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Teachers day 2019: इन शिक्षकों के कार्यों ने लोगों को सोच बदलने पर कर दिया मजबूर

प्रदेश में ऐसे कई शिक्षक हैं जिन्होंने शैक्षणिक क्षेत्र में  उम्दा काम करने की बदौलत राज्य स्तरीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर के सम्मान पाए हैं. लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने  भले ही कोई बड़ा शिक्षक सम्मान न मिला हो, लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें चाहने वालों की संख्या लाखों में है.

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Published : Sep 5, 2019, 8:45 AM IST

Updated : Sep 5, 2019, 10:37 AM IST

इन शिक्षकों के कार्यों ने लोगों को सोच बदलने पर कर दिया मजबूर.

देहरादून: अतीत से ही समाज में शिक्षकों की भूमिका अहम रही है. समाज का हर वर्ग शिक्षक का सम्मान करता है. वहीं, उत्तराखंड के कुछ शिक्षक जिन्होंने सोशल मीडिया पर इस कदर सुर्खियां बटोरी की प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में उनके कार्यों की प्रशंसा होने लगी. प्रदेश में कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें सोशल मीडिया में काफी वाहवाही मिली. सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने वाले आशीष डंगवाल ऐसे शिक्षकों में पहले नंबर पर हैं. इनके अलावा भी कई ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने समाज की सोच को बदल दिया.

इन शिक्षकों के कार्यों ने लोगों को सोच बदलने पर कर दिया मजबूर.

प्रदेश में ऐसे कई शिक्षक हैं जिन्होंने शैक्षणिक क्षेत्र में उम्दा काम करने की बदौलत राज्य स्तरीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर के सम्मान पाए हैं. लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने भले ही कोई बड़ा शिक्षक सम्मान न मिला हो, लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें चाहने वालों की संख्या लाखों में है. इन शिक्षकों के द्वारा किए गए कामों को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के लोगों ने पसंद किया है. सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों के जरिए खूब सुर्खियां बटोरने वाले आशीष डंगवाल ऐसे शिक्षकों में पहले नंबर पर हैं.

पढ़ें-उत्तराखंडः प्लास्टिक फ्री नगर निगम को मिलेगा एक करोड़ रुपये का ईनाम, जानिए सीएम की घोषणाएं

हाल ही में आशीष डंगवाल की स्कूली छात्रों और ग्रामीणों के साथ भावभीनी विदाई से जुड़ी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी.दरअसल, आशीष डंगवाल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित भंकोली गांव में राजकीय इंटर कॉलेज के शिक्षक थे और हाल ही में उनका इस स्कूल से तबादला हो गया था.आशीष के स्थानांतरण की खबर मिलने के बाद स्कूली छात्रों और ग्रामीणों ने जिस तरह विदाई दी उससे हर कोई हैरान रह गया. बता दें कि 27 वर्षीय आशीष डंगवाल समाजिक विज्ञान के एलटी शिक्षक के रूप में भंकोली गांव में अपनी पहली नियुक्ति लेकर साल 2016 में यहां आए थे. लेकिन पिछले माह उनका ट्रांसफर टिहरी के राजकीय इंटर कॉलेज गरखेत कर दिया गया.

अपने चहेते शिक्षक का तबादला होने की खबर के बाद 21 अगस्त को स्कूली छात्रों और स्थानीय लोगों ने आशीष डंगवाल को जिस तरह विदाई दी उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर इस कदर फैली कि हर कोई उसे देख कर आशीष का कायल हो गया. शिक्षक आशीष की ये तस्वीरें इस कदर वायरल हुई कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शिक्षा मंत्री ने भी उन्हें बुलाकर खूब शाबाशी दी. आशीष डंगवाल नियुक्ति के बाद स्थानीय लोगों और छात्रों के बीच इस कदर घुल मिल गए की उन्होंने एक पारिवारिक रिश्ता बनाते हुए छात्रों को बेहतर शिक्षा देने का काम किया. शायद यही वजह थी कि लोगों ने नम आंखों से शिक्षक को बेहद दुखी मन के साथ विदाई दी.

