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उत्तराखंड में इस खास वजह से ज्यादा बरसते हैं बदरा, उत्तर भारत में मानसून की ये रहती है स्थिति

Uttarakhand heavy rain उत्तराखंड में हर साल मानसून सीजन में आपदा जैसे हालात बन जाते हैं. जिससे लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है.मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान बारिश अन्य प्रदेशों के तुलना में ज्यादा होती है, जो आपदा का कारण बनती है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 4, 2023, 10:49 AM IST

Updated : Sep 4, 2023, 10:55 AM IST

उत्तराखंड में होती है सबसे ज्यादा बारिश

देहरादून: मानसून सीजन के दौरान उत्तराखंड में लैंडस्लाइड समेत कई घटनाएं हर साल होती हैं. इसकी वजह प्रदेश में ज्यादा बारिश होना माना जाता है. दरअसल, उत्तराखंड ऐसे भूभाग और परिस्थिति में है जिसके कारण मानसून सीजन के दौरान उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में सबसे ज्यादा मानसून का प्रभाव उत्तराखंड पर ही होता है.

मानसून सीजन के दौरान देशभर के विभिन्न राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश का सिलसिला शुरू हो जाता है. उत्तराखंड में तो इस सीजन के दौरान कई घटनाएं होती हैं और तेज बारिश लोगों की परेशानियां भी बढ़ाती है. आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड और इसके आसपास के राज्यों में मानसून का सबसे ज्यादा प्रभाव देव भूमि पर ही पड़ता है. शायद इसलिए उत्तर भारत के इन विभिन्न राज्यों में सामान्य बारिश का आंकड़ा मौसम विभाग की तरफ से उत्तराखंड के लिए सबसे ज्यादा रखा गया है.उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान अच्छी बारिश मिलने की वजह अरेबियन सी की तरफ से आने वाली हवाएं हैं. साथ ही बंगाल की खाड़ी से भी आने वाली हवाएं उत्तराखंड को बेहद ज्यादा प्रभावित करती हैं.
पढ़ें-भारी बारिश से नैनीताल जिले में 500 परिसंपत्तियों और 40 करोड़ से अधिक का नुकसान, डीएम ने जारी किए आंकड़े

मौसम वैज्ञानिक मानते हैं कि अरेबियन सी की तरफ से आने वाली हवाएं उत्तराखंड की चोटियों से टकराकर अपना असर दिखाती हैं. इसी तरह बंगाल की खाड़ी से भी आने वाली हवाएं उत्तराखंड की चोटियों से टकराकर प्रदेश भर में अच्छी बारिश देती है. उधर जब हवाएं आगे बढ़ती हैं तो इनका असर कम हो जाता है और इसलिए हिमाचल और जम्मू कश्मीर तक इन हवाओं के पहुंचते पहुंचते बारिश का असर भी कम रहता है.वैज्ञानिक मानें तो मानसून सीजन के दौरान नॉर्मल रेनफॉल उत्तराखंड के लिए काफी ज्यादा रखा गया है. पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों के लिहाज से तो यह दो गुना है.
पढ़ें-मदद के लिए दर दर भटक रहे हैं कोटद्वार गाड़ीघाट आपदा प्रभावित, नेताओं पर से उठा विश्वास!

दूसरी तरफ हिमाचल और जम्मू कश्मीर के लिहाज से भी उत्तराखंड में सामान्य बारिश का आंकड़ा डेढ़ गुना ज्यादा है. मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि मैदानी राज्यों में मानसून के दौरान सामान्य बारिश 500 मिलीमीटर तक मानी जाती है, जबकि जम्मू कश्मीर में भी मानसून सीजन के दौरान सामान्य रेनफॉल करीब 600 मिलीमीटर तक ही रहता है. उधर हिमाचल में नॉर्मल रेनफॉल 734.4 मिलीमीटर है. उत्तराखंड में नॉर्मल रेनफॉल 1162.6 मिलीमीटर तक है. यानी उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान बारिश बाकी राज्यों के हिसाब से काफी ज्यादा होती है.

उत्तराखंड में होती है सबसे ज्यादा बारिश

देहरादून: मानसून सीजन के दौरान उत्तराखंड में लैंडस्लाइड समेत कई घटनाएं हर साल होती हैं. इसकी वजह प्रदेश में ज्यादा बारिश होना माना जाता है. दरअसल, उत्तराखंड ऐसे भूभाग और परिस्थिति में है जिसके कारण मानसून सीजन के दौरान उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में सबसे ज्यादा मानसून का प्रभाव उत्तराखंड पर ही होता है.

मानसून सीजन के दौरान देशभर के विभिन्न राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश का सिलसिला शुरू हो जाता है. उत्तराखंड में तो इस सीजन के दौरान कई घटनाएं होती हैं और तेज बारिश लोगों की परेशानियां भी बढ़ाती है. आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड और इसके आसपास के राज्यों में मानसून का सबसे ज्यादा प्रभाव देव भूमि पर ही पड़ता है. शायद इसलिए उत्तर भारत के इन विभिन्न राज्यों में सामान्य बारिश का आंकड़ा मौसम विभाग की तरफ से उत्तराखंड के लिए सबसे ज्यादा रखा गया है.उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान अच्छी बारिश मिलने की वजह अरेबियन सी की तरफ से आने वाली हवाएं हैं. साथ ही बंगाल की खाड़ी से भी आने वाली हवाएं उत्तराखंड को बेहद ज्यादा प्रभावित करती हैं.
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मौसम वैज्ञानिक मानते हैं कि अरेबियन सी की तरफ से आने वाली हवाएं उत्तराखंड की चोटियों से टकराकर अपना असर दिखाती हैं. इसी तरह बंगाल की खाड़ी से भी आने वाली हवाएं उत्तराखंड की चोटियों से टकराकर प्रदेश भर में अच्छी बारिश देती है. उधर जब हवाएं आगे बढ़ती हैं तो इनका असर कम हो जाता है और इसलिए हिमाचल और जम्मू कश्मीर तक इन हवाओं के पहुंचते पहुंचते बारिश का असर भी कम रहता है.वैज्ञानिक मानें तो मानसून सीजन के दौरान नॉर्मल रेनफॉल उत्तराखंड के लिए काफी ज्यादा रखा गया है. पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों के लिहाज से तो यह दो गुना है.
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दूसरी तरफ हिमाचल और जम्मू कश्मीर के लिहाज से भी उत्तराखंड में सामान्य बारिश का आंकड़ा डेढ़ गुना ज्यादा है. मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि मैदानी राज्यों में मानसून के दौरान सामान्य बारिश 500 मिलीमीटर तक मानी जाती है, जबकि जम्मू कश्मीर में भी मानसून सीजन के दौरान सामान्य रेनफॉल करीब 600 मिलीमीटर तक ही रहता है. उधर हिमाचल में नॉर्मल रेनफॉल 734.4 मिलीमीटर है. उत्तराखंड में नॉर्मल रेनफॉल 1162.6 मिलीमीटर तक है. यानी उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान बारिश बाकी राज्यों के हिसाब से काफी ज्यादा होती है.

Last Updated : Sep 4, 2023, 10:55 AM IST
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