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2022 तक बदल जाएगी शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर, दो वित्तीय वर्षों में होगा स्कूलों का कायाकल्प

उत्तराखंड में विद्यालयी शिक्षा की तस्वीर बदलने के लिए आगामी दो साल बेहद अहम होंगे. उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने सूबे में स्कूलों की दशा सुधारने के लिए दो वित्तीय वर्षों को लक्ष्य बनाया है. विशेष ये है कि विभाग की सारी कसरत मुख्यमंत्री की घोषणा से जुड़ी हुई है.

Dehradun Hindi News
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Published : Mar 6, 2020, 2:31 PM IST

देहरादून: शिक्षा विभाग का प्लान कामयाब रहा तो आने वाले 2022 तक सूबे में विद्यालय के हालात बदले बदले से नजर आएंगे. विभाग ने प्रदेश के स्कूलों के हालातों को बेहतर करने के लिए बजट के लिहाज से दो वित्तीय वर्षों को चिन्हित किया है. इसके तहत विभाग का पूरा ध्यान विद्यालय में संरचनागत विकास को बढ़ाना होगा. सामान्य तौर पर कहें तो स्कूलों में जीर्णशीर्ण भवनों की मरम्मत, अतिरिक्त कक्षाएं, कंप्यूटर, फर्नीचर, लाइब्रेरी, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था जैसी जरूरतों को पूरा किया जाएगा.

2022 तक बदल जाएगी शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर.

इसके लिए विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 को चिन्हित करते हुए जरूरी बजट के लिए इन 2 वर्षों में धन का प्रावधान करने पर विचार किया है. इसमें गैरसैंण में मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए बजट प्रावधान हो चुका है. खास बात यह है कि इन 2 वर्षों में विद्यालय शिक्षा से जुड़े अधिकारी पूरी तरह से स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को लेकर ही केंद्रित रहेंगे.

पढ़ें- उत्तराखंडः संशोधन के साथ नई आबकारी नीति को मिली मंजूरी, ये हैं बदलाव

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी खुद स्कूलों के ढांचागत विकास को लेकर 2022 का लक्ष्य तय कर चुके हैं. ऐसे में अब महकमा मुख्यमंत्री की इस घोषणा को पूरा करने के लिए 2 सालों में कार्य योजना तैयार कर प्रदेश भर के स्कूलों को ढांचागत विकास के लिए तैयार कर रहा है. शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की मानें तो जल्द ही इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा.

देहरादून: शिक्षा विभाग का प्लान कामयाब रहा तो आने वाले 2022 तक सूबे में विद्यालय के हालात बदले बदले से नजर आएंगे. विभाग ने प्रदेश के स्कूलों के हालातों को बेहतर करने के लिए बजट के लिहाज से दो वित्तीय वर्षों को चिन्हित किया है. इसके तहत विभाग का पूरा ध्यान विद्यालय में संरचनागत विकास को बढ़ाना होगा. सामान्य तौर पर कहें तो स्कूलों में जीर्णशीर्ण भवनों की मरम्मत, अतिरिक्त कक्षाएं, कंप्यूटर, फर्नीचर, लाइब्रेरी, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था जैसी जरूरतों को पूरा किया जाएगा.

2022 तक बदल जाएगी शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर.

इसके लिए विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 को चिन्हित करते हुए जरूरी बजट के लिए इन 2 वर्षों में धन का प्रावधान करने पर विचार किया है. इसमें गैरसैंण में मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए बजट प्रावधान हो चुका है. खास बात यह है कि इन 2 वर्षों में विद्यालय शिक्षा से जुड़े अधिकारी पूरी तरह से स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को लेकर ही केंद्रित रहेंगे.

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी खुद स्कूलों के ढांचागत विकास को लेकर 2022 का लक्ष्य तय कर चुके हैं. ऐसे में अब महकमा मुख्यमंत्री की इस घोषणा को पूरा करने के लिए 2 सालों में कार्य योजना तैयार कर प्रदेश भर के स्कूलों को ढांचागत विकास के लिए तैयार कर रहा है. शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की मानें तो जल्द ही इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा.

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