुलदीप ठाकुर का नाम सामने आया. पुलिस को पता चला कि दोनों आरोपियों ने इस पैसे को विजय प्रकाश अग्रवाल के खाते में ट्रासंफर कर दिया था. कुछ रुपए उन्होंने एटीएम के माध्यम से निकाल लिये थे.
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आरोपी कुलदीप ठाकुर, विजय प्रकाश अग्रवाल और शिशिर अग्रवाल को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन आगरा ने आईटी एक्ट में गिरफ्तार कर आगरा जेल में निरुद्ध किया था, जबकि आरोपी सौरभ गुप्ता को ब्याबरा थाना जिला राजगढ़ मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर जिला कारागार राजगढ़ में निरुद्ध किया.
चारों के खिलाफ न्यायालय से वारंट जारी किया गया. आरोपी सौरभ गुप्ता, कुलदीप ठाकुर और शिशिर अग्रवाल के खिलाफ न्यायालय से रिमांड प्राप्त किया गया. जांच के दौरान अंशुल अग्रवाल का नाम भी सामने आया था, जोकि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन आगरा द्वारा आईटी एक्ट में गिरफ्तार कर आगरा जेल में निरुद्ध किय़ा गया था. आरोपी अंशुल अग्रवाल के खिलाफ वारंट प्राप्त कर गिरफ्तार किया गया और न्यायालय में पेश करके 14 दिवस का रिमांड प्राप्त किया गया.