आज जब समाज में शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना कम होती हुई दिखाई देती है तब आशीष डंगवाल जैसे शिक्षक इस पेशे को सम्मान से भर देते हैं .ऐसे ही दूसरे शिक्षक ऋषिकेश स्थित भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य भानु प्रताप सिंह रावत है. भानु प्रताप 31 अगस्त इसी साल रिटायर हुए हैं लेकिन रिटायरमेंट के दौरान जो वीडियो सोशल मीडिया पर आया वह देखकर कोई भी यकीन नहीं कर सका की किसी शिक्षक के जाने पर स्कूली छात्र इस कदर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. 31 अगस्त को रिटायरमेंट के दिन न केवल स्कूली छात्र अपने प्रधानाचार्य से लिपट कर, बिलखकर रो रहे थे. बल्कि प्रधानाचार्य भी अपनी भावनाओं को नहीं रोक सके और उनकी भी आंखें नम हो गई.

सोशल मीडिया पर न केवल सुर्खियां बल्कि सत्ता और विभाग से सीधे दो-दो हाथ करने वाली शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा भी खूब चर्चा में रही. उत्तरा बहुगुणा उत्तरकाशी जिले के नौ गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं और इन्होंने अपने शिक्षक जीवन के 25 साल इसी विद्यालय में दिए हैं. 57 वर्षीय शिक्षिका उत्तराखंड बहुगुणा सोशल मीडिया पर उस समय छाई रही जब उन्होंने अपने तबादले को लेकर 28 जून 2018 को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपनी बात रखी. इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तरा बहुगुणा पंत पर जनता दरबार के दौरान ही इस कदर नाराजगी जताई कि उन्होंने विभाग को तत्काल उत्तरा बहुगुणा पंत को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए थे.

Teachers day
शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा

यही नहीं पुलिस को उत्तरा बहुगुणा पंत की गिरफ्तारी के भी मौखिक आदेश जनता दरबार के मंच से दिए. फिर क्या था जनता दरबार का यह वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही इस कदर फैला की उत्तराखंड की सरहदें पार करते हुए यह वीडियो देशभर में छा गया. रातों रात एक गांव की शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत देश की मीडिया और सोशल मीडिया पर सबसे ऊपर ट्रेंड करने लगी. यही नहीं सरकार की और विभाग की भी इसमें खूब किरकिरी हुई और दिल्ली तक सत्ता के गलियारों में सिर्फ उत्तरा बहुगुणा पंत की चर्चाएं होने लगी थी.

सोशल मीडिया पर एकाएक पसंद की जाने वाली शिक्षिका उषा घिल्डियाल भी हैं, जिनको सोशल मीडिया पर उस समय खूब पसंद किया गया जब उन्होंने रुद्रप्रयाग के जीजीआईसी में पढ़ाने का फैसला किया. ऊषा घिल्डियाल रुद्रप्रयाग डीएम मंगेश घिल्डियाल की पत्नी है और उन्होंने अपने पति के आग्रह पर ही जीजीआईसी रुद्रप्रयाग में पढ़ाने का फैसला लिया था. बता दें कि रुद्रप्रयाग जिला अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जब जीजीआईसी रुद्रप्रयाग में निरीक्षण किया तो उन्होंने पाया कि हाई स्कूल में विज्ञान विषय में शिक्षक का एक पद रिक्त था जिस कारण छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही थी.

teachers day
उषा घिल्डियाल को भी मिली काफी सराहना.

ऐसे में उन्होंने अपनी पत्नी से आग्रह किया कि वह जब तक इस पद पर नियुक्ति ना हो जाए वह छात्रों को पढ़ाएं उसके बाद जीबी पंत विश्वविद्यालय से प्लांट पैथोलॉजी से डॉक्टरेट की उपाधि पाने वाली उषा घिल्डियाल ने फौरन इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. बच्चों के भविष्य के लिए विज्ञान विषय को पढ़ाना भी शुरू कर दिया था. जिसकी पूरे प्रदेश में काफी सराहना हुई.

