देहरादून: यूपी के बाद उत्तराखंड सरकार भी राजस्थान के कोटा में फंसे 460 छात्रों को बसों के जरिए वापस लेकर आई है. कोटा से छात्रों को लाने का जिम्मा एसडीआरएफ की सेनानायक तृप्ति भट्ट को दिया गया था. उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ के 39 जवानों का दल सब इंस्पेक्टर विपिन बिष्ट के नेतृत्व में 19 अप्रैल को आगरा भेजा गया था. सभी छात्र उत्तराखंड पहुंचे चुके हैं, जिन्हें मेडिकल टेस्ट के बाद उनके घर भेजा जा रहा है.
एसडीआरएफ की सेनानायक तृप्ति भट्ट ने बताया कि प्रशासनिक कारणों से कोटा से आने वाले छात्रों की बसों का स्टेजिंग एरिया आगरा की जगह मथुरा बनाया गया था. सब इंस्पेक्टर विपिन बिष्ट ने 19 अप्रैल को करीब साढ़े तीन बजे मथुरा जिलाधिकारी से मुलाकात की थी और उन से आवश्यक दिशा-निर्देश प्राप्त किए थे. 19 अप्रैल की रात को छात्रों को यूपी रोडवेज की बसों से कोटा से मथुरा लाया गया.
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स्टेजिंग एरिया में ही सभी छात्र-छात्राओं का चिकित्सीय परीक्षण किया गया. इसके बाद सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के छात्रों को अलग-अलग बसों में बैठाया गया. बस में बैठाने से पहले सभी छात्रों को मास्क और सैनिटाइज किया गया. इसके अलावा बसों में फर्स्ट एड बॉक्स और आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिए पैरामेडिकल टीम को भी रखा गया था.
20 अप्रैल को सुबह करीब पांच बजे मथुरा से हल्द्वानी के लिए पहली और दोपहर करीब दो बजे ऋषिकेश के लिए अंतिम बस छात्रों को लेकर निकली. इसके बाद उत्तराखंड पहुंचे सभी छात्रों को क्वारंटाइन किया गया. साथ ही SDRF कर्मियों को भी हल्द्वानी और ग्राफिक एरा देहरादून में क्वारंटाइन किया गया.
इस पूरे अभियान के लिए देहरादून में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया था. एसडीआरएफ की सेनानायक तृप्ति भट्ट कंट्रोल रूम से पूरे अभियान पर नजर बनाए हुए थीं. तृप्ति मथुरा गई टीम को जरूरी दिशा-निर्देश भी दे रही थीं.
कोटा से आए छात्रों का विवरण
अल्मोड़ा | 14 |
बागेश्वर | 03 |
चम्पावत | 19 |
पिथौरागढ़ | 31 |
नैनीताल | 50 |
रुद्रपुर | 145 |
कुमाऊं मंडल के कुल छात्र | 263 |
पौड़ी | 19 |
टिहरी | 05 |
चमोली | 07 |
उत्तरकाशी | 06 |
रुद्रप्रयाग | 03 |
हरिद्वार | 66 |
देहरादून | 42 |
गढ़वाल मंडल कुल छात्र | 148 |