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UPCL ने महंगी दर पर खरीदी 23 लाख यूनिट बिजली, जानें प्रदेश की इलेक्ट्रिसिटी डिमांड

कोयला जिसे ब्लैक डायमंड कहा जाता है, उसकी किल्लत से इस वक्त पूरे देश पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. माना जा रहा है कि कोयले की किल्लत से बिजली संकट शुरू हो गया है. इन सबके बीच UPCL ने महंगी दर पर 23 लाख यूनिट बिजली खरीदी है.

UPCL bought 23 lakh units of electricity at an expensive rate
UPCL ने महंगे दर पर खरीदी 23 लाख यूनिट बिजली
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Published : Oct 13, 2021, 3:32 PM IST

Updated : Oct 13, 2021, 5:48 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बिजली संकट के खतरे के बीच उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने मांग के अनुसार आपूर्ति कोटा सामान्य करने के लिए महंगी बिजली खरीदी है. यूपीसीएल प्रशासन के मुताबिक मंगलवार को 7.56 रुपए प्रति यूनिट की दर से 2.3 मिलियन (23 लाख) यूनिट बिजली खरीदी गई.

यूपीसीएल प्रशासन ने बुधवार तक प्रदेश में 41 मिलियन (410 लाख) यूनिट बिजली की डिमांड होने की उम्मीद जताई है, जबकि केवल 39.3 मिलियन (393 लाख) यूनिट बिजली ही आपूर्ति के लिए उपलब्ध होगी. ऐसे में 1.7 मिलियन (17 लाख) यूनिट बिजली की किल्लत से कुछ इलाकों में बिजली कटौती होगी. इसलिए बिजली की किल्लत से बचने के लिए कुछ ग्रामीण इलाकों की बिजली काटी जाएगी, ताकि शहरों में किसी तरह की कोई दिक्कत न आ सके.

देशभर में बिजली संकट के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि एक महीने के भीतर स्थिति सामान्य हो जाएगी. दैनिक बिजली और कोयले की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा अगले 5 दिनों में प्रतिदिन कोयला उत्पादन को 194 मिलियन टन से बढ़ाकर 200 मिलियन टन करने की संभावना है.

41 मिलियन यूनिट की है डिमांड: प्रदेश में इस वक्त 41 मिलियन (410 लाख) यूनिट बिजली की डिमांड है. निगम के पास प्रदेश के पावर प्लांट के साथ ही अन्य स्रोतों से रोजाना करीब 36 से 37 मिलियन यूनिट बिजली उपलब्ध हो रही है. चार से लेकर छह मिलियन यूनिट का यह गैप बड़े संकट का कारण बन गया है. रोजाना करीब चार से पांच मिलियन यूनिट बिजली बाहर से खरीदनी पड़ती है.

ये भी पढ़ें: ऊर्जा प्रदेश में बिजली की डिमांड, CM धामी ने सब सामान्य होने का दिया भरोसा

केंद्र ने उत्तराखंड का बिजली कोटा घटाया: दिल्ली सहित देश में बिजली संकट गहराने की खबरों के बीच केंद्र ने उत्तराखंड का बिजली कोटा घटा दिया है. ऐसे में केंद्रीय पावर संस्थानों से प्रदेश को जो बिजली मिलती है, उसमें कमी कर दी गई है. इस वजह से भी यूपीसीएल के लिए संकट पैदा होने लगा है. माना जा रहा है कि उत्तराखंड के हिस्से में इसलिए कमी की गई है, ताकि जिन जगहों पर कोल आधारित बिजली संयंत्रों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है, वहां आपूर्ति की जा सके. उत्तराखंड को करीब 12 मिलियन यूनिट बिजली केंद्र सरकार की विभिन्न ग्रिड से मिलती है.

बिजली की कटौती: मंगलवार की रात 12 बजे से बुधवार की सुबह आठ बजे तक कुछ क्षेत्रों में कटौती हुई. इसके बाद बुधवार को दिनभर सामान्य बिजली आपूर्ति रहेगी. रात नौ बजे से आगामी करीब डेढ़ घंटे तक किल्लत हो सकती है. जिसकी भरपाई रोस्टर से कटौती कर कर रहा है.

देहरादून: उत्तराखंड में बिजली संकट के खतरे के बीच उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने मांग के अनुसार आपूर्ति कोटा सामान्य करने के लिए महंगी बिजली खरीदी है. यूपीसीएल प्रशासन के मुताबिक मंगलवार को 7.56 रुपए प्रति यूनिट की दर से 2.3 मिलियन (23 लाख) यूनिट बिजली खरीदी गई.

यूपीसीएल प्रशासन ने बुधवार तक प्रदेश में 41 मिलियन (410 लाख) यूनिट बिजली की डिमांड होने की उम्मीद जताई है, जबकि केवल 39.3 मिलियन (393 लाख) यूनिट बिजली ही आपूर्ति के लिए उपलब्ध होगी. ऐसे में 1.7 मिलियन (17 लाख) यूनिट बिजली की किल्लत से कुछ इलाकों में बिजली कटौती होगी. इसलिए बिजली की किल्लत से बचने के लिए कुछ ग्रामीण इलाकों की बिजली काटी जाएगी, ताकि शहरों में किसी तरह की कोई दिक्कत न आ सके.

देशभर में बिजली संकट के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि एक महीने के भीतर स्थिति सामान्य हो जाएगी. दैनिक बिजली और कोयले की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा अगले 5 दिनों में प्रतिदिन कोयला उत्पादन को 194 मिलियन टन से बढ़ाकर 200 मिलियन टन करने की संभावना है.

41 मिलियन यूनिट की है डिमांड: प्रदेश में इस वक्त 41 मिलियन (410 लाख) यूनिट बिजली की डिमांड है. निगम के पास प्रदेश के पावर प्लांट के साथ ही अन्य स्रोतों से रोजाना करीब 36 से 37 मिलियन यूनिट बिजली उपलब्ध हो रही है. चार से लेकर छह मिलियन यूनिट का यह गैप बड़े संकट का कारण बन गया है. रोजाना करीब चार से पांच मिलियन यूनिट बिजली बाहर से खरीदनी पड़ती है.

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केंद्र ने उत्तराखंड का बिजली कोटा घटाया: दिल्ली सहित देश में बिजली संकट गहराने की खबरों के बीच केंद्र ने उत्तराखंड का बिजली कोटा घटा दिया है. ऐसे में केंद्रीय पावर संस्थानों से प्रदेश को जो बिजली मिलती है, उसमें कमी कर दी गई है. इस वजह से भी यूपीसीएल के लिए संकट पैदा होने लगा है. माना जा रहा है कि उत्तराखंड के हिस्से में इसलिए कमी की गई है, ताकि जिन जगहों पर कोल आधारित बिजली संयंत्रों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है, वहां आपूर्ति की जा सके. उत्तराखंड को करीब 12 मिलियन यूनिट बिजली केंद्र सरकार की विभिन्न ग्रिड से मिलती है.

बिजली की कटौती: मंगलवार की रात 12 बजे से बुधवार की सुबह आठ बजे तक कुछ क्षेत्रों में कटौती हुई. इसके बाद बुधवार को दिनभर सामान्य बिजली आपूर्ति रहेगी. रात नौ बजे से आगामी करीब डेढ़ घंटे तक किल्लत हो सकती है. जिसकी भरपाई रोस्टर से कटौती कर कर रहा है.

Last Updated : Oct 13, 2021, 5:48 PM IST

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