देहरादून: अतीत से ही समाज में शिक्षकों की भूमिका अहम रही है. समाज का हर वर्ग शिक्षक का सम्मान करता है. वहीं, उत्तराखंड के कुछ शिक्षक जिन्होंने सोशल मीडिया पर इस कदर सुर्खियां बटोरी की प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में उनके कार्यों की प्रशंसा होने लगी. प्रदेश में कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें सोशल मीडिया में काफी वाहवाही मिली. सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने वाले आशीष डंगवाल ऐसे शिक्षकों में पहले नंबर पर हैं. इनके अलावा भी कई ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने समाज की सोच को बदल दिया.

इन शिक्षकों के कार्यों ने लोगों को सोच बदलने पर कर दिया मजबूर.

प्रदेश में ऐसे कई शिक्षक हैं जिन्होंने शैक्षणिक क्षेत्र में उम्दा काम करने की बदौलत राज्य स्तरीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर के सम्मान पाए हैं. लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने भले ही कोई बड़ा शिक्षक सम्मान न मिला हो, लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें चाहने वालों की संख्या लाखों में है. इन शिक्षकों के द्वारा किए गए कामों को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के लोगों ने पसंद किया है. सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों के जरिए खूब सुर्खियां बटोरने वाले आशीष डंगवाल ऐसे शिक्षकों में पहले नंबर पर हैं.

पढ़ें-उत्तराखंडः प्लास्टिक फ्री नगर निगम को मिलेगा एक करोड़ रुपये का ईनाम, जानिए सीएम की घोषणाएं

हाल ही में आशीष डंगवाल की स्कूली छात्रों और ग्रामीणों के साथ भावभीनी विदाई से जुड़ी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी.दरअसल, आशीष डंगवाल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित भंकोली गांव में राजकीय इंटर कॉलेज के शिक्षक थे और हाल ही में उनका इस स्कूल से तबादला हो गया था.आशीष के स्थानांतरण की खबर मिलने के बाद स्कूली छात्रों और ग्रामीणों ने जिस तरह विदाई दी उससे हर कोई हैरान रह गया. बता दें कि 27 वर्षीय आशीष डंगवाल समाजिक विज्ञान के एलटी शिक्षक के रूप में भंकोली गांव में अपनी पहली नियुक्ति लेकर साल 2016 में यहां आए थे. लेकिन पिछले माह उनका ट्रांसफर टिहरी के राजकीय इंटर कॉलेज गरखेत कर दिया गया.

अपने चहेते शिक्षक का तबादला होने की खबर के बाद 21 अगस्त को स्कूली छात्रों और स्थानीय लोगों ने आशीष डंगवाल को जिस तरह विदाई दी उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर इस कदर फैली कि हर कोई उसे देख कर आशीष का कायल हो गया. शिक्षक आशीष की ये तस्वीरें इस कदर वायरल हुई कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शिक्षा मंत्री ने भी उन्हें बुलाकर खूब शाबाशी दी. आशीष डंगवाल नियुक्ति के बाद स्थानीय लोगों और छात्रों के बीच इस कदर घुल मिल गए की उन्होंने एक पारिवारिक रिश्ता बनाते हुए छात्रों को बेहतर शिक्षा देने का काम किया. शायद यही वजह थी कि लोगों ने नम आंखों से शिक्षक को बेहद दुखी मन के साथ विदाई दी.

आज जब समाज में शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना कम होती हुई दिखाई देती है तब आशीष डंगवाल जैसे शिक्षक इस पेशे को सम्मान से भर देते हैं .ऐसे ही दूसरे शिक्षक ऋषिकेश स्थित भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य भानु प्रताप सिंह रावत है. भानु प्रताप 31 अगस्त इसी साल रिटायर हुए हैं लेकिन रिटायरमेंट के दौरान जो वीडियो सोशल मीडिया पर आया वह देखकर कोई भी यकीन नहीं कर सका की किसी शिक्षक के जाने पर स्कूली छात्र इस कदर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. 31 अगस्त को रिटायरमेंट के दिन न केवल स्कूली छात्र अपने प्रधानाचार्य से लिपट कर, बिलखकर रो रहे थे. बल्कि प्रधानाचार्य भी अपनी भावनाओं को नहीं रोक सके और उनकी भी आंखें नम हो गई.

