देहरादून: चीन और नेपाल से लगे उत्तराखंड के सीमांत जिलों में सुरक्षा की दृष्टि से उत्तराखंड पुलिस पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर कुछ नए कदम उठाने जा रही है. इसके लिए उत्तराखंड पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से विकास महोत्सव जैसे कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है.
विकास महोत्सव के तहत उत्तराखंड पुलिस सीमांत जिलों में मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ युवाओं का आगे बढ़ाने का काम करेगी. उनके लिए कई योजनाओं का शुरू करेगी. उत्तराखंड पुलिस का काम स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर विकास की योजनाओं को धरातल पर उतारना है.
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पहले चरण में प्रदेश के तीन जिलों पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी में विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. विकास महोत्सव को आंतरिक सुरक्षा के दृष्टिगत बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि हर साल राष्ट्रीय स्तर आयोजित होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस में बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिशा-निर्देश दिए थे. उन्हीं दिशा-निर्देशों के आधार पर राज्यों के डीजीपी ने निर्णय लिया है.
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस के तहत उत्तराखंड पुलिस अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर विकास महोत्सव का आयोजन करेगी. इस कार्यक्रम के तहत बॉर्डर के आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षा की दृष्टिगत कई महत्वपूर्ण बिंदु पर जागरूक किया जाएगा.
बॉर्डर क्षेत्र में घटती जनसंख्या को लेकर भी सरकार और पुलिस ने चिंता जाहिर की है. बॉर्डर क्षेत्र में जनसंख्या का घटना सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं है. वहीं राज्य सरकार के मुताबिक सीमांत क्षेत्रों में बाहरी स्थानों से कुछ विशेष समुदाय की जनसंख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से ये एक चिंता का विषय है. यही कारण है कि मौजूदा राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के एसपी और जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा गया है कि सीमांत क्षेत्रों में मूल रूप से स्थानीय लोगों की घटती जनसंख्या की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर इसमें उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें.