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World Tourism Day: कोरोना के बाद उबर रहा उत्तराखंड, धार्मिक के साथ अन्य पर्यटन पर सरकार का फोकस

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Published : Sep 27, 2021, 4:18 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 6:16 PM IST

उत्तराखंड में कोरोना के कारण पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पर्यटन उत्तराखंड की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है. कोरोना की वजह से प्रदेश में टूरिज्म पूरी तरह ठप हो गया था, जो अब सामान्य होते हालातों के साथ पटरी पर लौटने लगा है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने पर्यटन और उससे जुड़े लोगों को राहत देने और रिवाइव करने के लिए प्रयास शुरू कर दिये हैं.

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कोरोना के बाद उबर रहा उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. जिसके चलते राज्य सरकार पर्यटन से जुड़ी व्यवस्थाओं को बेहतर करने की कवायद में जुटी रहती है. उत्तराखंड देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है. यही वजह है कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन से जुड़े श्रद्धालु भारी तादाद में पहुंचते हैं. वहीं, धार्मिक पर्यटन से अतिरिक्त अन्य पर्यटन गतिविधियों की भी उत्तराखंड में काफी संभावना है. जिसके तहत राज्य सरकार, साहसिक खेलों, फ़िल्म टूरिज्म, मेडिकल टूरिज्म समेत पर्यटन गतिविधियों पर जोर दे रही है. जिससे प्रदेश की ओर सैलानियों का रुझान बढ़ सके. मौजूदा स्थिति में प्रदेश में पर्यटकों का रुझान बढाने की कोशिशें हो रही हैं आइये जानते हैं.

कोरोना संक्रमण से पहले हर साल उत्तराखंड में आने वाले सैलानियों की संख्या करीब 4 करोड़ थी. जिसमें से धार्मिक पर्यटन के लिए उत्तराखंड आने वाले सैलानियों की संख्या लगभग आधे से कम ही रही. वहीं, उत्तराखंड सरकार धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन समेत अन्य गतिविधियों को भी बढ़ाये जाने पर भी जोर दे रही है, ताकि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सके.

कोरोना के बाद उबर रहा उत्तराखंड

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इसी क्रम में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से दो दिवसीय उत्तराखंड एडवेंचर फेस्ट का भी आयोजन किया गया. जिसमें एडवेंचर टूरिज्म से जुड़े तमाम लोग शामिल हुए. उत्तराखंड राज्य में साहसिक गतिविधियों की भी अपार संभावनाएं और शुरू से ही साहसिक गतिविधियां प्रदेश में होती रही हैं, मगर कोरोना संक्रमण की दस्तक के साथ पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान पहुंचा है. लिहाजा सरकार एक बार फिर से पर्यटन गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करना शुरू कर दिया है.

पढ़ें- उत्तराखंड चुनाव पर हरीश रावत की नजर, पंजाब में गुटबाजी रोकने में हुए फेल

यही वजह है कि राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ साहसिक पर्यटन पर भी जोर दे रही है. अमूमन यह देखने को मिला है कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन से अलग पर्यटक उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के साथ ही साहसिक खेलों का लुफ्त उठाने के लिए उत्तराखंड आते रहे हैं. पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर साल करीब चार करोड़ सैलानी उत्तराखंड पहुंचते हैं. जिनमें से धार्मिक पर्यटन के लिहाज से उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रहती है. वहीं, उत्तराखंड खूबसूरत वादियों का दीदार करने के साथ ही साहसिक गतिविधियों के लिए सैलानी उत्तराखंड पहुंचते रहे हैं.

पढ़ें- कांग्रेस का दलित वोटरों को साधना इतना आसान नहीं, जानिए वजह

देहरादून में आयोजित एडवेंचर फेस्ट कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का फोकस है कि अगले 10 सालों में उत्तराखंड राज्य को देश के नंबर वन पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए. जिस के अनुरूप अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उत्तराखंड राज्य को पर्यटन राज्य बनाए जाने की ओर कवायद शुरू कर दें. यही नहीं, मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिस चीज की जरूरत है उसमें किसी भी प्रकार की कोई समझौता नहीं होना चाहिए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रदेश इन मौजूद धार्मिक स्थल और पर्यटक स्थलों को विश्व स्तर का पर्यटक स्थल बनाए जाने के लिए सरकार कटिबद्ध है. इसका प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया.

पढ़ें- गैरसैंण को लेकर धरने पर बैठे प्रवीण सिंह से मिले गोदियाल, अनशन कराया समाप्त

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वर्तमान समय में चारधाम की यात्रा संचालित हो रही है, लेकिन वह चाहते हैं कि लोग प्रदेश में मौजूद अन्य पर्यटन गतिविधियों में भी शामिल हों. प्रदेश में चारधाम से अलग तमाम न सिर्फ धार्मिक स्थल है बल्कि प्रदेश में तमाम साहसिक गतिविधियां भी होती हैं. ऐसे में जिन सैलानियों का रुझान साहसिक गतिविधियों की ओर है वो इसका लुफ्त भी प्रदेश में उठा सकते हैं.