सोशल मीडिया पर न केवल सुर्खियां बल्कि सत्ता और विभाग से सीधे दो-दो हाथ करने वाली शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा भी खूब चर्चा में रही. उत्तरा बहुगुणा उत्तरकाशी जिले के नौ गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं और इन्होंने अपने शिक्षक जीवन के 25 साल इसी विद्यालय में दिए हैं. 57 वर्षीय शिक्षिका उत्तराखंड बहुगुणा सोशल मीडिया पर उस समय छाई रही जब उन्होंने अपने तबादले को लेकर 28 जून 2018 को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपनी बात रखी. इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तरा बहुगुणा पंत पर जनता दरबार के दौरान ही इस कदर नाराजगी जताई कि उन्होंने विभाग को तत्काल उत्तरा बहुगुणा पंत को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए थे.

Teachers day
शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा

यही नहीं पुलिस को उत्तरा बहुगुणा पंत की गिरफ्तारी के भी मौखिक आदेश जनता दरबार के मंच से दिए. फिर क्या था जनता दरबार का यह वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही इस कदर फैला की उत्तराखंड की सरहदें पार करते हुए यह वीडियो देशभर में छा गया. रातों रात एक गांव की शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत देश की मीडिया और सोशल मीडिया पर सबसे ऊपर ट्रेंड करने लगी. यही नहीं सरकार की और विभाग की भी इसमें खूब किरकिरी हुई और दिल्ली तक सत्ता के गलियारों में सिर्फ उत्तरा बहुगुणा पंत की चर्चाएं होने लगी थी.

सोशल मीडिया पर एकाएक पसंद की जाने वाली शिक्षिका उषा घिल्डियाल भी हैं, जिनको सोशल मीडिया पर उस समय खूब पसंद किया गया जब उन्होंने रुद्रप्रयाग के जीजीआईसी में पढ़ाने का फैसला किया. ऊषा घिल्डियाल रुद्रप्रयाग डीएम मंगेश घिल्डियाल की पत्नी है और उन्होंने अपने पति के आग्रह पर ही जीजीआईसी रुद्रप्रयाग में पढ़ाने का फैसला लिया था. बता दें कि रुद्रप्रयाग जिला अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जब जीजीआईसी रुद्रप्रयाग में निरीक्षण किया तो उन्होंने पाया कि हाई स्कूल में विज्ञान विषय में शिक्षक का एक पद रिक्त था जिस कारण छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही थी.

teachers day
उषा घिल्डियाल को भी मिली काफी सराहना.

ऐसे में उन्होंने अपनी पत्नी से आग्रह किया कि वह जब तक इस पद पर नियुक्ति ना हो जाए वह छात्रों को पढ़ाएं उसके बाद जीबी पंत विश्वविद्यालय से प्लांट पैथोलॉजी से डॉक्टरेट की उपाधि पाने वाली उषा घिल्डियाल ने फौरन इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. बच्चों के भविष्य के लिए विज्ञान विषय को पढ़ाना भी शुरू कर दिया था. जिसकी पूरे प्रदेश में काफी सराहना हुई.

Intro:teachers day special

Summary- शिक्षक दिवस पर बाद कुछ ऐसे शिक्षकों की भी ..जिन्होंने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी... यह शिक्षक सोशल मीडिया पर अपने कामों के लिए न केवल खूब चर्चाओं में रहे बल्कि लोगों ने इन्हें जमकर पसंद भी किया... ईटीवी भारत पर सोशल मीडिया के किंग रहे कुछ खास शिक्षकों की स्पेशल रिपोर्ट...


