देहरादून: 15 लाख की धोखाधड़ी के मामले में एसटीएफ ने एक विदेशी नागरिक को मोहन गार्डन दिल्ली से गिरफ्तार किया है. ये विदेशी नागरिक घाना वेस्ट अफ्रीका का रहने वाला बताया जा रहा है. आरोपी से एसटीएफ ने 10 मोबाइल हैंडसेट, 3 सिम कार्ड, 3 डेबिट कार्ड, 2 नोटबुक बरामद की हैं. साइबर क्राइम पुलिस ने इस साल दूसरे विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है.
एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया गिरफ्तार किये गये विदेशी नागरिक ने विभिन्न मोबाइल नंबरों से कॉल कर गिफ्ट भेजने का प्रलोभन देकर धोखाधड़ी की. साथ ही खुद को कस्टम अधिकारी बताकर टैक्स जमा करने के नाम पर भी धोखाधड़ी कर विभिन्न खातों में पैसा मंगवाये हैं. एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कोतवाली ऋषिकेश में पंजीकृत मुकदमे की जांच के बाद एसटीएफ उत्तराखंड की टीम ने विदेशी नागरिक को मोहन गार्डन दिल्ली से गिरफ्तार किया है. ये विदेशी नागरिक घाना वेस्ट अफ्रीका का रहने वाला है.
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बता दें वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने के लिए अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे हैं, जिस क्रम में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन एवं एसटीएफ उत्तराखंड आम जनमानस को जागरूक और साइबर अपराधियों की धरपकड़ कर रही है.
इस तरह हो रहे साइबर अपराध
- किसी पॉलिसी या इनाम का लालच देकर जाल साज भोले-भाले लोगों से उनकी बैंक डिटेल्स लेते हैं. मिनटों में ही उनके खाते का पैसा जालसाजों के खाते में पहुंच जाता है.
- सोशल मीडिया पर विशेष तौर से फेसबुक प्रोफाइल को हैक किया जा रहा है. इसके बाद जालसाज फ्रेंड लिस्ट के कांटेक्ट को मैसेज कर खुद किसी आपदा में फंसे होने का झांसा देकर पैसों की मांग करता है.
- ऑनलाइन शॉपिंग अन्य सेवाएं ओएलएक्स, फेसबुक मार्केटप्लेस, इंडिया मार्ट पर खरीदी और विक्रय के नाम पर अन्य सेवाओं की फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी की जा रही है.
- ऑनलाइन राशि ट्रांसफर करने के लिए प्रचलित यूपीआई जैसे फोन-पे, गूगल-पे को हैक कर राशि की ऑनलाइन ठगी की जा रही है. यूपीआई के डिटेल प्राप्त करने के लिए फर्जी लिंक पर क्लिक कराकर जानकारी हैकर द्वारा प्राप्त की जाती है. यह लिंक उपयोगकर्ता को एक अन्य पेज पर ले जाती है. जहां पर हैकर गूगल डॉक्स जैसे लिंक के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जाती है. यूपीआई उपयोगकर्ताओं के बैंक खातों से सीधे लिंक होता है. यदि उसका एक सेट हैकर के पास जाता है, तो उपयोगकर्ता के बैंक खाते में उपलब्ध राशि की ठगी की जाती है.