पढ़ें- राजधानी में पेड़ों को बचाने की मुहिम शुरू, रीजन फॉर क्लीन एंड ग्रीन का 'चिपको अभियान'

सीएम धामी दे चुके हैं राहत पैकेज

बता दें इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन और चारधाम यात्रा से संबंधित गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए 200 करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी. इस आर्थिक सहायता से लगभग 1.63 लाख परिवार लाभान्वित होंगे.

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. जिसके चलते राज्य सरकार पर्यटन से जुड़ी व्यवस्थाओं को बेहतर करने की कवायद में जुटी रहती है. उत्तराखंड देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है. यही वजह है कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन से जुड़े श्रद्धालु भारी तादाद में पहुंचते हैं. वहीं, धार्मिक पर्यटन से अतिरिक्त अन्य पर्यटन गतिविधियों की भी उत्तराखंड में काफी संभावना है. जिसके तहत राज्य सरकार, साहसिक खेलों, फ़िल्म टूरिज्म, मेडिकल टूरिज्म समेत पर्यटन गतिविधियों पर जोर दे रही है. जिससे प्रदेश की ओर सैलानियों का रुझान बढ़ सके. मौजूदा स्थिति में प्रदेश में पर्यटकों का रुझान बढाने की कोशिशें हो रही हैं आइये जानते हैं.

कोरोना संक्रमण से पहले हर साल उत्तराखंड में आने वाले सैलानियों की संख्या करीब 4 करोड़ थी. जिसमें से धार्मिक पर्यटन के लिए उत्तराखंड आने वाले सैलानियों की संख्या लगभग आधे से कम ही रही. वहीं, उत्तराखंड सरकार धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन समेत अन्य गतिविधियों को भी बढ़ाये जाने पर भी जोर दे रही है, ताकि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सके.

कोरोना के बाद उबर रहा उत्तराखंड

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इसी क्रम में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से दो दिवसीय उत्तराखंड एडवेंचर फेस्ट का भी आयोजन किया गया. जिसमें एडवेंचर टूरिज्म से जुड़े तमाम लोग शामिल हुए. उत्तराखंड राज्य में साहसिक गतिविधियों की भी अपार संभावनाएं और शुरू से ही साहसिक गतिविधियां प्रदेश में होती रही हैं, मगर कोरोना संक्रमण की दस्तक के साथ पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान पहुंचा है. लिहाजा सरकार एक बार फिर से पर्यटन गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करना शुरू कर दिया है.

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यही वजह है कि राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ साहसिक पर्यटन पर भी जोर दे रही है. अमूमन यह देखने को मिला है कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन से अलग पर्यटक उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के साथ ही साहसिक खेलों का लुफ्त उठाने के लिए उत्तराखंड आते रहे हैं. पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर साल करीब चार करोड़ सैलानी उत्तराखंड पहुंचते हैं. जिनमें से धार्मिक पर्यटन के लिहाज से उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रहती है. वहीं, उत्तराखंड खूबसूरत वादियों का दीदार करने के साथ ही साहसिक गतिविधियों के लिए सैलानी उत्तराखंड पहुंचते रहे हैं.

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देहरादून में आयोजित एडवेंचर फेस्ट कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का फोकस है कि अगले 10 सालों में उत्तराखंड राज्य को देश के नंबर वन पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए. जिस के अनुरूप अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उत्तराखंड राज्य को पर्यटन राज्य बनाए जाने की ओर कवायद शुरू कर दें. यही नहीं, मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिस चीज की जरूरत है उसमें किसी भी प्रकार की कोई समझौता नहीं होना चाहिए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रदेश इन मौजूद धार्मिक स्थल और पर्यटक स्थलों को विश्व स्तर का पर्यटक स्थल बनाए जाने के लिए सरकार कटिबद्ध है. इसका प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया.

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वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वर्तमान समय में चारधाम की यात्रा संचालित हो रही है, लेकिन वह चाहते हैं कि लोग प्रदेश में मौजूद अन्य पर्यटन गतिविधियों में भी शामिल हों. प्रदेश में चारधाम से अलग तमाम न सिर्फ धार्मिक स्थल है बल्कि प्रदेश में तमाम साहसिक गतिविधियां भी होती हैं. ऐसे में जिन सैलानियों का रुझान साहसिक गतिविधियों की ओर है वो इसका लुफ्त भी प्रदेश में उठा सकते हैं.

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सीएम धामी दे चुके हैं राहत पैकेज

बता दें इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन और चारधाम यात्रा से संबंधित गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए 200 करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी. इस आर्थिक सहायता से लगभग 1.63 लाख परिवार लाभान्वित होंगे.

Last Updated : Sep 27, 2021, 6:16 PM IST
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