उत्तराखंड के कुछ शिक्षक जिन्होंने सोशल मीडिया पर इस कदर सुर्खियां बटोरी की प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में लोगों ने उन्हें खूब पसंद किया... सोशल मीडिया पर ही देश भर के लाखों लोगों ने उन्हें देखा और उनके काम को लेकर उनकी खूब तारीफें भी की....




Body:प्रदेश में ऐसे कई शिक्षक हैं जिन्होंने शैक्षणिक क्षेत्र में  उम्दा काम करने की बदौलत राज्य स्तरीय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर के सम्मान पाए हैं... लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने  भले ही कोई बड़ा शिक्षक सम्मान न पाया हो लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें चाहने वालों की संख्या लाखों में है... इन शिक्षकों के द्वारा किए गए कामों को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के लोगों ने पसंद भी किया है और उनका समर्थन भी किया...


सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों के जरिए खूब सुर्खियां बटोरने वाले आशीष डंगवाल ऐसे शिक्षकों में पहले नंबर पर हैं... हाल ही में आशीष डंगवाल की स्कूली छात्रों और ग्रामीणों के साथ भावभीनी विदाई से जुड़ी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी..., दरअसल आशीष डंगवाल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित भंकोली गांव में राजकीय इंटर कॉलेज के शिक्षक थे और हाल ही में उनका इस स्कूल से तबादला हो गया था.. आशीष के स्थानांतरण की खबर मिलने के बाद स्कूली छात्रों और ग्रामीणों ने जिस तरह भीगी आंखों से आशीष डंगवाल को विदाई दी उससे हर कोई हैरान रह गया।।। आपको बता दें कि 27 वर्षीय आशीष डंगवाल समाजिक विज्ञान के एलटी शिक्षक के रूप में भंकोली गांव में अपनी पहली नियुक्ति लेकर साल 2016 में यहां आए थे... लेकिन पिछले माह उनका ट्रांसफर टिहरी के राजकीय इंटर कॉलेज गरखेत कर दिया गया.. अपने चहेते शिक्षक का तबादला होने की खबर के बाद 21 अगस्त को स्कूली छात्रों और स्थानीय लोगों ने आशीष गंगवाल को जिस तरह विदाई दी उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर इस कदर फैली कि हर कोई उसे देख कर आशीष का कायल हो गया।।। शिक्षक आशीष की ये तस्वीरें इस कदर वायरल हुई कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शिक्षा मंत्री ने भी उन्हें बुलाकर खूब शाबाशी दी।। दरअसल आशीष डंगवाल नियुक्ति के बाद स्थानीय लोगों और छात्रों के बीच इस कदर घुल मिल गए की उन्होंने एक पारिवारिक रिश्ता बनाते हुए छात्रों को बेहतर शिक्षा देने का काम किया.. शायद यही वजह थी कि लोगों ने नम आंखों से शिक्षक को बेहद दुखी मन के साथ विदाई दी।।


आज जब समाज में शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना कम होती हुई दिखाई देती है तब आशीष डंगवाल जैसे शिक्षक इस पेशे को सम्मान से भर देते हैं ... ऐसे ही दूसरे शिक्षक ऋषिकेश स्थित भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य भानु प्रताप सिंह रावत है... भानु प्रताप 31 अगस्त इसी साल रिटायर हुए हैं लेकिन रिटायरमेंट के दौरान जो वीडियो सोशल मीडिया पर आया वह देखकर कोई भी यकीन नहीं कर सका की किसी शिक्षक के जाने पर स्कूली छात्र इस कदर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं... दरअसल 31 अगस्त को रिटायरमेंट के दिन न केवल स्कूली छात्र अपने प्रधानाचार्य से लिपट कर, बिलखकर रो रहे थे बल्कि प्रधानाचार्य भी अपनी भावनाओं को नहीं रोक सके और उनका दुख भी उनकी आंखों से बाहर निकल आया।।। खास बात यह थी कि भानु प्रताप ने अपना पूरा समय इसी स्कूल में दिया था.. और उन्होंने इस स्कूल में क्षेत्रीय भाषा में प्रार्थना करने समेत कई दूसरे महत्वपूर्ण कदम उठाए थे।।।


सोशल मीडिया पर न केवल सुर्खियां बल्कि सत्ता और विभाग से सीधे दो-दो हाथ करने वाली शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा भी खूब चर्चा में रही... उत्तरा बहुगुणा उत्तरकाशी जिले के 9 गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं और इन्होंने अपने शिक्षक जीवन के 25 साल इसी विद्यालय में दिए हैं.. 57 वर्षीय शिक्षिका उत्तराखंड बहुगुणा सोशल मीडिया पर उस समय छाई रही जब उन्होंने अपने तबादले को लेकर 28 जून 2018 को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपनी बात रखी.. इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तरा बहुगुणा पंत पर जनता दरबार के दौरान ही इस कदर नाराजगी जताई कि उन्होंने विभाग को तत्काल उत्तरा बहुगुणा पंत को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए यही नहीं पुलिस को उत्तरा बहुगुणा पंत की गिरफ्तारी के भी मौखिक आदेश जनता दरबार के मंच से दिए... फिर क्या था जनता दरबार का यह वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही इस कदर फैला की उत्तराखंड की सरहदें पार करते हुए यह वीडियो देशभर में पहुंच गया... रातो रात एक गांव की शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत देश की मीडिया और सोशल मीडिया पर सबसे ऊपर ट्रेंड करने लगी... यही नहीं सरकार की और विभाग की भी इसमें खूब किरकिरी हुई और दिल्ली तक सत्ता के गलियारों में सिर्फ उत्तरा बहुगुणा पंत की चर्चाएं रहीं।।। आपको बता दें कि साल 2015 में उत्तरा बहुगुणा के पति का देहांत हो गया था... जिसके बाद उत्तरा बहुगुणा मुख्यमंत्री से 25 साल दुर्गम में काम करने के बाद अपने बच्चों के साथ देहरादून में स्थानांतरण चाहती थी लेकिन जो वाक्य उत्तरा पंत के साथ भरे जनता दरबार में हुआ उससे उत्तरा पंत के पक्ष में देशभर के लोग सोशल मीडिया पर एकजुट दिखने लगे।।।



सोशल मीडिया पर एकाएक पसंद की जाने वाली शिक्षिका उषा घिल्डियाल भी है जिनको सोशल मीडिया पर उस समय खूब पसंद किया गया जब उन्होंने रुद्रप्रयाग के जीजीआईसी में पढ़ाने का फैसला किया।।। दरअसल ऊषा घिल्डियाल रुद्रप्रयाग डीएम मंगेश घिल्डियाल की पत्नी है... और उन्होंने अपने पति के आग्रह पर ही जीजीआईसी रुद्रप्रयाग में पढ़ाने का फैसला लिया आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग जिला अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जब जीजीआईसी रुद्रप्रयाग में निरीक्षण किया तो उन्होंने पाया कि हाई स्कूल में विज्ञान विषय में शिक्षक का एक पद रिक्त था जिस कारण छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही थी ऐसे में उन्होंने अपनी पत्नी से आग्रह किया कि वह जब तक इस पद पर नियुक्ति ना हो जाए वह छात्रों को पढ़ाएं उसके बाद जीबी पंत विश्वविद्यालय से प्लांट पैथोलॉजी से डॉक्टरेट की उपाधि पाने वाली उषा घिल्डियाल ने फौरन इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और बच्चों के भविष्य के लिए विज्ञान विषय को पढ़ाना भी शुरू कर दिया उसे घिल्डियाल को लेकर जैसे ही सोशल मीडिया पर यह सूचनाएं आई और कुछ तस्वीरें भी पहुंची तो एकाएक यह तस्वीरें वायरल होने लगी और प्रदेश भर में उषा घिल्डियाल के इस काम के लिए उन्हें खूब सराहा गया।।।।





Conclusion:
Last Updated : Sep 5, 2019, 10:37 AM IST
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